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जनपद पंचायत छुईखदान में जनप्रतिनिधियों और सीईओ के बीच आर-पार की लड़ाई: सभा ने सीईओ के निलंबन का प्रस्ताव किया पारित

सत्यमेव न्यूज खैरागढ़. जनपद पंचायत छुईखदान में जनप्रतिनिधियों और सीईओ के बीच आर-पार की लड़ाई चल रही है। भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर जनपद की सामान्य सभा ने सीईओ के निलंबन का प्रस्ताव पारित कर दिया है वहीं जनपद पंचायत से चार दैनिक वेतनभोगी को भी हटाया गया है। मामले को लेकर ज्ञात हो कि जनपद पंचायत छुईखदान की सामान्य प्रशासन समिति की बैठक गहमा-गहमी के संपन्न हुई। बैठक में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों को लेकर एक के बाद एक कड़े निर्णय लिए गए। समिति ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) रवि कुमार के निलंबन का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित कर दिया है। यह निर्णय जनपद में एकल हस्ताक्षर से नियम विरुद्ध करोड़ों रुपए के भुगतान और पारदर्शिता की कमी जैसे मामलों के चलते लिया गया है। सदस्यों ने आरोप लगाया कि सीईओ ने जनपद के नियमों को दरकिनार कर अपने पसंदीदा वेंडर को सीधे भुगतान किया जिससे जनप्रतिनिधियों और पंचायत की भूमिका शून्य हो गई। मामले की गंभीरता को देखते हुए एक विशेष जांच समिति के गठन का निर्णय भी लिया गया है। जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, जनपद की किसी भी मद से कोई भुगतान नहीं किए जाने का भी प्रस्ताव पारित हुआ है।

बैठक के दौरान यह भी खुलासा हुआ कि कुछ दैनिक वेतनभोगी ऑपरेटरों ने सीईओ के साथ मिलकर विकास मद की राशि फर्जी तरीके से अपने खातों में स्थानांतरित की। इस आधार पर सुदामा साहू, सतीश जंगाड़े, दीपक साहू और भुवन रजक को तत्काल सेवा से हटाने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया है वहीं लिपिक कोमल जंघेल को जनप्रतिनिधियों के साथ दुर्व्यवहार के आरोप में पद से हटाने का निर्णय लिया गया।
सामान्य प्रशासन समिति ने स्पष्ट निर्देश दिये कि बिना समिति की स्वीकृति के अब किसी भी मद से भुगतान नहीं किया जाएगा। समिति ने इसे पारदर्शिता और जवाबदेही बनाए रखने की दिशा में जरूरी कदम बताया है।

बैठक में सीईओ रवि कुमार के मेडिकल अवकाश पर होने के कारण उनके स्थान पर एडीईओ गोपाल गिरी उपस्थित रहे। जहां सामान्य सभा में अफसरों की गैरहाजिरी को लेकर निंदा प्रस्ताव पारित किया गया। बैठक में सदस्यों ने नाराजगी जताते हुये बहुत से मामले में जनपद प्रशासन के कामों पर एतराज सामने रखे है। कांग्रेस के सदस्यों ने कहा कि उन्हें केवल ऑनलाइन सूचना भेजी गई जबकि विभागीय ब्रोशर और ऑफलाइन आमंत्रण नहीं मिले। सदस्यों ने विभागीय अधिकारियों की उपस्थिति की समीक्षा की तो पाया कि अधिकांश अधिकारी गैरहाजिर थे। इस पर जनपद सदस्य रमेश साहू सहित अन्य सदस्यों ने निंदा प्रस्ताव लाया। निर्णय लिया गया कि पहली बार अनुपस्थित अधिकारियों को नोटिस भेजा जाएगा जबकि दूसरी बार अनुपस्थित रहने पर संबंधित विभाग के खिलाफ उच्च अधिकारियों को पत्र भेजकर कार्रवाई की अनुशंसा की जाएगी।

सामान्य प्रशासन समिति के सदस्य डोमार सिंह भेड़िया ने जानकारी दी कि जनपद में लगातार सामने आ रहे भ्रष्टाचार और मनमानी के मामलों के चलते सख्त निर्णय लेना पड़ा। उन्होंने बताया कि सीईओ के निलंबन प्रस्ताव के साथ-साथ सामान्य सभा की बैठक अधिकतर अधिकारियों की अनुपस्थिति के कारण स्थगित कर दी गई। अब अगली बैठक 2 जुलाई को होगी। पूरे मामले में एडीईओ गोपाल गिरी ने कहा
मैं फिलहाल बाहर हूं बाद में जानकारी दूंगा।

Satyamev News

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