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एडीबी सडक़ प्रोजेक्ट में आया नया मोड़, पंडरिया के पीडि़त किसानों ने भी ठोंका दावा

कहा-छुईखदान दनिया मार्ग में अधिग्रहित हुई है हमारी भी जमीन

एसडीएम को ज्ञापन में दोषी अधिकारियों पर एफआईआर की मांग

सत्यमेव न्यूज़/खैरागढ़. नव गठित जिला खैरागढ़ में सबसे अधिक विवादों में रहे बहुचर्चित छुईखदान से दनिया एडीबी प्रोजेक्ट अंतर्गत बन रहे सडक़ निर्माण में एक नया मोड़ आ गया है. ग्राम पंडरिया के आधा दर्जन से अधिक किसानों ने दावा किया है कि सडक़ निर्माण की जद में उनकी भी जमीन आ रही है. इस संबंध में ग्राम पंडरिया के पीडि़त किसानों ने छुईखदान एसडीएम कार्यालय में लिखित में आवेदन प्रस्तुत कर मुआवजे की मांग की हैं, जिसमें पटवारी हल्का नंबर 02 मौहाभाठा खार के किसानों ने बताया कि सडक़ निर्माण करने वाली एजेंसी ने हमसे बिना अनुमति लिये या हमें मुआवजा दिये बगैर ही उनकी भी निजी भूमि में बलपूर्वक कब्जा कर सडक़ निर्माण कर दिया है.

अधिकारियों व ठेकेदार ने जबरन कब्जा कर बनवा दी सडक़

मामले को लेकर किसान मोती राम ने बताया कि उसकी खसरा नंबर 351/1 और 346/1 दोनों खेत के 60 डिसमिल जमीन पर सडक़ निर्माण किया जा चुका है वहीं विष्णु राम की निजी जमीन खसरा नंबर 331/2, 340/1, 342/1 में क्रमश: 0.56,0.22,0.06 हैक्टेयर भूमि पर जबरन कब्जा कर सडक़ निर्माण कर दिया गया है. अब अधिग्रहण किये बिना ही किसानों की जमीन पर बलपूर्वक कब्जा कर सडक़ निर्माण करने वाली एडीबी प्रोजेक्ट के अधिकारियों के प्रति किसानों में भारी रोष देखने को मिल रहा है. दूसरी ओर केजऊ राम ने बताया कि उसके दो खेत 346/3 और 351/3 के कुल 60 डिसमिल जगह पर बिना मुआवजा दिये सडक़ बना दिया व किसान तेजकुमार ने भी एसडीएम कार्यालय में लिखित आवेदन प्रस्तुत कर बताया कि उसकी निजी भूमि, जिसका खसरा नंबर 350/1 है उस पर जबरन कब्जा कर सडक़ निर्माण करने वाले ठेकेदार के द्वारा लगभग 30 डिसमिल जगह पर सडक़ बना दिया गया है. पंडरिया के किसान नान्हेराम और अधीन राम ने भी बताया कि हमारे मना करने के बाद भी एडीबी प्रोजेक्ट के अधिकारियों ने हम दोनों के आधा एकड़ से अधिक जमीन पर बलपूर्वक कब्जा कर सडक़ निर्माण करवाया हैं. दोनों कृषकों की माने तो नियमों को ताक में रखकर अधिग्रहण किया गया है उन्हें हक के मुआवजे वंचित रखा गया है जिसका खसरा नंबर 343/1,326/4 तथा 333/1 है. पंडरिया की ही एक बुजुर्ग महिला किसान सेवती बाई ने बताया कि उनकी छोटी सी जमीन है 340/3, जिसके सहारे जीवन यापन करती थी, उस पर भी एडीबी प्रोजेक्ट के अधिकारियों ने कब्ज़ा करवाकर ठेकेदार से बलपूर्वक सडक़ बनवा दिये हैं.

दोषी अधिकारियों पर एफआईआर की मांग

गौरतलब है कि एडीबी प्रोजेक्ट अंतर्गत बन रहे सडक़ निर्माण में जिम्मेदार अधिकारियों के द्वारा नियम कानून के विपरीत कार्य करते हुये छुईखदान से लेकर दनिया तक 27 किलोमीटर मार्ग में पडऩे वाले 16 गांव के लगभग 270 किसानों की जमीन पर बलपूर्वक कब्जा कर सडक़ बना दिया गया, जिसके अधिग्रहण की कार्यवाही किसानों के द्वारा 06 माह से लगातार आंदोलन करने के बाद प्रशासन ने शुरू किया है. गौरतलब हैं कि लगातार विरोध प्रदर्शन और किसान पद यात्रा कर आंदोलन के बाद क्षेत्र में किसान हितैषी कहे जाने वाली भूपेश बघेल सरकार की छबि खराब हो रही थी, किसान कुछ विपक्षी नेताओं के साथ उग्र आंदोलन नहीं करते तो संभवत: मुआवजे की कार्यवाही शुरू भी नहीं होती. मुआवजा के लिए हुये आंदोलन की अगुवाई करने वाले किसान भाजपा नेता खम्हन ताम्रकार का कहना है कि प्रशासन में बैठे जिम्मेदार अधिकारियों के द्वारा बरती गई लापरवाही का खमियाजा किसान भुगत रहे हैं. जिन अधिकारियों के द्वारा किसानों की जमीन पर बलपूर्वक कब्जा कर सडक़ निर्माण करवाया गया है, उन्हें तत्काल निलंबित कर एफआईआर कर कड़ी कार्यवाही की जानी चाहिये जिसकी मांग पीडि़त किसान कर रहे हैं.

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