अध्यापन छोड़ शिक्षकगण कुत्तों के सर्वे में व्यस्त! विधायक प्रतिनिधि देवांगन ने सरकार को कटघरे में खड़ा किया

सत्यमेव न्यूज खैरागढ़। विधायक प्रतिनिधि मनराखन देवांगन ने छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि संविधान द्वारा प्रदत्त शिक्षा के मूल अधिकार को वर्तमान शासन की नीतियाँ कमजोर कर रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि बच्चों को पढ़ाने के लिए नियुक्त शिक्षकों को कक्षा से हटाकर कुत्ता निगरानी, एसआईआर रिपोर्टिंग, विभिन्न सर्वे, प्रशासनिक कार्यों और चुनावी ड्यूटी में झोंक दिया गया है। मनराखन ने कहा कि जब शिक्षक लगातार गैर-शैक्षणिक गतिविधियों में उलझे रहेंगे तो सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता गिरना स्वाभाविक है। बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है और यह स्थिति दर्शाती है कि सरकार खुद सरकारी विद्यालयों के कमजोर होने का रास्ता तैयार कर रही है जिससे निजी स्कूलों को बढ़ावा मिलता रहे।
उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में बच्चे समय पर पहुँचते हैं लेकिन शिक्षक कक्षा में कम और प्रशासनिक दायित्वों में अधिक दिखते हैं। वहीं निजी स्कूल मनमानी फीस, ड्रेस और अन्य मदों के नाम पर आम जनता पर आर्थिक बोझ डाल रहे हैं और सरकार इस पर धृतराष्ट्र की तरह मौन है। यह व्यवस्था बच्चों को शिक्षा से दूर कर रही है तथा समाज को अशिक्षा की ओर ठेल रही है। मनराखन देवांगन ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य और सामाजिक न्याय जैसे बुनियादी मुद्दों पर अब तक कोई ठोस काम नहीं कर पाई है। सरकार जनता को दिखावे के वादों में उलझा रही है जबकि संविधान का स्पष्ट निर्देश है कि राज्य गुणवत्तापूर्ण एवं समान अवसरों वाली शिक्षा उपलब्ध कराए।
उन्होंने मांग की कि सरकार अविलंब शिक्षकों को सभी गैर-शैक्षणिक कार्यों से मुक्त करे, शिक्षा नीति की व्यापक समीक्षा करे और संविधानसम्मत शिक्षा व्यवस्था को पुनर्स्थापित करते हुए बच्चों के भविष्य को सुरक्षित बनाए।

