खैरागढ़ से होकर गुजरने वाली डोंगरगढ़-कटघोरा रेलवे लाइन को लेकर सामने आया किसानों का विरोध
निर्माण के पहले अधिग्रहित जमीन का मुआवजा और एक सदस्य को नौकरी देने की उठी मांग
सत्यमेव न्यूज़ खैरागढ़. डोंगरगढ़ से कटघोरा के बीच प्रस्तावित रेल लाइन में भूमि अधिग्रहण के पहले किसानों के परिवार के एक सदस्य को नौकरी और उचित मुआवजा दिये जाने की मांग को लेकर रेलवे संघर्ष समिति सहित खैरागढ़ ब्लॉक के ग्राम सारंगपुर के किसानों ने कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंप त्वरित कार्यवाही की मांग की है। बड़ी संख्या में स्थानीय जिला कार्यालय पहुँचे रेलवे संघर्ष समिति और सारंगपुर के किसानों ने कलेक्टर के नाम सौंपे ज्ञापन में कहा कि 2018 में प्रस्तावित डोंगरगढ़ से कटघोरा रेलवे लाइन की कार्यवाही छह साल बाद फिर से शुरू होने वाली है। रेलवे लाइन में बड़ी संख्या में किसानों की जमीनें आ रही है। समिति और ग्रामीणों ने कहा कि जिन किसानों की जमीनों का रेलवे लाइन के लिये अधिग्रहण किया जाना है उस किसान परिवार के एक सदस्य को राज्य अथवा केन्द्र सरकार द्वारा शासकीय नौकरी प्रदान करने के साथ अधिग्रहण किये जाने वाले जमीन का उचित मुआवजा दिया जाना आवश्यक है। ज्ञापन में बताया गया कि 2018 में रेलवे लाइन का भूमिपूजन किये जाने के बाद से जिन किसानों की जमीन इसमें आ रही है। उन किसानों की जमीनों की खरीदी-बिक्री और फौती उठाने की प्रक्रिया को शासन स्तर पर 7 साल से रोक कर रखा गया है। इन सात सालों में किसानों की जमीनों का बंटवारा हो चुका है तो कई किसानों ने उक्त
जमीन पर बोर खनन सहित मकान निर्माण किया है।
रेल मार्ग के लिये अधिग्रहित होने वाली भूमि का फिर से सर्वे कराने की मांग
रेल मार्ग के लिये अधिग्रहित होने वाली भूमि का फिर से सर्वे कराने की मांग किसानों ने की हैं। इसके चलते अगर अधिग्रहण की प्रक्रिया फिर से शुरू होगी तो उन किसानों के सामनें बड़ी समस्या खड़ी हो जाएगी। संघर्ष समिति सहित किसानों ने कलेक्टर को ज्ञापन में डोंगरगढ़ कटघोरा रेलवे लाइन के भूमि अधिग्रहण के पहले किसानों के खेतों और जमीनों का फिर से नया सर्वे करने, अधिग्रहण के दौरान ही उचित मुआवजा राशि दिलाए जाने और किसानों के परिवारो के एक सदस्य को शासकीय नौकरी प्रदान किये जाने की मांग दोहराई है।