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जैन समाज मनायेगा श्रीमद्जैनाचार्य रामेश का 50वां सुवर्ण दीक्षा महामहोत्सव

सत्यमेव न्यूज खैरागढ़. जैन समाज के द्वारा श्रीमद्जैनाचार्य रामेश के 50वें जन्म दिवस पर सुवर्ण दीक्षा महामहोत्सव मनायेगा। युगनिर्माता जैनाचार्य रामलाल जी म.सा. एक अलौकिक महापुरुष हैं। उनका जन्म सन् 1952 में देशनोक (राजस्थान) में नेमचंद भूरा की धर्म पत्नी श्रीमती गवरा देवी भूरा की कुक्षि से हुआ। यौवन की दहलीज पर आते ही उन्होंने समता विभूति आचार्य नानालाल जी म.सा. के श्री चरणों में सन् 1975 में जैन दीक्षा अंगीकार किया। 1992 में आचार्य नानेश ने उन्हें अपना उत्तराधिकारी घोषित किया तथा 1999 में आचार्य पद पर आरूढ़ हुए। आचार्य श्री का संयमित जीवन त्याग तप से ओत प्रोत है। वें भौतिक संसाधनों से परिपूर्ण इस युग में भी भगवान महावीर के सिद्धांतों के अनुसार कठोर साधु मर्यादा का दृढ़ता से पालन करते हैं तथा वाहन एवं किसी भी प्रकार के विद्युतीय उपकरणों का उपयोग नहीं करते हैं। उन्होंने पिछले 50 वर्षों में देश के 16 राज्यों व केन्द्र शासित प्रदेशों में पैदल विचरण करते हुए जन-जन को नैतिकता, सदाचार और संस्कार का सदुपदेश दिया है। उनके प्रवचनों और सत्साहित्य ने अनेक लोगों को जीने की सच्ची राह दिखाई है। इन्होंने समाज कल्याण के लिए अनेक आयाम प्रस्तुत किए हैं। उनके व्यसन मुक्ति अभियान से प्रेरित होकर लाखों लोगों ने शराब, गुटका, तंबाकू आदि व्यसनों का त्याग किया है। विवाह आदि कार्यक्रमों में होने वाले दिखावे और संस्कृति को पतन की ओर ले जाने वाली कुरीतियों के उन्मूलन के लिये सामाजिक उत्क्रान्ति का उद्घोष किया। प्रत्येक व्यक्ति में नैतिकता का गुण विकसित हो, भारत देश ही नहीं समग्र विश्व दुराचार रिश्वत-खोरी आदि बुराइयों से बचकर नैतिकता की राह पर चले इसके लिये उन्होंने इक्कीस सूची नियमावली का पालन करने वाले गुणशील समाज की स्थापना की। उनके गुणां से प्रभावित होकर 400 से अधिक साधकों ने जैन दीक्षा ग्रहण की है। उनके नेतृत्व में वर्तमान में 480 से अधिक साधु-साध्वी पूरे देश में पैदल विहार करते हुए जन-जन को सदुपदेश दे रहे हैं। ऐसे अनेक गुणों से सुशोभित आचार्य श्री के साधु जीवन के 50 वर्ष 9 फरवरी 2025 को पूर्ण होने जो रहे हैं। उनका अनुयायी गृहस्थ वर्ग जिसे श्री अखिल भारतवर्षीय साधुमार्गी जैन संघ के नाम से जाना जाता है। उस संघ के द्वारा 50 वर्ष की पूर्णता को महत्तम महोत्सव (आचार्य श्री रामेश दीक्षा सुवर्ण महोत्सव) के रूप में पिछले 3 वर्षों से ज्ञानार्जन व्रत, तप-त्याग के साथ जीवदया व रक्तदान आदि लोकोपकारी कार्यों से मनाया जा रहा है।

इस पावन प्रसंग कर अखिल भारतीय साधु मार्गी जैन संघ की खैरागढ़ इकाई के द्वारा आचार्य श्रीरामेश सुवर्ण दीक्षा महा-महोत्सव
को तप त्यागपूर्वक मनाया जायेगा। इस पावन प्रसंग पर खैरागढ़ जैन संघ को चतुर्विद संघ का लाभ भी मिल रहा है। शासन दीपक श्रीअक्षय मुनिजी म.सा.आदि ठाणा-2 समता भवन में एवं शासन दीपिकाश्री विवेकशीला जी म.सा. आदि ठाणा 4 श्रीआराधना भवन के पीछे उपाश्रय में सुख साता पूर्वक विराजे है। उनके सानिध्य में
रविवार 9 फरवरी को इस पावन प्रसंग पर सामूहिक एकासन रखा गया है। समता शाखा एवं प्रवचन गुणवाद सभा सुबह 8:00 बजे से होगा।आराधना, तप-त्याग कर श्रीचरणों में भेंट के लिये खैरागढ़ संघ द्वारा अर्पण किया जा रहा है। ज्ञात हो कि इस महोत्सव का शिखर दिवस (अन्तिम दिन) 9 फरवरी आचार्यश्री के सानिध्य में नोखामंडी (राजस्थान) में मनाया जा रहा है। उक्तशय की जानकारी साधुमार्गी संघ के महामंत्री अजय सुराना व सेवाभावी नवीन जैन ने दी।

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