कोलाहल सीमा के बाहर होने पर सामग्री होगी राजसात
सत्यमेव न्यूज़/खैरागढ़. कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी गोपाल वर्मा ने डीजे और धुमाल की तेज आवाज को लेकर जिला मुख्यालय के सभागार में सभी डीजे संचालकों की बैठक लेकर आवश्यक निर्देश दिये. बैठक में तीव्रता कोलाहल नियंत्रण सीमा के भीतर रखने का निर्देश दिया गया है, कोलाहल सीमा से बाहर होने पर नियमानुसार कठोर कार्यवाही की जाने की जानकारी भी दी गई है. इस दौरान जिले के डीजे संचालक, उनके प्रतिनिधि, प्रशासन व पुलिस के अधिकारी उपस्थित थे.
कोलाहल नियंत्रण सीमा के बाहर होने पर राजसात की कार्यवाही होगी- कलेक्टर
कलेक्टर गोपाल वर्मा ने जिले के सभी डीजे संचालक तथा उनके प्रतिनिधियों को निर्देशित करते हुये कहा कि माननीय न्यायालय के आदेशानुसार डीजे की तीव्रता कोलाहल नियंत्रण सीमा के बाहर होने पर सीधे राजसात की कार्यवाही होगी. इतना ही नहीं उपकरण को नष्ट करके संचालक पर नियमानुसार एफआईआर दर्ज की जायेगी. इसलिए कोलाहल सीमा का ध्यान रखकर संचालन किया जाना उचित होगा. हाईकोर्ट में मुख्य सचिव द्वारा शपथ पत्र मांगे जाने के कारण उक्त आवश्यक बैठक आहूत की गई है. छत्तीसगढ़ राजपत्र में अधिसूचना में इस संबंध में आवश्यक विवरण दिया गया है. क्रमांक एफ 04-03/2018/32- पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 (1986 का सं. 29) के अंतर्गत निर्मित ध्वनि प्रदूषण (विनियमन एवं नियंत्रण) नियम, 2000 के नियम 3 के उप नियम (3) द्वारा प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुये, उक्त उप-नियम के परिशिष्ट के अनुसार ध्वनि प्रदूषण के प्रभावी नियंत्रण के लिये सभी ध्वनि प्रणाली/लोक संबोधन प्रणाली में ध्वनि सीमक (सीमकों) के आवश्यक रूप से उपयोग के लिये, छत्तीसगढ़ के राज्यपाल, एतद द्वारा इस अधिसूचना को सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ प्रदेश में तत्काल प्रभाव से जारी किया गया है.
किसी भी ध्वनि प्रणाली का किसी भी ऐसे विनिर्माता/ व्यापारी/ दुकानदार/ एजेंसी जो लोक संबोधन प्रणाली को/संबंधित प्रणाली के उपकरणों को एकल रूप से किराये पर देते हैं उनके द्वारा इसमें ध्वनि सीमक के बिना, विक्रय / कय/प्रदाय / संस्थापन / उपयोग नहीं किया जायेगा / किराये पर नहीं दिया जायेगा. सभी अनुज्ञा देने वाले प्राधिकारी, जिसमें पुलिस प्राधिकारी, नगर पालिक निगम, नगर पालिक परिषद्, नगर पंचायत, पंचायत सम्मिलित है, यह सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी ध्वनि प्रणाली या लोक संबोधन प्रणाली, ध्वनि सीमक सज्जित किये बिना, किसी भी शासकीय या गैर-शासकीय कार्यक्रमों में स्थापित नहीं किये जाये या किराये पर नहीं लगायें जायें तथा संबंधित एजेन्सियों द्वारा जारी सभी अनुज्ञप्तियों में, इस शर्त को सम्मिलित किये जायें. बैठक में अपर कलेक्टर डी एस राजपुत, प्रकाश राजपूत, मुख्य नगर पालिका अधिकारी प्रमोद शुक्ला, कमल नारायण जंघेल, उप पुलिस अधीक्षक प्रदीप येरेवार सहित जिले के डी.जे. संचालक व उनके प्रतिनिधि उपस्थित थे.