धान खरीदी केन्द्रों में व्याप्त अव्यवस्था को दूर करने कांग्रेसियों ने राज्यपाल को लिखा पत्र
किसानों की समस्याओं का निराकरण करने की मांग
एसडीम खैरागढ़ को ज्ञापन सौंप बताई किसानों की समस्या
सत्यमेव न्यूज खैरागढ़. जिले के धान खरीदी केन्द्रो में फैली अव्यवस्था को दूर करने के साथ ही किसानों की समस्याओं का निराकरण किये जाने कांग्रेसियों ने राज्यपाल के नाम एसडीम खैरागढ़ को ज्ञापन सौंपा है। जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गजेंद्र ठाकरे के निर्देश पर ज्ञापन में शहर कांग्रेस अध्यक्ष भीखमचंद छाजेड़ व ग्रामीण अध्यक्ष आकाशदीप सिंह सहित कांग्रेसियों ने बताया है कि 14 नवंबर से पूरे प्रदेश में धान खरीदी शुरू है लेकिन धान खरीदी केन्द्रों में व्याप्त अव्यवस्था तथा सरकार की नीतियों के कारण किसानों को परेशान होना पड़ रहा है। 3 दिसंबर को कांग्रेस ने धान खरीदी केन्द्र चलो अभियान चलाया जिसमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेतागण, पदाधिकारी धान खरीदी केन्द्रों पर गये जहां उन्होंने किसानों की परेशानियों को देखा। कांग्रेसियों ने धान खरीदी केन्द्रों में अव्यवस्था को लेकर कहा कि वहां बारदाने की कमी है जिससे किसानों को धान बेचने में परेशान होना पड़ रहा। सरकार ने कहा है कि 50 प्रतिशत नये, 50 प्रतिशत पुराने बारदानों का उपयोग किया जाये। 50 प्रतिशत पुराने बारदाने समितियों में पहुंचे ही नहीं है जिसके कारण धान खरीदी बाधित हो रही है। पुराने बारदाने फटे हुये है जिसमें धान भरा ही नहीं जा सकता। किसानों से कहा जा रहा 50 प्रतिशत बारदानो की व्यवस्था स्वयं करो उसका भुगतान किया जायेगा लेकिन किसानो के बारदाने का पैसा भी नहीं मिल रहा। टोकन की व्यवस्था अव्यवहारिक है जिससे किसानों को परेशान होना पड़ रहा, नंबर ही नहीं आ रहा। टोकन कटने की तारीख से 7 से 10 दिन बाद धान बेचने के लिये किसानों को बुलाया जा रहा है। 15 दिन बाद तक का भी टोकन नहीं मिल रहा। इलेक्ट्रॉनिक कांटा में जो तौलाई हो रहा है उसमें 1.5 किलो से 2.5 किलोग्राम अधिक तौला जा रहा है। सोसायटियों में धान का उठाव नहीं होने के कारण जगह की कमी है। धान के बोरे जाम है और जगह का अभाव हो गया है। अनावरी रिपोर्ट कम बनाई गयी है तथा खरीदी भी 21 क्विटल के हिसाब से नहीं हो रही है। किसानों से पूरा धान नहीं खरीदा जा रहा है। अनावरी रिपोर्ट गलत बनाया जा रहा जिसके आधार पर मात्र 9 से 14 विवंटल धान खरीदा जा रहा, पूरा 21 क्विंटल धान नहीं खरीदा जा रहा है। बड़े किसान अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं परन्तु उनकी बारी ही नहीं आ रही है।सरकार ने यह घोषणा की है कि 72 घंटे में किसानों के खाते में पैसा आयेगा लेकिन जो लोग धान बेच चुके है, उनके खाते में रकम हफ्तों तक नहीं आया है। जो रकम आ रहा है वह एक मुश्त 3100 नहीं है सिर्फ 2300 रु. प्रति क्विंटल ही आ रहा है। भाजपा ने 3100 रू. एक मुश्त देने का वादा किया था। कांग्रेसियों ने मांग की है कि धान की कीमत का भुगतान 3217 रू. में करें क्योंकि 3100 रु. भाजपा ने अपने चुनावी वायदे में कहा था और इस वर्ष केन्द्र सरकार ने धान का समर्थन मूल्य 117 रू. बढ़ा दिया है। इस कारण इस वर्ष धान की खरीदी 3100 रु. से बढ़ाकर 3217 रू. किया जाये। कांग्रेस के समय भी कांग्रेस ने धान का समर्थन मूल्य 2500 देने का वादा किया था लेकिन समर्थन मूल्य बढ़ने पर कांग्रेस ने 2640 रू. में धान खरीदी किया था। बीज उत्पादक किसानों से सोसायटी में धान नहीं खरीदा जा रहा। सोसायटी में सूचना चस्पा किया गया है कि बीज उत्पादक किसानों का धान नहीं लिया जायेगा। सोसायटी से धान संग्रहण केंद्रों में भेजा जा रहा है जबकि यह सीधे मिलरों के पास जाना चाहिये। कांग्रेसियों ने मांग की है कि किसानों की परेशानियों के निराकरण कर किसानों के पूरे धान की खरीदी सुनिश्चित करने राज्य सरकार को आवश्यक निर्देश दिया जाए।