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छत्तीसगढ़

अब सीधे होगा चुनाव, जनता चुनेगी अपना महापौर, जानिए साय सरकार ने क्यों पलटा भूपेश बघेल का फैसला

सत्यमेव न्यूज/(एजेंसी) रायपुर. छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार ने भूपेश बघेल के सबसे बड़े सियासी फैसले को पलट दिया है। राज्य में अब नगरीय निकाय चुनावों में मेयर का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से होगा। सोमवार को आयोजित कैबिनेट बैठक में इस बात का फैसला किया गया है। डेप्युटी सीएम ने इसकी जानकारी दी है।

पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में भूपेश बघेल के फैसले को सीएम विष्णुदेव ने पलट दिया है। राज्य में अब मेयर का चुनाव जनता करेगी। सोमवार को आयोजित कैबिनेट बैठक में इस बात पर मुहर लगी है। कैबिनेट की बैठक में प्रदेश के नगर पालिक निगमों के महापौर एवं नगर पालिकाओं के अध्यक्ष का निर्वाचन प्रत्यक्ष रीति से कराए का निर्णय लिया है। इसके लिए बैठक में छत्तीसगढ़ नगर पालिक निगम अधिनियम, 1956 (संशोधन) अध्यादेश, 2024 एवं छत्तीसगढ़ नगर पालिका अधिनियम 1961 (संशोधन) अध्यादेश 2024 (प्रत्यक्ष निर्वाचन एवं आरक्षण संबंधित प्रावधान) की विभिन्न धाराओं में संशोधन किए जाने के संबंध में अध्यादेश 2024 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।

छत्तीसगढ़ के गठन के बाद राज्य में मेयर का चुनाव प्रत्यक्ष तौर पर होता था। जनता वोटिंग के जरिए मेयर का चुनाव करती थी। 2018 में राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी थी। तत्कालीन कांग्रेस सरकार के मुखिया भूपेश बघेल ने इस फैसले को पलट दिया था। उसके बाद राज्य में मेयर के चुनाव अप्रत्यक्ष तरीके से हुए थे। तत्कालीन सरकार द्वारा नगरीय निकायों के महापौर तथा नगर पालिकाओं के अध्यक्ष का निर्वाचन को अप्रत्यक्ष रीति से कराए जाने का निर्णय लिया था, जिसकी अधिसूचना का प्रकाशन राजपत्र में 12 दिसम्बर 2019 को किया गया था।

छत्तीसगढ़ सरकार ने नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव को लेकर भी बड़ा फैसला किया है। कैबिनेट बैठक में पिछड़ा वर्ग एवं अल्संख्यक विभाग द्वारा मंत्रालय द्वारा त्रिस्तरीय पंचायतों एवं नगरीय निकायों के निर्वाचन में आरक्षण को एकमुश्त सीमा 25 प्रतिशत को शिथिल करने पर सहमति बनी है। पिछड़ा वर्ग की संख्या के अनुपात में 50 प्रतिशत आरक्षण की अधिकतम सीमा तक आरक्षण के प्रावधान की स्वीकृति पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के प्रतिवेदन में प्राप्त अनुशंसा के अनुसार दी गई है।

कैबिनेट बैठक में छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम, 1993 के अंतर्गत त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं में अन्य पिछड़ा वर्ग के प्रतिनिधित्व एवं आरक्षण संबंधी प्रावधानों में संशोधन किए जाने हेतु विभिन्न धाराओं में संशोधन किए जाने का निर्णय लिया गया। इसके अलावा मंत्रिपरिषद द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत पात्र हितग्राहियों को वितरण हेतु नागरिक आपूर्ति निगम को आवश्यक चना उपार्जन, ई-ऑक्शन प्लेटफॉर्म के माध्यम से किए जाने की अनुमति दी गई।

Satyamev News

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