डिप्टी रेंजर सुनील सिंह की सड़क हादसे में दर्दनाक मौत

भिलाई के एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान तोड़ा दम
खैरागढ़ राजपरिवार सहित वन महकमे में शोक की लहर
सत्यमेव न्यूज खैरागढ़ वन परिक्षेत्र खैरागढ़ में पदस्थ उपवन क्षेत्रपाल सुनील सिंह की मंगलवार को एक लोमहर्षक सड़क दुर्घटना में दर्दनाक मौत हो गई। कर्तव्य का निर्वहन करते हुए अपने जीवन की आहुति देने वाले डिप्टी रेंजर सुनील सिंह अब इस दुनिया में नहीं है। मंगलवार की सुबह एक हृदय-विदारक सड़क हादसे में उनकी असमय मृत्यु हो गई। जानकारी अनुसार सुनील हर रोज की तरह अपनी ड्यूटी के लिए निकले थे लेकिन इस बार वापसी एक निर्जीव शरीर के रूप में हुई। घटना सुबह उस समय हुई जब सुनील खैरागढ़ के पास ईटार सब स्टेशन के समीप से गुजर रहे थे। इसी दौरान एक तेज़ रफ्तार मालवाहक वाहन ने पीछे से उन्हें टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भयावह थी कि वे सड़क पर गिर पड़े और उनके सिर, पीठ और शरीर के कई हिस्सों में गंभीर चोटें आयी।
समय पर नहीं मिल पायी कोई मदद और चिकित्सकीय सुविधा
घटना के बाद कुछ समय तक सुनील को कोई मदद नहीं मिल सकी लेकिन संयोगवश, उसी मालवाहक वाहन के चालक ने मानवीयता दिखाते हुए घायल अवस्था में पड़े सुनील सिंह को अपने ही वाहन से खैरागढ़ के अस्पताल पहुंचाया वहां मौजूद चिकित्सकों ने प्राथमिक जांच के बाद तुरंत उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें भिलाई के एक निजी अस्पताल रेफर कर दिया लेकिन अफसोसनाक बात कि तमाम चिकित्सकीय प्रयासों के बावजूद वे जिंदगी की जंग हार गए और इलाज के दौरान ही उन्होंने अंतिम सांस ली। जैसे ही उनके निधन की खबर खैरागढ़ पहुंची पूरे वन विभाग, प्रशासनिक अमले व राजपरिवार सहित उनके परिचितों में शोक की लहर दौड़ गई। परिवारजन इस असामयिक घटना से गहरे सदमे में हैं। मंगलवार की देर शाम लालपुर स्थित मुक्तिधाम में उनका अंतिम संस्कार किया गया और सभी ने नाम आंखों से उन्हें विदाई दी। उनके सहकर्मियों ने उन्हें एक संवेदनशील, कर्मठ, कर्तव्यनिष्ठ और मिलनसार अधिकारी के रूप में याद किया है जिनकी कार्यशैली और व्यवहार ने सभी के दिलों में गहरी छाप छोड़ी थी। डिप्टी रेंजर सुनील सिंह न केवल अपने विभाग में बल्कि आम जनों के बीच भी एक समर्पित और सजग अधिकारी के रूप में पहचाने जाते थे। पर्यावरण सुरक्षा, वन संरक्षण और जन-जागरूकता के कई अभियानों में उन्होंने सक्रिय भूमिका निभाई थी। उनका यूं अचानक जाना न केवल वन विभाग के लिए बल्कि समूचे समाज के लिए अपूरणीय क्षति है। विभागीय स्तर पर श्रद्धांजलि सभा आयोजित कर उन्हें भावभीनी विदाई दी जा रही है।