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खैरागढ़ महाविद्यालय में मनाई गई मैरी शैली की जयंती

सत्यमेव न्यूज खैरागढ़। रानी रश्मि देवी सिंह शासकीय महाविद्यालय खैरागढ़ में शनिवार को अंग्रेजी विभाग द्वारा अंग्रेजी की विख्यात उपन्यासकार मैरी शैली की जयंती मनाई गई। इस कार्यक्रम का आयोजन महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.ओ.पी. गुप्ता एवं वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ.जितेंद्र कुमार साखरे के मार्गदर्शन में किया गया। कार्यक्रम के दौरान अंग्रेजी विभाग की अतिथि सहायक प्राध्यापिका अंजली सिंह ने मैरी शैली के जीवन और साहित्यिक योगदान पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मैरी शैली का जन्म 30 अगस्त 1797 को इंग्लैंड में हुआ था। वे अंग्रेजी साहित्य की महान उपन्यासकार थीं जिन्होंने गॉथिक उपन्यास फ्रेंकस्टीन या द मॉडर्न प्रोमेथियस (1818) लिखा। इसे विज्ञान कथा का प्रारंभिक उदाहरण माना जाता है। उपन्यास में एक वैज्ञानिक द्वारा कृत्रिम मानव का निर्माण और उससे उत्पन्न भयावह परिणामों का वर्णन किया गया है जिसने आगे चलकर कई हॉरर फिल्मों को भी प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि मैरी शैली ने कई अन्य उपन्यास भी लिखे, जिनमें द लास्ट मैन (1826) विशेष रूप से उल्लेखनीय है। यह उपन्यास प्लेग द्वारा मानव जाति के भविष्य के विनाश का चित्रण करता है और इसे उनका सर्वश्रेष्ठ कार्य माना जाता है। उनके लेखन ने पाठकों को सोचने का एक नया दृष्टिकोण दिया और अंग्रेजी साहित्य में उनका योगदान अविस्मरणीय है।
कार्यक्रम में हिंदी विभाग के डॉ.उमेद चंदेल, समाजशास्त्र विभाग की डॉ. परमेश्वरी कुम्भज टांडिया, वाणिज्य विभाग की शबाना खान और जंतु विज्ञान विभाग के खेमपाल सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। सभी ने ध्यानपूर्वक व्याख्यान सुना और मैरी शैली के साहित्यिक योगदान से प्रेरित हुए।

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