विवादों के बीच हटाई गई जनपद सीईओ की फिर से खैरागढ़ वापसी

खैरागढ़ सीईओ के प्रभार में रहे सहायक संचालक पंचायत तरूण देशमुख का हुआ स्थानांतरण
मूल रूप से खैरागढ़ में ही पदस्थ हैं सीईओ रोशनी भगत टोप्पो
3 माह पहले राजनांदगांव जनपद पंचायत का दिया गया था प्रभार
जनपद में जनप्रतिनिधियों से विवाद व घोटाले के लग चुके हैं आरोप
सत्यमेव न्यूज़/खैरागढ़. नवीन जिला निर्माण के 10 दिन बाद जनपद पंचायत में बड़ा फेर-बदल हुआ है, खैरागढ़ जनपद पंचायत में मुख्य कार्यपालन अधिकारी के प्रभार में रहे बेहद सहज स्वभाव के धनी सहायक संचालक पंचायत तरूण देशमुख का तबादला कर दिया गया है. उनके स्थान पर फिर से विवादों से घिरी रही श्रीमती रोशनी भगत टोप्पो की खैरागढ़ जनपद पंचायत में वापसी हुई है. गौरतलब है कि लगभग 3 माह पहले विवादों से घिरे रहने के कारण खैरागढ़ जनपद पंचायत में पदस्थ रही सीईओ श्रीमती रोशनी भगत टोप्पो को अचानक खैरागढ़ जनपद सीईओ के पद से हटाकर राजनांदगांव जनपद पंचायत में सीईओ का प्रभार दिया गया था और उनके स्थान पर सहायक संचालक पंचायत के पद पर पदस्थ रहे तरूण देशमुख को विवादास्पद हो चुके खैरागढ़ जनपद पंचायत में बतौर सीईओ का प्रभार देकर भेजा गया था. लगभग 3 माह से श्री देशमुख एक कुशल नेतृत्व में जनपद पंचायत में कोई विवाद अथवा गड़बड़ घोटाले की खबरें नहीं आयी और अपने कुशल व्यवहार से श्री देशमुख ने नवीन जिला निर्माण में भी अपने प्रशासनिक दायित्वों की भरसक पूर्ति की, किंतु अचानक उन्हें प्रभार से हटाकर पुन: श्रीमती रोशनी भगत टोप्पो को खैरागढ़ जनपद पंचायत वापस बुलाया गया है.

विवादों के बीच सुर्खियों में रही है सीईओ
बताया जा रहा है कि श्रीमती टोप्पो मूल रूप से खैरागढ़ जनपद पंचायत में ही पदस्थ है लेकिन विवादों के चलते कहीं राजनयिक कारणों से उन्हें खैरागढ़ से हटाकर राजनांदगांव जनपद पंचायत का प्रभार दिया गया था. अब उनकी पुन: वापसी के बाद जनपद पंचायत में तरह-तरह की चर्चाएं चल रही है और यहां विवादों का भूत फिर जागृत हो गया है. पाठकों को बता दे कि डेढ़ साल पहले श्रीमती टोप्पो कोरोना काल के दौरान सेनेटाईजर सहित अन्य उपकरण खरीदी को लेकर घोटालों के आरोप के बीच सुर्खियों में आयी वहीं इसके बाद सत्ता पक्ष के स्थानीय जनप्रतिनिधियों सहित संगठन के नेताओं के साथ भी अव्यवहार तथा भाजपाई जनपद सदस्यों के साथ मिलीभगत की एकपक्षीय शिकायतों के बीच कांग्रेसी जनपद सदस्यों सहित खैरागढ़ कांग्रेस संगठन के बड़े नेताओं ने श्रीमती टोप्पो के खिलाफ मोर्चा खोल जनपद पंचायत में तालेबंदी कर दी थी. कुछ महीनों तक यहां राजनीति गर्म होने के बाद मामले को शांत करने की राजनीतिक एवं प्रशासनिक पहल के बीच श्रीमती टोप्पो ने सभी जनपद सदस्यों व जनप्रतिनिधियों के साथ सामंजस्य बैठाने की कोशिश की लेकिन अचानक 3 माह पहले उन्हें यहां से हटा दिया गया था और अब फिर उनकी वापसी हुई है, ऐसे में सत्ताधारी जनप्रतिनिधियों व अन्य नेताओं के लिये इसे एक चुनौती के रूप में देखा जा रहा है.