जीवन में दुख ईश्वर के द्वारा नियोजित संघर्ष का परिचायक है- पं.शास्त्री महाराज
चिखलदाह में आयोजित श्रीमद् भागवत महापुराण में बड़ी संख्या में जुट रहे श्रद्धालु
सत्यमेव न्यूज़/खैरागढ़. जिला मुख्यालय से लगे चिखलदाह में बीबीसी परिवार द्वारा माता कुमारी देवी सिंह की स्मृति में आयोजित श्रीमद् भागवत महापुराण सप्ताह ज्ञान यज्ञ समारोह का शुभारंभ वेदी पूजा, शोभायात्रा व गोकर्ण महात्म्य के साथ हुआ. महापुराण के आयोजन में लगातार तीसरे दिन श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी. तृतीय दिवस कथा व्यास पं.झम्मन शास्त्री ने प्रहलाद चरित्र एवं ध्रुव चरित्र की कथा सुनाई साथ ही राजा बलि की कथा गाते हुए कहा कि श्रद्धालुओं की भक्ति का पता विपत्तियों में ही चलता है. विपत्तियां श्रद्धालुओं की भक्ति की परीक्षा भी है और अवसर भी है. भक्त प्रहलाद ने अपने पिता के द्वारा किए गए अत्याचारों को भगवान के ऊपर विश्वास रखते हुए सहन किया अंत में भगवान स्वयं प्रकट होकर अत्याचारी का अंत किया. हमें भी विपत्तियों में भगवान के परीक्षा को समझना चाहिए एवं भगवान पर विश्वास करना चाहिए राजा बलि की कथा सुनाते हुए दान की विशेष महत्व को बताया दान करने से धन की शुद्धता होती है. आज के समय में लोग तरह-तरह के यत्न करके पैसा कमा रहे हैं. इस दौरान वह भी नहीं देख रहे हैं कि उसे धन का क्या प्रभाव पड़ेगा इसलिए जितना भी कमा रहे हो उसका कुछ हिस्सा जनकल्याण के कार्यों में खर्च करें. भागवत कथा अमृत तुल्य है. शास्त्री जी ने कथा वाचन करते कहा कि 18 पुराणों में वेद के मंत्रों की व्याख्या भगवान वेद् व्यास ने की सत्य धाम व न्याय नीति की स्थापना के लिए श्रद्धालुओं को संघर्ष करना चाहिए भागवत कथा अमृत तुल्य है वर्तमान समाज में द्वंद, संघर्ष, कलह, कटुता, द्वेष बढ़ रहा है जो विषतुल्य है. उन दस प्रवृत्तियों को रोकने के लिए सात्विक भावना से सात्विक विचार से भागवत कथा सुनने व भागवत संकीर्तन की आवश्यकता है जिससे समाज में सभी प्रकार की कुरीतियों का समन होगा और समाज व मानव को बचाया जा सकता है. आखिर में महाआरती एवं प्रसादी वितरण किया गया.