आरक्षण में कटौती का राज्योत्सव में सरकार का खुला विरोध, आदिवासी नेता ने जारी किया फरमान
सर्व आदिवासी समाज को राज्योत्सव से दूरी बनाने निर्देश हुआ जारी
राज्योत्सव में शामिल होने पर सामाजिक स्तर पर कारवाई की चेतावनी
सत्यमेव न्यूज़/खैरागढ़. आरक्षण में कटौती का प्रदेश सरकार का निर्णय अब छ.ग. सरकार को ही राज्योत्सव में भारी पड़ रहा हैं, दरअसल खैरागढ़ के चर्चित आदिवासी नेता और समाज के अध्यक्ष ने राज्य उत्सव के आयोजन को लेकर सरकार के खिलाफ फरमान जारी किया हैं. बता दे कि सर्व आदिवासी समाज आरक्षण में कटौती का लगातार विरोध कर अपनी आवाज बुलंद कर रहा हैं और विरोध को लेकर नये पैंतरों की लगातार जोर-आजमाईश चल रही हैं. पहले ही 15 नवंबर को जिला स्तर पर चक्काजाम करने की चेतावनी दी गई है वहीं 1 नवंबर को होने वाले राज्योत्सव से भी खुद को अलग-थलग रखने का तुगलगी फरमान खैरागढ़ में जारी हुआ हैं
जिसमें कोई भी आदिवासी शामिल नहीं होगा इसे लेकर खाप पंचायत की तर्ज पर चेतावनी जारी की गई हैं. सर्व आदिवासी समाज खैरागढ़ के अध्यक्ष संतराम छेदैया ने जारी बयान में कहा है कि वर्तमान में प्रदेश सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य महोत्सव मनाया जा रहा है लेकिन समाज का कोई भी व्यक्ति आयोजन में शामिल नहीं होगा. बयान में स्पष्ट कहा गया है कि प्रदेश सरकार ने 32 प्रतिशत आरक्षण में कटौती की है जिसका विरोध समाज हर मोर्चे पर कर रहा है. जनप्रतिनिधि आरक्षण कटौती को लेकर कुछ बोलने को तैयार नहीं है वही सरकार भी गोलमोल जवाब दे रही है जिससे आदिवासियों में खासा आक्रोश पनप रहा है. यहीं वजह है कि समाज अपना विरोध दर्ज कराने राज्योत्सव से खुद को अलग कर किसी भी आयोजन में शामिल नहीं होगा.
आयोजन स्थल में भी दिखे तो होगी सामजिक कार्रवाई
सर्व आदिवासी समाज की ओर से अध्यक्ष संतराम छेदैया ने राज्योत्सव में शामिल नहीं होने को लेकर सरकार के विरोध में सीधा फरमान जारी किया है जिसमें पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को सूचित करते हुए कार्यक्रम में शामिल नहीं होने कहा है वहीं साथ ही गोंडी कर्मा नृत्य दल को भी भाग नहीं लेने का निर्देश दिया हैं. मनाही के बाद भी आयोजन स्थल पर दिखने पर सामाजिक स्तर पर कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई हैं, ऐसे में राज्योत्सव को लेकर आदिवासी समुदाय की गैरमौजूदगी पूरे आयोजन को फीका और नीरस कर सकती हैं.