जिले के धान खरीदी केन्द्रों में धान का उठाव नहीं होने से खरीदी प्रभावित
क्षमता से कई गुना अधिक धान जाम होने से बढ़ रही परेशानी
जगह की कमी के चलते कई समितियों में खरीदी बंद करने की स्थिति
सत्यमेव न्यूज खैरागढ़. जिले के धान खरीदी केन्द्रों में धड़ल्ले से धान की खरीदी तो की जा रही है परंतु समय पर धान का उठाव नहीं होने के चलते अधिकांश समितियों में धान खरीदी प्रभावित हो रही है। जिले में ऐसी कई समितियां है जहां क्षमता से कई गुना अधिक धान जाम हो चुका है जिसके कारण अब वहां धान रखने के लिये जगह की कमी पड़ रही है, ऐसे में आगामी दिनों में धान खरीदी बंद करने की भी स्थिति निर्मित हो रही है। एक-दो धान खरीदी केन्द्रों की बात होती तो अलग बात है परंतु जिलेभर के लगभग धान खरीदी केन्द्रों में यही हाल है। ऐसे में अब समिति प्रबंधकों सहित वहां कार्यरत कर्मचारियों के बीच अब एक नई समस्या उत्पन्न हो गई है। बता दे कि समितियों से धान उठाव को लेकर प्रतिवर्ष इस तरह की समस्या निर्मित होती है लेकिन इस समस्या का समाधान निकालने में जिला प्रशासन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठा पायी है जिसका खामियाजा अब समितियों सहित किसानों को उठाना पड़ रहा है। ज्ञात हो कि कुछ समितियां ऐसी है जहां शुक्रवार को ही धान खरीदी लगभग बंद कर दी गई थी वहीं बताया जा रहा है कि सोमवार से अधिकांश धान खरीदी केन्द्रों में धान खरीदी बंद करने की स्थिति निर्मित हो सकती है। ऐसे में जिला प्रशासन के सामने एक बड़ी चुनौती है कि क्षमता से कई गुना अधिक धान जाम होने वाली समितियों से धान का उठाव कैसे कराया जाये। हालांकि धान उठाव को लेकर विपणन अधिकारियों सहित राइस मिलरों की बैठकें हो रही हैं परतु इसका सार्थक असर देखने को नहीं मिल रहा है। बहरहाल जिले के किसान चिंतित हैं कि समितियों में धान खरीदी बंद तो नहीं हो जायेगा और वें अपना धान बेचने समिति जायें या नहीं जाये।
ईटार व टोलागांव सहित कई समितियों में धान रखने जगह तक नहीं
जिले में कछुआ गति से चल रहे धान के परिवहन के कारण अब समस्याएं दिन-ब-दिन बढ़ने लगी है। मैदानी इलाकों के साथ ही सबसे अधिक परेशानी सुदूर ग्रामों में स्थित समितियों में एवं वनांचल में स्थित समितियों को लेकर है। शुक्रवार को ईटार व टोलागांव सहकारी समितियों में धान रखने तक की जगह बाकी नहीं रही, हालात यह थे कि किसानों के वाहन भी समिति के अंदर प्रवेश नहीं कर पा रहे थे। टोलागांव में 52 हजार क्विंटल धान जाम है वहीं ईटार में 37 हजार क्विंटल धान की खेप से समिति में कदम रखने जैसी जगह बाकी नहीं है। इन हालातों में समिति नया धान खरीदने की स्थिति में नहीं है जिससे किसानों को आगे परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है जिसके लिये लगातार शासन-प्रशासन से धान के परिवहन की मांग की जा रही है।