Advertisement
Uncategorized

जल से जीवन, जल से आजीविका: जिले में मोर गांव मोर पानी से आत्मनिर्भर गांवों की ओर कदम

सत्यमेव न्यूज खैरागढ़। जल संरक्षण को आजीविका से जोड़ते हुए मोर गांव मोर पानी महाअभियान के तहत ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने की दिशा में ठोस पहल की जा रही है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना मनरेगा के माध्यम से निजी भूमि पर आजीविका डबरी का निर्माण कर जल संरक्षण रोजगार सृजन और आय संवर्धन को एक साथ साकार किया जा रहा है। छुईखदान विकासखंड में जिला प्रशासन के मार्गदर्शन एवं ग्राम पंचायतों की सक्रिय सहभागिता से आजीविका डबरी निर्माण कार्यों को स्वीकृति देकर धरातल पर उतारा गया है। अभियान का उद्देश्य वर्षा जल की हर बूंद को संरक्षित कर ग्रामीण परिवारों के लिए स्थायी आय का साधन विकसित करना है। मनरेगा के प्रावधानों के अनुसार अनुसूची-5 के पात्र हितग्राहियों की निजी भूमि पर मांग आधारित कार्य कराए जा रहे हैं। इससे भू जल स्तर में सुधार के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर रोजगार भी सुनिश्चित हो रहा है। जिला पंचायत के निर्देशानुसार प्रत्येक ग्राम पंचायत में न्यूनतम पांच आजीविका डबरी निर्माण का लक्ष्य रखा गया है। इसके तहत छुईखदान विकासखंड में अब तक 56 आजीविका डबरी स्वीकृत की जा चुकी हैं जिनमें कई कार्य प्रगति पर हैं। आजीविका डबरियां भविष्य में सिंचाई मत्स्य पालन पशुपालन और जल आधारित सूक्ष्म उद्यमों के लिए उपयोगी सिद्ध होंगी। इससे किसानों की उत्पादन क्षमता बढ़ेगी और ग्रामीण पलायन पर प्रभावी रोक लगेगी। डबरी निर्माण से पूर्व GIS एवं CLART ऐप आधारित वैज्ञानिक स्थल चयन किया जा रहा है। प्रत्येक डबरी में इनलेट आउटलेट और सिल्ट अरेस्टिंग चैंबर की व्यवस्था अनिवार्य रूप से की गई है। साथ ही डबरी के आसपास फलदार पौधारोपण और दलहन फसलों को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। इस अभियान को ग्रामीणों का व्यापक समर्थन मिल रहा है। विशेष रूप से बिहान समूह की महिलाओं की सक्रिय भागीदारी से यह पहल जनआंदोलन का रूप ले रही है। ग्रामीणों ने जल संरक्षण और रोजगार को एक साथ जोड़ने वाली इस पहल के लिए शासन प्रशासन के प्रति आभार जताया है। मोर गांव मोर पानी महाअभियान यह संदेश देता है कि जल संरक्षण से ही आत्मनिर्भर गांव, सशक्त किसान और समृद्ध ग्रामीण अर्थव्यवस्था संभव है।

Satyamev News

आम लोगों की खास आवाज

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

You cannot copy content of this page