गर्भवतियों के प्रसव के लिए जिले में नहीं ऑपरेशन की सुविधा

यह कैसी व्यवस्था: दुनियां में आने से पहले ही चल बसा मासूम
केसीजी जिले के सभी सरकारी अस्पताल है रिफर सेंटर, खामियाजा भुगत रही जनता
सत्यमेव न्यूज खैरागढ. जिले में गर्भवती माताओं के प्रसव के लिए ऑपरेशन तक की सुविधा उपलब्ध नहीं है। इसी अव्यवस्था के कारण दुनियां में आने से पहले ही एक मासूम की जान चली गई। वास्तविकता यही है कि केसीजी जिले के सभी सरकारी अस्पताल रिफर सेंटर बन गये है यहाँ आपातकालीन सुविधा नहीं है जिसका खामियाजा जिले की जनताको भुगतना पड़ रहा है। बहरहाल यह पहला मामला नहीं है कि आपातकालीन सुविधा नहीं मिलने से जिले के किसी गर्भस्थ शिशु की मौत हो गई हो, इससे पहले भी जिले में आपातकालीन सुविधा नहीं होने के कारण कई गर्भस्थ शिशुओं की मौत हो चुकी है। रविवार को जिले की लचर स्वास्थ्य व्यवस्था के कारण एक नवजात शिशु की जन्म होते ही मौत हो गई। खबर है कि कल्लेपानी निवासी चन्द्रप्रकाश धुर्वे की पत्नी चमारिन बाई की गर्भावस्था को 8 माह ही पूर्ण हुआ थी। रविवार को अचानक दर्द उठने पर परिजनों ने चमारिन बाई को लेकर सुबह 10 बजे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र साल्हेवारा पहुंचे। जहां चिकित्सकों ने एक घंटे बाद हालत बिगड़ते देखकर छुईखदान सरकारी अस्पताल के लिये रिफर कर दिया।
परीक्षण के दौरान शिशु का हाथ आ गया बाहर
इधर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र छुईखदान में जांच परीक्षण के दौरान ही गर्भस्थ शिशु का एक हाथ बाहर आ गया। इतने में छुईखदान अस्पताल के चिकित्सकों ने इसी स्थिति में गर्भवती को राजनांदगांव रिफर कर दिया।
खैरागढ़ पहुंचने के बाद हो गई शिशु की मौत
गर्भवती महिला को राजनांदगांव रेफर करने के बाद खैरागढ़ पहुंचते-पहुंचते उसके गर्भ में शिशु की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि एम्बुलेंस में छुईखदान से खैरागढ होते हुये राजनांदगांव के लिये चमारिन बाई को लेकर उसके परिजन निकले थे तभी खैरागढ़ के अमलीपारा में नवजात की मौत हो गई। जिले के स्वास्थ्य केंद्र में सर्जरी की सुविधा नहीं होने के चलते मासूम की दुनियां में आने से पहले ही मौत हो गई। इस हादसे के सोशल मीडिया में आने के बाद जिले की स्वास्थ्य सुविधा पर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं और मांग की जा रही है कि जिले में जल्द से जल्द जिला अस्पताल का निर्माण किया जाए और जिला अस्पताल में वास्तव में जिले जैसे सुविधा होनी चाहिए ताकि आने वाले समय में इस तरह की दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं को रोका जा सके।
शिशु का हाथ बाहर आने और जिले में ऑपरेशन की सुविधा नहीं होने के कारण गर्भवती महिला को राजनांदगांव रेफर किया गया था।
मनीष बघेल, बीएमओ छुईखदान