कृषि पंप कनेक्शन के साथ कैपेसिटर लगाने विद्युत विभाग किसानों से कर रहा अपील
पंप सघन क्षेत्रों की विद्युत समस्या से निपटने किसानों से सहयोग जरूरी
सभी विद्युत्त पंपो में पर्याप्त क्षमता का कैपेसिटर लगाना आवश्यक
सत्यमेव न्यूज/खैरागढ़. खैरागढ़ क्षेत्र द्वारा सभी विभागीय वितरण केन्द्र, खैरागढ शहर व ग्रामीण क्षेत्रों के पाण्डादाह, मुढीपार, अमलीपारा, जालबांधा, अतरिया, छुईखदान, बुंदेली, उदयपुर, गण्डई, धोधा, पैलीमेटा एवं साल्हेवारा के सभी कृषि पंप उपभोक्ताओं से अपने कनेक्शनों में पर्याप्त क्षमता अनुसार अनिवार्य रूप से कैपेसिटर लगाकर विद्युत विभाग को सहयोग प्रदान करने की अपील की गई है.
कृषि पंप चलने से बढ़ रहा लोड़
विभाग ने बताया कि गर्मी के मौसम में धान, मक्का और चने की फसल में सिंचाई के लिये एक साथ कृषि पंप चलने से लोड बढ़ गया है. यह समस्या उन क्षेत्रों में गंभीर है जहां पंप कनेक्शनों का घनत्य ज्यादा है. खैरागढ़ डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के कार्यपालन अभियंता सी. शर्मा ने बताया कि कृषि पंपों का घनत्व बहुत ज्यादा हो गया है. प्रत्येक पंप की मोटर इंडक्टिव (क्वाइल से बना) लोड है. जब एक साथ बहुतायत में पंप चलते हैं तो पूरे सिस्टम का लोड असंतुलित होकर बहुत ज्यादा इंडक्टिव हो जाता है और विद्युत प्रणाली का पॉवर फैक्टर कम हो जाता है. ऐसी स्थिति में ट्रांसफार्मर प्रणाली पर एक तरह की छद्म लोडिंग बढ़ जाती है, और वोल्टेज कम हो जाता है.
कैपेसिटर नहीं लगाने से रहती हैं मोटर जलने की संभावना
सभी विद्युत्त पंपो में पर्याप्त क्षमता का कैपेसिटर लगाया जाना आवश्यक है. कैपेसिटर नहीं लगाए जाने से वोल्टेज ड्राप होता है तथा मोटर अधिक करंट लेती है, जिससे मोटर की पानी निकालने की क्षमता कम हो जाती हैं एवं जलने की संभावना भी बढ़ जाती है. इसके अलावा कुछ पंपो से एक डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफॉर्मर पर लोड़ बढ़ता है. कई वितरण ट्रांसफॉर्मर से 11 के.व्ही. लाइनों पर, फिर 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्रों पर तथा 33 के.व्ही. लाइनों, इस प्रकार पूरे ट्रांसमिशन सिस्टम पर लोड़ बढ़ता है. जिससे अत्याधिक लो वोल्टेज की समस्या आ जाती हैं. इसके लिये जरूरी है कि राज्य शास द्वारा जारी निर्देशों के अनुरूप प्रत्येक किसान अपने पंप पर कैपेसिटर लगाये इस समस्या के समाधान के लिये छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी अपने स्तर पर हर संभव प्रयास कर रही है जैसे पावर ट्रांसफॉर्मरों की क्षमता वृद्धि, अतिरिक्त पावर ट्रांसफामरों की स्थापना, सब स्टेशनों में कैपेसिटर बैंक की स्थापना की जा रही है. पॉवर कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि रबी फसल में प्रमुख रूप से धान लगाये जाने के कारण कृषि पंपों के माध्यम से खेतों में सिंचाई करने अधिक मात्रा में पानी के उपयोग होने से आकस्मिक रूप से विद्युत लाईनों एवं ट्रांसफार्मर पर अधिक भार आ गया है, जलस्तर नीचे जाने से पंप ज्यादा लोड खींच रहे हैं. फलस्वरूप कुछ क्षेत्रों में लो वोल्टेज की समस्या उत्पन्न हो गई है. अतः समस्त कृषकों से आग्रह है कि अपने स्थापित पंप के स्टार्टर के समीप कैपेसिटर स्थापित करें, ताकि कुछ सीमा तक लो-वोल्टेज की समस्या का निदान हो सके एवं पंप जलने की समस्या से बचा जा सके. यह प्रमाणित तकनीकी उपाय है और इससे समस्या तत्काल काफी हद तक हल हो जाएगी. किसानों को पंपों के एचपी के हिसाब से कैपेसिटर लगाने को कहा गया हैं जिसमें 0 से 3 एचपी तक 1 केवीएआर कैपेसिटर, 3 से 5 एचपी तक 2 केवीएआर कैपेसिटर, 5 से 7.50 एचपी तक 3 केवीएआर कैपेसिटर, 7.50 से 10 एचपी तक 4 केवीएआर कैपेसिटर, 10 एचपी से 15 एचपी तक 5 केवीएआर कैपेसिटर लगाने विभाग ने अपील किया हैं.