कच्ची सड़क से भी बदतर हालात में खैरागढ़ से डोंगरगढ़ जाने वाली सड़क
खपरी तेली से ढारा तक की सड़क की हालत और भी बदतर
हर 50 मीटर में बड़े-बड़े गड्ढे, सड़क की परतें भी उखड़ी
जर्जर व बदहाल सड़क में कभी भी हो सकती है बड़ी दुर्घटना
सत्यमेव न्यूज़ खैरागढ़. नवीन जिला केसीजी का एक ऐसा मार्ग जो निर्माण के एक साल बाद ही जर्जर होना शुरू हो गया, जर्जर सड़क की मरम्मत को लेकर प्रतिवर्ष राशि स्वीकृत की जाती है परंतु स्वीकृत राशि के अनुसार सड़क मरम्मत नहीं होने के कारण प्रतिवर्ष यह स्थिति निर्मित हो जाती है। हम बात कर रहे हैं नवीन जिला केसीजी के खैरागढ़ से डोंगरगढ़ पहुंच मार्ग का जो वर्तमान में इतना बदतर हो चुका है कि उक्त मार्ग पर कभी भी बड़ी दुर्घटना घट सकती है। बता दे कि खैरागढ़ से खपरी तेली तक सड़क में मरम्मत कार्य होने के कारण लगभग 8 से 10 किमी तक की सड़क बेहतर है परंतु खपरी तेली से ढारा तक यह मार्ग अत्यंत जीर्ण-शीर्ण हो चुका है जिसके कारण यह मार्ग कच्ची सड़क से भी बदतर हो चुका है। उक्त मार्ग पर हर 50 मीटर की दूरी पर बड़े-बड़े गड्ढे हो चुके हैं वहीं सड़क की परतें भी बुरी तरह उखड़ चुकी है जहां बारिश का पानी भरे होने के कारण कभी भी दुर्घटना घट सकती है। बताया जा रहा है कि उक्त सड़क की मरम्मत के लिये प्रतिवर्ष विभाग से लाखों की राशि स्वीकृत की जाती है परंतु स्वीकृत राशि का बंदरबांट होने के कारण सड़क में केवल लीपापोती कर छोड़ दिया जाता है जिसके कारण सालभर बाद सड़क की स्थिति जस की तस हो जाती है, ऐसे में इसका खामियाजा केवल राहगीरों को भुगतना पड़ता है। बता दे कि इस मार्ग से साल में कई बाद अधिकारी सहित जिम्मेदार जनप्रतिनिधि भी आवागमन करते हैं परंतु इसके स्थायी समाधान को लेकर किसी के द्वारा विशेष पहल नहीं की जाती, केवल सड़क मरम्मत के नाम पर लंबी-चौड़ी राशि स्वीकृत कर बंदरबांट किया जाता है।
खैरागढ़ से कवर्धा मार्ग भी हुआ जीर्ण-शीर्ण
बारिश के कारण वर्तमान में खैरागढ़ से कवर्धा अंतरराज्यीय मार्ग का भी हाल बेहाल है। नवीन जिला केसीजी के भीतर ग्राम ढीमरीनकुंआ से गंडई तक का मार्ग जर्जर होने लगा है। उक्त सड़क पर जगह-जगह गड्ढे हो चुके हैं वहीं अधिकतर स्थानों पर सड़क की परतें पूरी तरह उखड़ चुकी है जिसके कारण सड़क की स्थिति बद से बदतर हो चुकी है, हालात यह हे कि थोड़ी सी भी लापरवाही राहगीरों की जान ले सकती है। बता दे कि इस मार्ग के जीर्णोद्धार के लिये भी प्रतिवर्ष लाखों की राशि स्वीकृत की जाती है परंतु उक्त सड़क पर लीपापोती कर छोड़ दिया जाता है जिसके कारण सालभर बाद हालत जस की तस हो जाती है। बता दे कि बारिश से कुछ माह पहले ही उक्त सड़क में मरम्मत का कार्य किया गया था परंतु वर्तमान में सड़क की बदहाल स्थिति को देखकर नहीं लगता की सालों से इस सड़क का मरम्मत हुआ। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि सड़क निर्माण के नाम पर किस तरह लाखों की हेराफेरी की जाती होगी।