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जिले के धान खरीदी केन्द्रों में हमाली वसूली पर बढ़ा विवाद

सत्यमेव न्यूज खैरागढ़। प्रदेशभर के धान खरीदी केन्द्रों में किसानों से जबरन हमाली शुल्क वसूले जाने को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। छत्तीसगढ़ विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष डॉ.चरणदास महंत द्वारा सरकार को भेजे गए पत्र के बाद खैरागढ़ की विधायक श्रीमती यशोदा नीलांबर वर्मा ने इस प्रकरण पर तुरंत रोक लगाने और दोषियों पर कठोर कार्रवाई की मांग की है।

खैरागढ़ विधायक ने धान खरीदी केंद्र का निरीक्षण किया जिसके बाद किसानों के आरोप सही पाए गए है। जालबांधा समिति सदस्यों के साथ खरीदी केन्द्र पहुंचीं विधायक को निरीक्षण के दौरान किसानों ने बताया कि कई स्थानों पर बोरे का वजन 41 से 42 किलो तक लिया जा रहा है जिससे उनकी उपज का सीधा नुकसान हो रहा है। विधायक वर्मा ने मौके पर ही बोरों की तलवाई करवाई जिसमें गड़बड़ी की पुष्टि हुई। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि ऐसे हालात किसानों की मेहनत पर सीधा आघात हैं जिन्हें किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं किया जा सकता। विधायक श्रीमती वर्मा ने कहा कि किसानों से अवैध वसूली किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि हमाली शुल्क वसूली पर तत्काल रोक लगाई जाए और खरीदी केन्द्रों में पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए और सोसायटियों को अपनी जिम्मेदारी पूरी ईमानदारी से निभाने के निर्देश दिए जाएं। उन्होंने कहा कि लगातार मिल रही शिकायतें बताती हैं कि यह अवैध वसूली किसानों की जेब पर सीधी चोट है और समर्थन मूल्य तंत्र की विश्वसनीयता को प्रभावित करती है। निरीक्षण के दौरान विधायक प्रतिनिधि गैंदलाल कुर्रे, जनपद सदस्य भुखन बंजारे, अशोक साहू, नरेश वर्मा, शुभम वर्मा, माधव बंजारे, खुमान वर्मा और रामेश्वर साहू सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण किसान उपस्थित रहे।

मामले को लेकर बयान देते हुए विधायक श्रीमती वर्मा ने बताया कि डॉ.महंत ने अपने पत्र में कहा है कि खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के दौरान किसानों पर दो तरह का दबाव बनाया जा रहा है। या तो उन्हें सोसायटी के बोरे में धान भरकर लाने को बाध्य किया जा रहा है या फिर ₹7.50 प्रति क्विंटल (₹3 प्रति कट्टा) के हिसाब से नकद हमाली शुल्क देने के लिए मजबूर किया जा रहा है। किसानों का आरोप है कि शुल्क दिए बिना उनकी उपज स्वीकार नहीं की जा रही जिससे वे आर्थिक व मानसिक दबाव झेल रहे हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार पहले से ही बोरा भराई, तौल, सिलाई, छपाई, लोडिंग और स्टैकिंग जैसे सभी कार्यों के लिए ₹22.05 प्रति क्विंटल मंडी लेबर चार्ज निर्धारित कर चुकी है। ऐसे में किसानों से अलग से हमाली शुल्क वसूलना पूर्णतः अवैधानिक और अनैतिक है।

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