आंगनबाड़ी की कार्यकर्ता और सहायिकाओं ने ड्रेस कोड की बाध्यता समाप्त करने रखी मांग

कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर बताई समस्या

खैरागढ़. आंगनबाड़ी कार्यकर्ता-सहायिका संयुक्त मंच छत्तीसगढ़ के बैनर तले प्रदेश आंगनबाड़ी कार्यकर्ता-सहायिका संघ ने ड्रेस कोड की बाध्यता समाप्त करने कलेक्टर, जिला महिला बाल विकास अधिकारी व परियोजना अधिकारी खैरागढ़ को ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन में उन्होंने बताया है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता-सहायिका मानसेवी है तथा वें जिस गांव के केन्द्र में पदस्थ रहती हैं वहीं के ही मतदाता या बहु-बेटी रहती हैं जिसके कारण इन्हें सभी लोग जानते व पहचानते हैं।

इनके पहचान के लिए ड्रेस कोड अनिवार्य किया जाना व्यवहारिक नहीं है। किसी दिन ड्रेस पहनकर नहीं आने पर उनका मानदेय काट दिया जाता है और बैठक में भी सुनाया जाता है। उक्त समस्याओं को देखते हुये आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं ने ड्रेस कोड की अनिवार्यता को समाप्त करने की बात कही है। पत्र में सभी कहा गया है कि यदि शासन की ओर से ड्रेस कोड की बाध्यता है तो आदेश की प्रति उपलब्ध कराया जाये और स्वास्थ्य विभाग की नर्स, पुलिस विभाग के पुलिस जवान सहित अन्य विभाग के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी जिनके लिए ड्रेस कोड की अनिवार्यता है उनको प्रतिमाह दी जाने वाली धुलाई भत्ता के अनुसार आंगनबाड़ी कार्यकर्ता-सहायिकाओं को भी धुलाई भत्ता के साथ ब्लाऊज, पेटीकोड व उसके सिलाई का चार्ज स्वीकृत किया जाये। मानसेवी होने के बावजूद पहचान के लिये आंगनबाड़ी कार्यकर्ता- सहायिका के लिए ड्रेस कोड अनिवार्य किया जाता है ऐसे में 20-25 केन्द्रों में निरीक्षण करने वाले पर्यवेक्षक (सुपर वाईजर) के लिए भी ड्रेस कोड अनिवार्य किया जाये।