खैरागढ़ में कांग्रेस का उग्र विरोध प्रदर्शन, पीएम मोदी के पुतला दहन के दौरान खैरागढ़ में तनाव

केंद्र सरकार पर एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप
कांग्रेस कार्यकर्ताओं की उपस्थिति ने आंदोलन को दिया बड़ा रूप
सत्यमेव न्यूज के लिए आकाश तिवारी खैरागढ़। केंद्रीय कांग्रेस नेतृत्व सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ कथित केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई के विरोध में मंगलवार को जिला मुख्यालय खैरागढ़ में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जोरदार और उग्र विरोध प्रदर्शन किया। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निर्देश पर जिला, ब्लॉक और शहर कांग्रेस कमेटियों के संयुक्त नेतृत्व में टैंपो स्टैंड चौक खैरागढ़ में प्रधानमंत्री और ईडी का पुतला दहन किया गया।

कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच हुई तीखी नोकझोंक
पुतला दहन को रोकने पहुंची पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच तीखी नोकझोंक और झूमाझटकी हुई जिससे कुछ देर के लिए स्थिति तनावपूर्ण दिखी। पुलिस की रोकटो के बीच कांग्रेसियों ने दो बार पुतला दहन किया पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बाद में केंद्रीय एजेंसी ईडी का प्रतीकात्मक पुतला दहन किया गया इस बीच माहौल बेहद तनावपूर्ण रहा हालांकि बाद में विधायक हर्षिता स्वामी बघेल और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में माहौल शांत हुआ।

कांग्रेस का आरोप-विपक्ष की आवाज़ दबाने का प्रयास
प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि मोदी सरकार लोकतांत्रिक संस्थाओं ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग का राजनीतिक प्रतिशोध के लिए उपयोग कर रही है। कार्यकर्ताओं का कहना था कि कांग्रेस ऐसी दमनकारी नीतियों के खिलाफ सड़क से लेकर सदन तक संघर्ष जारी रखेगी। उक्त प्रदर्शन में डोंगरगढ़ विधायक हर्षिता स्वामी बघेल, पूर्व विधायक गिरवर जंघेल, नवनियुक्त जिला अध्यक्ष कोमल साहू, किसान कांग्रेस के जिला अध्यक्ष देवराज किशोर दास वैष्णव, निवृत्तमान जिलाध्यक्ष गजेंद्र ठाकरे, ब्लॉक अध्यक्ष आकाशदीप सिंह गोल्डी, शहर अध्यक्ष भीखम छाजेड़, जिला पंचायत सदस्य शताक्षी सिंह, सेवा निवृत्त जवान उत्तम जंघेल, वरिष्ठ नेता अब्दुल रज्जाक खान, प्रकाश महोबिया, दिलीप महोबिया, मोहम्मद खान, सरजू वर्मा, राजेश लूनिया, अल्ताफ अली, पलाश सिंह, सोनू ढीमर, संत निषाद, पुरुषोत्तम वर्मा, गुलशन तिवारी, रिंकू गुप्ता, किशन रजक, यतेंद्रजीत सिंह, नित्यशरण सिंह, राधे पटेल, नदीम मेमन, दिलीप लहरे, रिंकू महोबिया, संदीप सिरमौर, समीर खान, लीलाधर वर्मा, दुर्गेश सिन्हा, मनोज बैद, सज्जाक खान, प्रमोद साहू, माधव बंजारे, अशोक साहू, विजय वर्मा, अमित सिंह, राजा सोलंकी, दयालु वर्मा, कमल टंडन, केशव सारथी, चंद्रेश वर्मा, जितेंद्र सिंह गौर, शत्रुघ्न धृतलहरे, महेश यादव, कोमल वर्मा सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता और जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।
नेताओं की अनुपस्थिति पर चर्चा और गुटबाजी के लगे आरोप
प्रदर्शन में डोंगरगढ़ विधायक की मौजूदगी तो रही लेकिन खैरागढ़ विधायक यशोदा नीलांबर वर्मा अनुपस्थित रही। उनकी गैरमौजूदगी कार्यकर्ताओं के बीच चर्चा का विषय बनी रही। इसी तरह मिशन संडे से जुड़े कई सक्रिय कार्यकर्ता, नगर पालिका के कई पार्षद और कुछ स्थानीय नेता भी कार्यक्रम में नहीं पहुंचे जिसके बाद आंदोलन उपरांत कथित गुटबाजी की चर्चाएं भी तेज हो गई। जिलाध्यक्ष कोमल साहू ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि विधायक जनप्रतिनिधि हैं संभवतः उनका पहले से तय कोई कार्यक्रम रहा होगा। जहां तक गुटबाजी की बात है जो लोग काम करना चाहते हैं वे हमारे साथ हैं और जो पार्टी में गुटबाजी करेंगे वे खुद किनारे हो जाएंगे वहीं विधायक हर्षिता स्वामी बघेल ने कहा कि केंद्र सरकार लोकतांत्रिक संस्थाओं का दुरुपयोग कर विपक्ष को डराने की कोशिश कर रही है। सोनिया जी और राहुल जी के खिलाफ कार्रवाई राजनीतिक प्रतिशोध है। कांग्रेस न्याय के लिए पीछे हटने वाली पार्टी नहीं है।
