खाप पंचायत की तर्ज पर लापता नाबालिग के परिजनों से समाज के लोगों ने ही वसूल लिये 21 हजार
जिला निर्माण के बाद सामाजिक स्तर पर जिला संघ का गठन कर चल रही मानवता को शर्मसार करने वाली गतिविधियां
मदद करने के बजाय परिवार पर आर्थिक दंड का बोझ लाद रहे सामाजिक पदाधिकारी
पूरी राशि अदा नहीं करने पर पीड़ित परिवार को गांव से किया गया बहिष्कृत
सत्यमेव न्यूज खैरागढ़. जिला निर्माण के बाद जिला संगठन का निर्माण कर अलग-अलग समाजों में खाप पंचायत का संचालन किया जा रहा है। हाल ही में दो ऐसे मामले सामने आए हैं जिसने मानवता को ताक में रखकर शर्मसार करने वाली हरकतों को अंजाम दिया है।
खबर है कि पीड़ित परिवार से उनकी नाबालिग बालिका के गुमशुदा हो जाने पर सामाजिक पदाधिकारियों के द्वारा उनकी मदद करने के बजाय उनसे 21 हजार रूपये का दंड वसूला गया है। हालांकि बताया जा रहा है कि दो दिन पहले पुलिस ने गुमशुदा हुई बालिका को सकुशल बरामद कर लिया है, जिसमें अपहरण का मामला सामने आया है और बालिका के अपहरण के आरोपी को जेल भेज दिया है लेकिन इस बीच समाज से बाहर निकालने की धमकी देकर पीड़ित परिवार से 21 हजार दंड लेने के मामले में सामाजिक प्रतिनिधियों के प्रति आक्रोश भी है। ज्ञात हो कि अप्रैल महीने में पीड़ित परिवार की नाबालिग लड़की घर से बिना कुछ बताए कहीं चली गई जिसकी तलाश करने के बजाय समाज के पदाधिकारियों ने पीड़िता के परिवार को ही समाज से बाहर नहीं निकालने के लिए 21 हजार का जुर्माना वसूल लिया जबकि नाबालिग कहॉ है, किस हालात में है इसकी जानकारी पुलिस को भी नहीं मिली थी। मामला यहीं शांत नहीं हुआ बल्कि उक्त राशि मिलने के बाद सामाजिक पदाधिकारियों इस बात का भी फरमान जारी किया कि समाज को भात खिलाना पड़ेगा।
समाज से बाहर नहीं निकाले जाने को लेकर लिया गया दंड
उक्त मामले में खास बात यह रही कि पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के बजाय जनप्रतिनिध भी मौन रहे। नाबालिग की वास्तविक स्थिति जानने थाने का चक्कर काट रहे परिवार ने विवेचना अधिकारी के सामने बताया कि वे साहू समाज से है और कमाने खाने महाराष्ट्र के पूना में रहते हैं। तीज त्यौहार या अन्य किसी कारण से उनका मूल निवास आना जाना होता हैं। पीड़ितों ने बताया कि अप्रैल महीने में होली के बाद वो वापस जाने की तैयारी कर रहे थे उसी दौरान 4 तारीख को उनकी नाबालिग बिटिया बिना किसी को कुछ बताए कही चले गई। आसपास परिजनों से पूछताछ और खोजबीन के बाद पता नहीं चलने पर 10 तारीख को थाने में गुमशुदगी की सूचना दर्ज कराये थे। इसके बाद पतासाजी करने पुलिस के साथ जहां जानकारी मिलती थी आते जाते थे लेकिन दुर्भाग्य से उसका कुछ पता नहीं चल पाया है। पीड़ित परिवार ने बताया कि इसी दौरान साहू समाज के परिक्षेत्रीय पदाधिकारियों ने गांव में सामाजिक बैठक की जहां सरपंच भी मौजूद था। बैठक में उनसे इस बात के लिए 21 हजार रूपये का अर्थदंड लिया गया कि जब तक नाबालिग नहीं मिलती उन्हें समाज से बाहर नहीं निकाला जाएगा। मामले में साहू समाज की ओर से पक्ष जानने जिला साहू संघ अध्यक्ष टीलेश्वर साहू से चर्चा करने पर बताया कि आपके माध्यम से मामले की जानकारी मिली है, आगामी समय में बैठक आयोजित कर सामाजिक पदाधिकारियों से सवाल-जवाब किया जायेगा।
इधर प्रेम विवाह के चलते मानिकपुरी परिवार का हुक्का पानी किया बंद
दूसरे मामले में जिला मुख्यालय से लगे ग्राम देवारीभाठ निवासी सुमनदास मानिकपुरी ने पुलिस अधीक्षक को शिकायत आवेदन देकर अपनी पीड़ा दर्ज कराते हुए कहा कि गांव के कुछ दबंग परिवार के लोगों ने उसके परिवार को बेटे के प्रेम विवाह करने पर गांव से बहिष्कृत कर दिया है। सुमनदास ने बताया कि उसके बड़े बेटे योगेश ने इसी साल मार्च महीने में गांव की ही एक युवती से प्रेम विवाह कर लिया जिसके चलते ग्रामीणों द्वारा पहले 31 हजार का दंड लगाया गया परंतु पूरा पैसा जमना नहीं करने के कारण 11 नवंबर को गांव में ही बैठक आयोजित कर पूरे परिवार को गांव से बहिष्कृत कर दिया है। किसी भी व्यक्ति से बातचीत करने, दुकान से सामान खरीदने, कृषि कार्य के लिए मजदूरों को रखने यहां तक कि नाई, बरेठ और राउत की सेवा लेने से भी रोक दिया है। बहिष्कार के चलते आर्थिक, मानसिक और शारीरिक रूप से परेशान सुमनदास ने शिकायत में गांव के ही जगेशर पिता तुलाराम वर्मा, दीपक पिता हिंसा राम वर्मा, प्यारी पिता हेमनाथ वर्ना, गणेश राम पिता लखन वर्मा, बगस पिता सुखपाल साहू, गुहाराम पिता बिरझू वर्मा, कमलेश पिता हीराराम यादव, श्रीराम पिता बिरन वर्मा और चमरू पिता लखन वर्मा पर बहिष्कार का करने का आरोप लगाया है और मामले में न्यायोचित कार्यवाही की मांग की है।