कुलपति लवली शर्मा और अवध सिंह ठाकुर की युगलबंदी ने मोहा मन

गुरु पूर्णिमा पर शास्त्रीय संगीत की हुई स्वर्णिम संध्या
सत्यमेव न्यूज खैरागढ़. गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर शासकीय संगीत महाविद्यालय मेहर में मध्यप्रदेश शासन के संस्कृति विभाग भोपाल के सौजन्य से एक भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस संगीतमय संध्या में शास्त्रीय रागों की स्वरलहरियों और तालों की गूंज से सभागार सराबोर हो गया। कार्यक्रम में विशेष रूप से आमंत्रित कलाकारों इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ.लवली शर्मा (सितार वादिका) एवं अवध सिंह ठाकुर (तबला वादक) की युगल प्रस्तुति ने श्रोताओं को सुर-साधना के अद्वितीय अनुभव से परिचित कराया। अद्वितीय राग-संगीत की प्रस्तुति कार्यक्रम की शुरुआत डॉ.लवली शर्मा द्वारा राग लिया की विलंबित गत से हुई जिसमें उनके आत्मविभोर आलाप और सूक्ष्म गतें दर्शकों के मन को छू गईं। वहीं तबले पर अवध सिंह ठाकुर की संगत ने इस प्रस्तुति को और अधिक ऊर्जावान एवं जीवंत बना दिया। रचना द्रुत तीन ताल में दोनों कलाकारों की सामंजस्यपूर्ण जुगलबंदी ने सभागार को तालियों की गूंज से भर दिया। संगीत के प्रत्येक आरोह–अवरोह पर दर्शकों की प्रतिक्रियाएं सिद्ध कर रही थीं कि कला आत्मा से निकलकर आत्मा में उतर रही थी। कलाकारों का परिचय और गौरव डॉ.लवली शर्मा वर्तमान में इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ में कार्यरत हैं और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारतीय शास्त्रीय संगीत की प्रतिष्ठित प्रतिनिधि रही हैं। वह A ग्रेड कलाकार हैं तथा देश–विदेश में अनेक प्रतिष्ठित मंचों पर प्रस्तुति दे चुकी हैं। वहीं खैरागढ़ के उभरते हुए प्रतिभाशाली तबला वादक अवध सिंह ठाकुर भी A ग्रेड कलाकार हैं जो शास्त्रीय तबला वादन की विभिन्न विधाओं में दक्ष हैं। वे इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय से पीएच.डी. शोधार्थी हैं और देशभर के कई बड़े संगीत समारोहों में अपने वादन से अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुके हैं। उनका सहज और शुद्ध वादन श्रोताओं को शास्त्रीयता से जोड़ता है। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मेहर क्षेत्र के विधायक श्रीकांत चतुर्वेदी एवं उप संचालक संस्कृति विभाग आपाल भारती सिंह राजपूत उपस्थित रहे। अध्यक्षता रानी वाट्स कलेक्टर मेहर ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में संगीताचार्य बी.एस. ठाकुर, डॉ.माही, एन.एन. शार्दुल, डॉ. शशांक शरण व अन्य वरिष्ठ संगीतज्ञ व कला प्रेमी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन युवा संगीत शिक्षक शुभम व्यास द्वारा प्रभावशाली ढंग से किया गया। पूरी संध्या भर श्रोताओं की तालियों की गूंज बनी रही। कई बार प्रस्तुति को दोहराने के लिये दर्शकों की मांग आई जो कार्यक्रम की सफलता का जीवंत प्रमाण था। इस अवसर पर संगीत प्रेमियों के साथ महाविद्यालय के छात्र–छात्राएं, शिक्षकों एवं आम जनों की उपस्थिति ने इस आयोजन को ऐतिहासिक बना दिया।