खरीदी विवाद के बीच धान उपार्जन केंद्रों का कांग्रेसियों ने किया निरीक्षण

कांग्रेसियों ने कहा धान खरीदी को लेकर फैल साबित हुई साय सरकार
सत्यमेव न्यूज खैरागढ़. जिले के धान उपार्जन केंद्रों में सुतली, कलर और सूजा खरीदी को लेकर भ्रष्टाचार की कथित जानकारी सार्वजनिक होने के बाद कांग्रेसी नेताओं ने विभिन्न धान खरीदी केंद्रों में दबिश दी। इन केन्द्रों में सुतली खरीदी की प्रक्रिया को लेकर जानकारी ली और धान बेचने पहुंचे किसानों से बातचीत कर समस्याओं से अवगत हुए। जिलाध्यक्ष गजेंद्र ठाकरे के निर्देश पर विधायक प्रतिनिधि मनराखन देवांगन, ब्लॉक अध्यक्ष आकाशदीप सिंह व शहर अध्यक्ष भीखमचंद छाजेड़ सहित कांग्रेसी नेताओं ने सलोनी, जालबांधा, मड़ौदा व कामठा समिति का निरीक्षण किया। कांग्रेसियों ने समिति प्रबंधक सहित कर्मचारियों से भूसा, तालपतरी सहित अन्य की खरीदी व खरीदी के लिये अपनाई गई प्रक्रिया, धान खरीदी और परिवहन को लेकर सवाल जवाब किये। इस दौरान कांग्रेसियों ने कहा कि चुनाव जीतने 31 सौ रूपये में धान खरीदी का वादा करने वाली साय सरकार धान खरीदी के मोर्चे में पूरी तरह फेल हो गई है। भुगतान आधा-अधूरा हो रहा है, परिवहन के अभाव में धान जाम की स्थिति निर्मित हो गई है। इस दौरान जिपं सभापति विप्लव साहू, नरेंद्र सेन, गिरधारी पाल, दीपक देवांगन, अरूण भारद्वाज, पूरन सारथी, गैंदलाल कुर्रे, हिमांचल सिंह राजपूत, संतोष वर्मा, रिंकू गुप्ता, अशोक साहू, मोहन वर्मा, महेश साहू, अलखराम वर्मा, मल्लू वर्मा, पप्पू प्लंबर, अशोक वर्मा, मीनाराम साहू, संदीप सिरमौर, चंदन वर्मा व खुमान वर्मा सहित कांग्रेसी मौजूद रहे।
बिना मांगे भेज दिया गया सामान, अब भुगतान के लिए बना रहे दबाव
कांग्रेसियों के निरीक्षण के दौरान सलोनी धान खरीदी केन्द्र के प्रबंधक ने बताया कि खरीदी 75 फीसदी हो गई है, दस क्विंटल सुतली और रंग उनके हड़ताल के दौरान विजय आफसेट प्रिंटर्स संचालक ने लाकर छोड़ा है। उन्होंने बताया कि खरीदी को लेकर समिति द्वारा किसी प्रकार से सूचना का प्रकाशन नहीं कराया गया और कोटेशन भी ब्रांच ऑफिस से मिला है। मड़ौदा प्रबंधक ने बताया कि धान खरीदी लगभग 65 प्रतिशत हो गई है, यहं असमय बारिश से बचने तालपतरी का अभाव है। 10 क्विंटल सुतली बिना मांगे विजय आफसेट प्रिंटर्स ने भेजा है। कामठा समिति प्रबंधक के पास सिर्फ एक ही कोटेशन मिला जबकि नियमानुसार तीन फर्माे का कोटेशन होना था। 10 क्विंटल सुतली पहले से प्रिंटर्स संचालक ने भेज दिया था जबकि जालबांधा समिति प्रबंधक ने कांग्रेस नेताओं के सामने ही कोटेशन खोला जबकि उसके यहॉ पहले ही 15 क्विंटल सुतली और 2 बोरी रंग सप्लाई कर दिया गया था। कोटेशन भी 12 नवंबर की तारीख में उसे मिला है। अब सवाल यह उठता है कि जब सुतली, कलर, रंग और तालपतरी खरीदी को लेकर समितियों ने सरकारी नियमों का पालन प्रारंभ ही नहीं किया था तो किस आधार पर संबंधित फर्म के मालिक ने सामान सप्लाई किया और अब कागजी प्रक्रिया पूरी करने कोटेशन भेजकर मनमाफिक दर में खरीदी के लिए दबाव बना रहे हैं।
मामले में बैंक अधिकारी के शामिल होने का आरोप लगा रहे कांग्रेसी
उपार्जन केंद्रों के निरीक्षण बाद लौटे विधायक प्रतिनिधि मनराखन देवांगन ने बताया कि धान खरीदी के मामले में साय सरकार लगभग फेल साबित हो रही है। केंद्रों में बफर लिमिट से ज्यादा धान रखा हुआ है और परिवहन की सुचारू व्यवस्था नहीं हो पायी है उन्होंने कहा कि 31 सौ एकमुश्त भुगतान की बात करने वाली साय सरकार अब मात्र 23 सौ रूपए किसानों को दे रही है। बारिश से बचने की कहीं कोई पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने के कारण धान यदि भीगा तो हर बार की तरह इस बार भी अधिकारी समितियों पर ही दोष मढ़ेंगे। सुतली, कलर खरीदी प्रक्रिया को लेकर आकाशदीप सिंह ने कहा कि सारे नियम कानून को दरकिनार कर सप्लाई किया गया है। बाजार मे 80-85 रूपए में मिलने वाली सुतली को 120 रूपए प्रति किलो की दर से देने के बाद अब सत्ता सरकार का रौब दिखाकर भुगतान के लिए प्रबंधकों पर भरपूर दबाव बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस मामले में जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के अधिकारी भी संलिप्त हैं क्योंकि समिति प्रबंधकों ने स्वीकार किया है कि कोटेशन वहीं के अधिकारी ने दिया है।