खैरागढ़ अंचल में श्रद्धा पूर्वक मनाई गई छोटी दीवाली
देवउठनी पर घर-घर हुई तुलसी की पूजा
तुलसी के साथ हुई गन्ने सहित प्राकृतिक फल व साग भाजियों की पूजा
सत्यमेव न्यूज़ खैरागढ. नगर सहित समूचे ग्रामीण अंचल में प्रबोधनी (देवउठनी) एकादशी का पर्व परम्परानुसार मंगलवार मनाया गया। हिन्दू वैदिक प्रथा में छोटी दीपावली के नाम से प्रचलित इस पर्व में श्रद्धा भाव व हर्षाेल्लास के साथ भगवान श्रीविष्णु स्वरूप सालिगराम व माता तुलसी का विवाह किया जाता है। शास्त्रों में वर्णित परंपरानुसार प्रबोधनी एकादशी के दिन ही भगवान विष्णु नींद से उठते हैं और उनका विवाह सम्पन्न होता है जिसके साथ ही मांगलिक व वैवाहिक कार्यक्रमों की शुरूआत होती है। दीपावली के ग्यारह दिन बाद मनाये जाने वाले प्रबोधनी एकादशी पर नगर सहित ग्रामीण अंचल में भी भारी उत्साह देखने को मिला। इस दौरान आतिशबाजी के बीच गन्ने का मंडप बनाकर मां तुलसी व भगवान सालिगराम का विवाह किया गया। पूजा अर्चना के दौरान नई फसलों व मौसमी फलों सहित तरह-तरह के पकवानों का भी भोग भगवान को लगाया गया। खासतौर पर ग्रामीण अंचलों में छोटी दीपावली के नाम से विख्यात देवउठनी के इस पावन पर्व में चारों ओर दीपों की रोशनी जगमगाती रही और श्रद्धालुओं ने आतिशबाजी कर व्यंजनों का आदान-प्रदान किया। एकादशी पर्व को लेकर नगर के व्यवसायिक क्षेत्रों में काफी भीड़ देखने को मिली, बाजार में खासतौर पर एकादशी पूजन में पारंपरिक रूप से उपयोग किए जाने वाले गन्ने और मौसमी फलों की खूब बिक्री हुई। अंचल सहित दूर-दूराज के किसानों ने बडे़ तादात में गन्नों की बिक्री की। गोल बाजार सहित नगर के मुख्य मार्ग में बड़े पैमाने पर किसान गन्ना बेचते नजर आये वहीं देर रात तक खरीददारों की भीड़ भी देखने को मिली। गन्ना के अलावा आंवाला, सीताफल, अमरूद, चना भाजी, सिंघाड़ा सहित अन्य मौसमी फलों सहित हरी सब्जियों की खूब बिक्री हुई।