जिलाध्यक्ष पर कार्रवाई करने बीएमओ ने सीएचएमओ से की अनुशंसा
सत्यमेव न्यूज खैरागढ़. नगर के सिविल अस्पताल में पदस्थ लेखापाल के खिलाफ शिकायत की जॉच के लिए बनाई गई कमेटी सहित अधिकारियों पर लेखापाल से मिलीभगत करने का आरोप लगाने के मामले में छग प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष हंसाराम वर्मा के खिलाफ बीएमओ ने सिविल सेवा आचरण नियम के तहत कारवाई के लिए सीएचएमओ से अनुशंसा की है। बीते दिनो जिलाध्यक्ष हंसाराम वर्मा ने विज्ञप्ति जारी कर कमेटी सदस्य डॉ.पंकज वैष्णव, डॉ.बोधन परते, प्रभारी लिपिक अर्पित गुप्ता सहित तमाम सदस्यों की काबिलियत और जॉच प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि लेखापाल के खिलाफ आरोपो की गंभीरता से जाँच करने की जगह कमेटी सदस्य लीपा पोती कर रहे है। शिकायत में पांच महीने से जारी जॉच को लेकर ऐसा लग रहा है कि यह एसीबी या सीबीआई की जांच है। जांच कमेटी पर सवालिया निशान उठाने के अलावा जिलाध्यक्ष हंसाराम वर्मा ने कहा कि एक ही शहर छुईखदान में रहने के कारण लेखापाल सीएचएमओ का विश्वसनीय बना हुआ है इसीलिए नए जिले में बजट संबंधी सभी काम शिकायत होने के बाद भी उसे दिया गया है। एक ही व्यक्ति को दोनों जगहो का काम सौंपकर बीएमओ और सीएचएमओ सरकारी मलाई हड़प रहे है। इनकी मिलीभगत के कारण स्वास्थ्य सेवा बदहाल हो गई है। शासन–प्रशासन के लोग पैसों की खनक के चलते चुप्पी साधे हुए है और चतुर्थ वर्ग कर्मचारी आवेदन लिए भटक रहे है।
सिविल अस्पताल में महिला कर्मचारी से लेखापाल द्वारा पैसे लेने संबंधी आरोप की जाँच जारी है लेकिन इस बीच दोनों पक्षों के आमने सामने होने से पूरा अस्पताल परिसर अखाड़े में तब्दील हो गया है। मामले में लेखापाल कमलेश त्रिपाठी का कहना है कि बाजार अतरिया पीएचसी में पदस्थ सहायक ग्रेड तीन हंसाराम वर्मा संघ का जिलाध्यक्ष होने के कारण अधिकारियों पर दबाव बनाने, कर्मचारियों को बेवजह परेशान करने और कार्य स्थल मे जिम्मेदारियों के निर्वहन में लापरवाही बरत रही है। महिला कर्मचारी से पैसे मांगने संबंधी आरोप को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि आया 3 जनवरी को अवकाश आवेदन देकर गई जबकि शिकायत आवेदन में 4 जनवरी से अवकाश पर जाना बताया जा रहा है इसलिए आवेदन का पहला बिंदु ही पूरी तरह से निराधार है। कमलेश त्रिपाठी ने कहा कि डीडीओ पॉवर नही होने के कारण ब्लाक के सभी स्वास्थ्य केंद्रो का संचालन राजनांदगाँव कार्यालय से होता है वही से अवकाश की स्वीकृति मिलती है वही से वेतन आहरण होता है और वही से कटौती, एरियर्स, निलंबन संबंधी अन्य कारवाई की जाती है। इसलिए अपनी गलती छिपाने महिला कर्मचारी के माध्यम से गलत आरोप लगाकर जिलाध्यक्ष गंदी राजनीति कर रहे है।
मामले मे जारी विज्ञप्ति के आधार पर बीएमओ डॉ विवेक बिसेन ने जिलाध्यक्ष हंसाराम वर्मा को 31 दिसंबर को कथन का साक्ष्य तीन दिनों के भीतर प्रस्तुत नही करने पर प्रदेश सरकार की नीति या कार्य के प्रतिकूल आलोचना करने को आचरण आचार संहिता के खिलाफ बताते हुए अनुशासनात्मक कारवाई के लिए तैयार रहने का नोटिस जारी किया था। इसके प्रतिउत्तर में मिले जवाब को संतोषजनक नही मानते हुए और इसे अधिकारी कर्मचारी की छवि को धूमिल करने का प्रयास मानते हुए बीएमओ ने 3 जनवरी 25 को जिलाध्यक्ष हंसाराम वर्मा के खिलाफ सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के तहत कारवाई के लिए सीएचएमओ का पत्र लिखा है।