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राजनांदगांव

धार्मिक मामले को लेकर आदिवासियों के साथ गाली-गलौच, डिप्टी रेंजर के खिलाफ लामबंद हुये ग्रामीण

सौ से अधिक की संख्या में आदिवासी महिला-पुरूष शिकायत लेकर पहुंचे कलेक्ट्रेट व डीएफओ ऑफिस

मामला वनांचल में बसे ग्राम गाड़ाघाट जंगल का

ग्रामीणों ने की डिप्टी रेंजर के खिलाफ कार्यवाही की मांग

कार्यवाही नहीं होने पर आदिवासी थाना जायेंगे ग्रामीण

सत्यमेव न्यूज़/खैरागढ़. धार्मिक मामले को लेकर डिप्टी रेंजर के व्यवहार से क्षुब्ध वनांचल के वनवासी आदिवासियों ने डीएफओ सहित कलेक्टर को लिखित में शिकायत देकर कानूनी कार्यवाही की मांग की है. जानकारी अनुसार गुरूवार को 100 से अधिक की संख्या में जिला मुख्यालय पहुंचे ग्राम गाड़ाघाट जंगल व आसपास के ग्रामीणों ने बताया कि इलाके में पदस्थ डिप्टी रेंजर आबिद अली सैय्यद व उसकी पत्नी शमां परवीन की गाली-गलौच व धमकी से सभी परेशान हैं. दरअसल बीते 2019-20 से गांव के एक देवीय स्थान में ग्रामीण एकमत होकर सुबह 5 से 6 बजे के बीच भक्ति भजन गीत बजाते हैं जो डिप्टी रेंजर दंपत्ति को नगंवारा गुजर रहा है जबकि क्षेत्र में निवासरत सभी आदिवासियों की धार्मिक आस्था यहां से जुड़ी हुई है.

शिकायत को लेकर जिला मुख्यालय पहुंचे आदिवासी ग्रामीणों का कहना है कि रेडियो में धार्मिक भजन-भक्ति गीत चलने से किसी को कोई परेशानी नहीं है लेकिन डिप्टी रेंजर व उसकी पत्नी लगातार गाली-गलौच कर ग्रामीणों को धमकी दे रहे हैं और रेडियो बंद करने दबाव बना रहे हैं. इससे पहले भी डिप्टी रेंजर आबिद अली सैय्यद द्वारा गणेश पूजा और होलिका दहन के आयोजन को लेकर ग्रामीणों से लड़ाई-झगड़ा करता आया है वहीं डिप्टी रेंजर व उसकी पत्नी आपस में ही लड़ाई-झगड़ा कर गंदी-गंदी गालियां देते हैं और गांव वालों को जंगली, जाहिल व गंवार कहकर ताने मारते हैं. 13 दिसंबर मंगलवार को अचानक डिप्टी रेंजर फिर से गाली-गलौच करने लगा और धमकी दिया है कि वह डिप्टी रेंजर है और वह हर घर से पलंग-कुर्सी जलाव लकड़ी और घर के लिये दरवाजा आदि उपयोग के लिये सामान बनाते हो तुम्हें जेल भेजवा दूंगा.

मामले को लेकर पूर्व में मोबाईल फोन में आदिवासियों के साथ की गई जातिगत गाली-गलौच और धमकी की वाइस रिकार्ड भी ग्रामीणों के पास मौजूद है जिसमें डिप्टी रेंजर आबिद अली ने जातिगत प्रताडऩा करते हुये गंदे-गंदे शब्द कहते हुये आदिवासियों को जाहिल, गंवार जैसे शब्दों का प्रयोग किया गया है और गांव के प्रमुखों को थाने ले जाकर पिटवाने व उनसे पैसे लेने की बात कही है. मामले को लेकर ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर खैरागढ़ जिला मुख्यालय में दोषी डिप्टी रेंजर के विरूद्ध कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई तो वे सब साक्ष्य के साथ डिप्टी रेंजर के विरूद्ध आदिवासी थाना राजनांदगांव जाकर रिपोर्ट दर्ज करवायेंगे और उग्र आंदोलन करेंगे.

ज्ञापन सौंपने पहुंचे ग्रामीणों में नम्मू, दिलबहल, सिरोतन, हेमनाथ, ईश्वर, रामनाथ, गोकुल, गूहा, गौतम, चंद्रभूषण, सालिक, लिखन, मकसूदन, बुदुक, श्रवण, वीरेन्द्र, नरेश, लवकुमार, दिलीप, दिनेश, नरेन्द्र, रवि, आनंद, सुखदेव, टिकम, तिहारू, संजय, रामचंद, जनक, परमानंद, राजेश, सुखनंदन, तोपसिंग, गुहरी, प्रकाश मंडावी, गन्नूराम, प्रताप सिंह, तुलाराम, इंदलु, संतोष, कमलेश, संतराम, सोनम, रजनी, पार्वती, मानबाई, भागबती, रामकुंवर, सोनबती, मीरा, निर्मला, सावित्री, उर्मिला, रूपसिंह, सुनीता, कृष्णा, शारदा, काली, शांति, रामकुमारी, धनेश्वरी, सुखिया, अनूप, गोमती, दुकाला, त्रिवेणी, कलेन्द्री, फुलमत सहित 100 से अधिक संख्या में ग्रामीणों ने ज्ञापन सौंपकर कार्यवाही की मांग की है.

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