इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय के सहायक कुल सचिव सहित दो सहायक प्राध्यापक निलंबित
राजभवन के आदेश पर जारी हुआ था कारण बताओ नोटिस
जवाब नहीं देने पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने की निलंबन की कार्रवाई
सत्यमेव न्यूज खैरागढ़. इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय के सहायक कुल सचिव सहित दो सहायक प्राध्यापक को विश्वविद्यालय प्रशासन ने निलंबित कर दिया है। बताया जा रहा है कि राजभवन के आदेश पर निलंबित अधिकारी वर्ग के तीनों कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी हुआ था जिसके बाद उक्त कर्मचारियों द्वारा जवाब नहीं देने पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने निलंबन की कार्रवाई की है। यह विश्वविद्यालय के इतिहास में पहली बार हुआ है कि एक साथ अधिकारी संवर्ग के तीन कर्मचारियों को विश्वविद्यालय प्रशासन ने निलंबित किया है, इस कार्रवाई के बाद विश्वविद्यालय सहित खैरागढ़ के राजनीतिक हलकों में भी गहमा-गहमी बनी हुई है।
राज भवन से मिले पत्र के आधार पर जारी किया गया था कारण बताओं नोटिस
इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय में नियुक्तियों को लेकर राजभवन से मिले पत्र के आधार पर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। बताया जा रहा है कि निर्धारित समय मे वाजिब जवाब नहीं देने पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने अपने तीन अधिकारी संवर्ग के कर्मचारियों को निलंबित किया है। जानकारी अनुसार राजभवन से बीते 31 जनवरी को सहायक कुलसचिव विजय कुमार सिंह, सहायक प्राध्यापक लोकसंगीत विभाग दीपशिखा पटेल और सहायक प्राध्यापक इतिहास विभाग डॉ.मंगलानंद झा के पद में नियुक्ति को लेकर प्रथम दृष्टया गंभीर अनियमितता मानते हुये विश्वविद्यालय प्रशासन ने 6 मई को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। निर्धारित तिथि तक जवाब नही देने पर दुबारा दो दिन का अतिरिक्त समय देकर कारण बताओ नोटिस का स्पष्ट उत्तर मांगा गया लेकिन तीनों के जवाब को विश्वविद्यालय प्रशासन की कारवाई पर प्रश्र चिन्ह, कार्यालय को भ्रमित करने और प्रकरण की दिशा भटकाने के उद्देश्य से जांच मे सहयोग नही करने का दोषी मानते हुये छत्तीसगढ़ सिविल सेवा नियम के तहत 28 मई को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
बता दे कि विश्वविद्यालय में पदस्थ असिस्टेंट प्रो.डॉ.दीपशिखा पटेल ने एम.ए. कत्थक की परीक्षा साल 2005, नेट कत्थक की परीक्षा 2006, पीएचडी कत्थक 2012 में पूरा किया और साल 2014 में एमए लोक संगीत की परीक्षा उत्तीर्ण की और मात्र इसी डिग्री के आधार पर उनकी नियुक्ति की गई थी जिसे लेकर अब आपत्ति की गई है वहीं हिस्ट्री ऑफ आर्ट एंड कल्चर में व्याख्याता के पद पर पदस्थ डॉ.मंगलानंद झा की नियुक्ति को भी बिना भर्ती प्रक्रिया का पालन किये नियुक्ति का आरोप लगाया गया है। दूसरी ओर असिस्टेंट रजिस्ट्रार विजय सिंह की नियुक्ति ऑस्ट्रेलिया के एक विश्वविद्यालय से एम.बी.ए. की डिग्री को लेकर सवाल किए गए हैं और इन्फॉर्मेशन साइंटिस्ट के पद पर पदस्थ जे.मोहन से सहायक ग्रेड-3 के पद से निर्धारित समय पर त्यागपत्र नहीं देने को लेकर जवाब मांगा गया था और एक को छोड़कर तीन अधिकारी वर्ग के कर्मचारी के विरुद्ध विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा निलंबन की कार्रवाई की गई है जिसके बाद विश्वविद्यालय में अंदर खाने माहौल गर्म है।
निलंबित अधिकारियों ने नोटिस के जवाब की जगह मांगा दस्तावेज
निलंबन आदेश में विश्वविद्यालय की कुलसचिव प्रो.डॉ.नीता गहरवार ने तीनों कर्मचारियों के खिलाफ काफी कड़े शब्दो का प्रयोग करते हुए लिखा है कि कारण बताओ नोटिस का स्पष्ट जवाब देने की जगह उनके द्वारा सशर्त 10 बिंदुओ मे विश्वविद्यालय प्रशासन से दस्तावेज मांगना अशिष्टता, उद्दंडता और अनुशासनहीनता का द्योतक है। तीनों कर्मचारियो का यह कृत्य सिविल सेवा आचरण के अलग-अगल नियमों के उल्लंघन की श्रेणी का है। कुलसचिव प्रो.डॉ.नीता गहरवार ने बीते 28 मई को जारी निलंबन आदेश में विजय कुमार सिंह को अपना प्रभार डॉ.मानसदा साहू को, दीपशिखा पटेल को विभाग के विभागाध्यक्ष और डॉ.मंगलानंद झा को प्राचीन भारतीय इतिहास संस्कृति व पुरातत्व विभाग के विभागाध्यक्ष को सौंपने का आदेश दिया है और तीनों को कुलसचिव कार्यालय मे अटैच कर दिया है।
विश्वविद्यालय में बन गया है विरोध और प्रतिकार का माहौल
वर्तमान में विश्वविद्यालय में आपसी गुटबाजी के कारण विरोध और प्रतिकार का माहौल बन गया है और इसी के चलते लंबे अंतराल के बाद इस तरह की कार्यवाही सामने आ रही है। गौरतलब है कि विश्वविद्यालय में इनफार्मेशन साइंटिस्ट के पद पर पदस्थ जे.मोहन को भी नियुक्ति में अनियमितता मामले मे नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है लेकिन इन पर निलंबन की गाज नहीं गिरी है वहीं विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति को हटाये जाने के मामले में भी राजभवन ने विश्वविद्यालय प्रशासन से जवाब तलब किया है। इस मामले में विश्वविद्यालय सूत्रों की माने तो संगीत विवि की पूर्व कुलपति प्रो.डॉ.मांडवी सिंह को हटाये जाने के मामले में वर्तमान कुलपति ममता(मोक्षदा) चंद्राकर से राजभवन ने जवाब-तलब किया है वहीं एक अन्य मामले में विश्वविद्यालय में पदस्थ अनुसूचित जाति वर्ग के प्राध्यापक ने कुलसचिव प्रो.डॉ.नीता गहरवार के खिलाफ अनुसूचित जाति आयोग में जातिगत प्रताड़ना की शिकायत की है जिसकी जांच भी वर्तमान में चल रही है। कुल मिलाकर संगीत कला व ललित कला को समर्पित इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय में अब गुटबाजी विरोध और प्रतिकार का माहौल देखने को मिल रहा है। सूत्रों की माने तो आने वाले दिनों में अलग-अलग तरह की और भी कार्रवाईयां हो सकती हैं।