असहाय बुजुर्गों का सहारा बना अपना घर, निस्वार्थ सेवा समिति ने की सार्थक पहल

सत्यमेव न्यूज के लिए मनोहर सेन खैरागढ़। शहर और आसपास के असहाय एवं बेसहारा बुजुर्गों के लिए विद्या वृद्ध आश्रम अपना घर दाऊचौरा खैरागढ़ उम्मीद की किरण बनकर सामने आया है। यहां ऐसे बुजुर्गों को सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन प्रदान किया जा रहा है जिनका जीवन में अब कोई सहारा नहीं बचा।

समाजसेवी कर रहे निस्वार्थ सेवा
आश्रय में रह रहे बुजुर्गों की मदद के लिए समाजसेवी लगातार आगे आ रहे हैं। निस्वार्थ सेवा समिति खैरागढ़ ने सोमवार को वृद्ध आश्रम पहुंचकर बुजुर्गों के बीच भोजन वितरण किया। सुबह समिति के सदस्यों ने बिस्किट, केला, सब्जियां और अन्य आवश्यक सामग्री भी बांटी। समिति का कहना है कि उनका उद्देश्य हर जरूरतमंद तक मदद पहुंचाना और सेवा की परंपरा को लगातार आगे बढ़ाना है। आश्रम प्रबंधन की ओर से बताया गया कि कोई भी व्यक्ति महज ₹1100 शुल्क देकर सुबह या शाम का भोजन बुजुर्गों के लिए करवा सकता है। इच्छुक लोग चाहें तो स्वयं भोजन बनवाकर परोस सकते हैं या आश्रम के मेस से तैयार करवा सकते हैं।वृद्ध आश्रम प्रबंधन ने समाजसेवियों और शहरवासियों से अपील की है कि यदि उनके पास नया या पुराना कूलर, पंखा, तौलिया, दवाईयाँ या अन्य आवश्यक सामग्री उपलब्ध हो तो उसे आश्रम में दान करें। यह सामग्री सीधे बुजुर्गों की सुविधा और देखभाल के लिए उपयोग में लाई जाएगी।
बेसहारा बुजुर्गों के लिए सुरक्षित ठिकाना
आश्रम प्रबंधन ने बताया कि यदि किसी गांव या वार्ड में कोई बुजुर्ग है जिसका कोई सहारा नहीं है, तो उसे विद्या वृद्ध आश्रम अपना घर में सुरक्षित रूप से रखा जा सकता है। यहां उन्हें छत, भोजन और नियमित देखभाल की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है।