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राजनांदगांव

अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में प्रमुख वक्ता के रूप में शामिल हुये प्रो.राजन यादव

सत्यमेव न्यूज़/खैरागढ़. बिलासपुर में आयोजित द्वितीय अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में इन्दिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ के प्रो.डॉ.राजन यादव विशिष्ट अतिथि एवं विषय विशेषज्ञ के रूप में आमंत्रित हुये. उक्त सम्मेलन में प्रो.एडीएन वाजपेयी कुलपति अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय बिलासपुर के मुख्य आतिथ्य में सम्पन्न हुआ. अध्यक्ष के रूप में प्रो.बुशरा सादून, कुलपति अलमंसूर विश्वविद्यालय बगदाद (इराक) उपस्थित थी. विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रो.जीडी शर्मा कुलपति विज्ञान एवं तकनीकी विश्वविद्यालय मेघालय, डॉ.विनय कुमार पाठक पूर्व अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग, अर्थशास्त्री डॉ.व्हीव्हीएलएन शास्त्री मुम्बई भी विराजमान थे. हिंदी के वैश्वीकरण में भारतीय लोक भाषाओं का अवदान विषय पर विशेष व्याख्यान देते हुये प्रो यादव ने कहा कि हिन्दी का संदेश सदा सार्वदेशिक रहा, हिन्दी जन-जन की वाणी है.

हिंदी हमें आपस में जोडऩे की महत्वपूर्ण कड़ी है. विदेशों में हिन्दी का प्रसार बढ़ रहा है तो उसमें बहुत बड़ा योगदान भारतीय लोक भाषाएँ- अवधी, बांगला, भोजपुरी, पंजाबी व छत्तीसगढ़ी की है. आज हिन्दी विश्व की दूसरी बड़ी भाषा के रूप में प्रतिष्ठित हो गयी है. संयुक्त राष्ट्र संघ से हिन्दी को भी एक भाषा के रूप में मान्यता मिल गई है. बगदाद विश्वविद्यालय, शास. पातालेश्वर महाविद्यालय मस्तूरी एवं शास.महाविद्यालय सकरी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में हिन्दी, अंग्रेजी, अर्थशास्त्र, विज्ञान, तकनीकी शिक्षा एवं प्रबंधन विषयक शोध पत्र प्रस्तुत किये गये. इन्दिरा कला संगीत विश्वविद्यालय के शोधार्थी श्रीमती सरिता पटेल एवं मुमताज परवीन ने भी शोध पत्र प्रस्तुत किया. सम्मेलन के संयोजक पातालेश्वर महाविद्यालय मस्तूरी के विभागाध्यक्ष एवं युवा उपन्यासकार डॉ.आनन्द कश्यप थे.

Satyamev News

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