जनप्रतिनिधियों के सवाल पर अधिकारियों के जवाब आधे-अधूरे, जनपद की पहली बैठक बनी औपचारिकता

यह कैसा सुशासन बैठक से नाश्ता कर निकल गए अधिकारी
जपं सदस्य ने कहा “मैं यहां समोसा और मिठाई खाने नहीं आयी हूं
अधिकारियों की चुप्पी पर जनपद के प्रतिनिधि नाराज
बैठक में कई विभागों के अफसर रहे नदारद

सत्यमेव न्यूज खैरागढ़. जनपद पंचायत खैरागढ़ की सामान्य सभा की बैठक महज औपचारिकताओं के बीच सिमट गई। जनपद की पहली बैठक में सवालों की बौछार तो हुई लेकिन जवाब अधूरे ही रह गये। बैठक की शुरुआत से लेकर अंत तक अव्यवस्था, असहमति और सवालों को टालने की प्रशासनिक मंशा स्पष्ट दिखाई दी अब ऐसे में सवाल उठ रहा है कि यह कैसा सुशासन है। बैठक में अफसरों ने आधे-अधूरे जवाब दिए नाश्ता किया और बैठक से चलते बने जिससे जनपद के जनप्रतिनिधियों में भारी असंतोष देखने को मिल रहा है।
छोटे से केबिन में चली बड़ी बैठक जहाँ बैठने तक की जगह नहीं
बैठक जनपद अध्यक्ष के केबिन में आयोजित की गई जिससे शुरुआत में ही व्यवस्था पर सवाल उठने। कांग्रेस सदस्यों ने बैठक के लिए बड़े सभा कक्ष की मांग की लेकिन अध्यक्ष राजेश्री त्रिपाठी ने गर्मी का हवाला दिया। 15वें वित्त आयोग की राशि, नहर निर्माण, वसूली जैसे मुद्दों पर चर्चा तो हुई लेकिन जब जनपद सीईओ पर पंचायतों से 3-3 हजार रुपए मांगने का आरोप लगा तो अधिकारी चुप्प रहे। सभापति शैलेन्द्र मिश्रा ने वसूली गई राशि को डीएससी चार्ज बताया। इस पर विधायक प्रतिनिधि और सदस्य खेमराज जैन ने आपत्ति जताते हुए कहा कि बिना अनुमति के बोलना बैठक की अवहेलना है।
समोसा और मिठाई खाने नहीं आई हूं”– यदु
बैठक में सबसे मुखर दिखी जनपद सदस्य सरस्वती सन्नी यदु ने वाहन किराए में पारदर्शिता की मांग की और बताया कि 3 लाख 95 हजार रुपये खर्च किए गए हैं लेकिन कैश बुक नहीं दिखाया गया। जवाब न मिलने पर उन्होंने नाराज होकर कहा – “मैं समोसा और मिठाई खाने नहीं आई हूं, जवाब चाहिए।” बैठक में पीएचई, कृषि और पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारी अनुपस्थित रहे जिस पर सदस्यों ने नाराजगी जताई और अनुपस्थित अधिकारियों के खिलाफ नोटिस जारी करने का आदेश दिया गया।
सुशासन तिहार के नाम पर रूपये मांगने आरोप
कांग्रेस के वरिष्ठ जनपद सदस्य आकाशदीप सिंह (गोल्डी) ने अधिकारियों से पूछा कि किस आदेश पर पंचायतों से सुशासन तिहार के लिए 10 हजार रुपये मांगे जा रहे हैं। इस सवाल पर भी अधिकारी स्पष्ट जानकारी नहीं दे पाये। बैठक में जनपद सदस्यों ने कई सवाल उठाया लेकिन प्रशासनिक अमला मौन धारण किए हुए बैठा रहा। अंत में जनपद अध्यक्ष राजेश्री त्रिपाठी ने घोषणा की कि इस वर्ष जनपद निधि का उपयोग पर्यावरण संरक्षण और जल बचाव कार्यों पर किया जाएगा। उन्होंने सभी सदस्यों से अधिक से अधिक वृक्षारोपण और जल संरक्षण अभियान में भाग लेने की अपील की।
अध्यक्ष ने गैरहाजिर अधिकारियों पर कसा शिकंजा
सामान्य सभा की बैठक उस समय चर्चा का विषय बन गई जब जनपद अध्यक्ष डॉ.राजेश्री शैलेन्द्र त्रिपाठी ने बैठक से अनुपस्थित विभागीय अधिकारियों पर सख्त नाराजगी जताई। अध्यक्ष ने सार्वजनिक रूप से पीडब्लूडी (लोक निर्माण विभाग), पीएचई (लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग) और कृषि विभाग के अधिकारियों की अनुपस्थिति को गंभीरता से लेते हुए उनके खिलाफ कड़ा रुख अपनाया। जनपद अध्यक्ष श्रीमती त्रिपाठी ने बैठक के बाद पीएचई विभाग के एसडीईओ (उप अभियंता) को व्यक्तिगत रूप से फोन कर अनुपस्थिति का कारण पूछा। जवाब में अधिकारी ने खुद के अवकाश पर होने की बात कही और अपने स्थान पर कार्य की जिम्मेदारी सहायक अधिकारी धुर्वे को सौंपे जाने की बात कही। इस पर जनपद अध्यक्ष ने नाराजगी जताते हुए कहा कि ऐसे महत्वपूर्ण बैठक में अनुपस्थिति और सूचना का अभाव गंभीर लापरवाही की श्रेणी में आता है। इससे भी अधिक चिंता की बात तब सामने आई जब पीडब्लूडी विभाग के अधिकारी ने जनपद अध्यक्ष के कॉल का जवाब देना भी जरूरी नहीं समझा। जनपद अध्यक्ष ने बताया कि यह पहली बार नहीं है जब पीडब्लूडी विभाग के अधिकारी ने सामान्य समिति की बैठक को नजरअंदाज किया हो। उन्होंने कहा कि इस अधिकारी की लगातार गैरमौजूदगी से विकास कार्यों की समीक्षा में बाधा उत्पन्न हो रही है। उन्होंने जिला प्रशासन से मांग की कि ऐसे गैरजिम्मेदार अधिकारी को जल्द से जल्द खैरागढ़ से हटाया जाए और उसकी जगह जिम्मेदार अधिकारी की नियुक्ति की जाए वहीं कृषि विभाग के अधिकारी ने बैठक से अनुपस्थित रहने पर खेद जताया और जनपद अध्यक्ष को आश्वस्त किया कि भविष्य में इस प्रकार की गलती नहीं होगी। उन्होंने आगामी बैठक में स्वयं उपस्थित रहने और विभागीय कार्यों की प्रगति से अवगत कराने की बात कही। जनपद अध्यक्ष ने कहा कि सामान्य सभा की बैठकें विकास कार्यों की समीक्षा और योजनाओं की प्रभावी क्रियान्वयन के लिए अत्यंत आवश्यक होती हैं। यदि अधिकारी ही इसमें भाग नहीं लेंगे तो न केवल योजनाओं की गुणवत्ता प्रभावित होगी बल्कि जनता की समस्याएं भी अनदेखी रह जाएंगी। उन्होंने कहा कि संबंधित विभागों के अधिकारियों को बैठक की महत्ता को समझना होगा, अन्यथा प्रशासनिक कार्रवाई के लिए बाध्य होना पड़ेगा। सामान्य सभा में मौजूद अन्य जनप्रतिनिधियों ने भी अधिकारियों की लापरवाही पर चिंता जताई और जनपद अध्यक्ष के सख्त रवैये का समर्थन किया। बैठक में विभिन्न पंचायतों से जुड़े विकास कार्यों की समीक्षा, अधूरे कार्यों की स्थिति और आने वाली योजनाओं पर भी चर्चा की गई।