जिले में बेखौफ जारी हैं अवैध निर्माण कार्य, पालिका की लीगल नोटिस का कोई असर नहीं

व्यवस्थापन में मिली 126 वर्ग मीटर जमीन से दुगुने मे कब्जा कर हो रहा निर्माण
सत्यमेव न्यूज़ खैरागढ़. जिले में बेखौफ अवैध निर्माण कार्य जारी हैं और जिला प्रशासन के आदेश के बाद पालिका की लीगल नोटिस का अवैध निर्माणकर्ताओं पर कोई असर नहीं हो रहा हैं। निर्माणकर्ता व्यवस्थापन में मिली 126 वर्ग मीटर जमीन से दुगुने मे कब्जा कर बेखौफ निर्माण कार्य करा रहें हैं। ज्ञात हो कि पूर्ववर्ती प्रदेश सरकार ने नगरीय क्षेत्र की सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर सालो से मकान दुकान बनाकर रहने वाले लोगों को राहत देने व्यवस्थापन की सौगात दी थी जिसके चलते 2017 से पहले 75 सौ वर्गफीट सरकारी जमीन का मालिकाना हक नगर के अलग-अलग वार्डों मे दो दर्जन से ज्यादा लोगों को मिला। पर सरकारी जमीन की रजिस्ट्री के बाद स्वामित्व पाते ही निर्धारित रजिस्ट्री वाली जमीन से अधिक भूमि में निर्माण की जानकारी पर राजस्व विभाग की टीम ने मौका निरीक्षण कर माना कि अस्पताल चौक में पंजीकृत जमीन से दुगुने तिगुने जमीन पर आधा दर्जन से उपर हितग्राहियों द्वारा निर्माण कराया जा रहा है। नजूल अधिकारी के आदेश पर नगर पालिका ने सभी को आचार संहिता लगने से पहले नोटिस जारी कर फौरन काम बंद करने कहा गया। उस समय ज्यादातर का काम प्लींथ लेबल तक ही हो पाया था।
अवैध निर्माण कर्ताओं ने चुनावी व्यस्तता का उठाया फायदा
चुनाव में अधिकारियों की व्यस्तता का अवैध निर्माणकर्ताओं ने भरपूर लाभ उठाया और अब निर्माण का काम प्लींथ से दो तीन मंजिला लेंटर लेबल तक हो गया और कईयों ने तो दुकानदारी भी चालू कर दी। इसकी जानकारी विभाग को है लेकिन कहते है ना गरीब के लिये अलग और रसूखदार के लिये कानून की परिभाषा बदल जाती है यही इस पूरे प्रकरण में हुआ। सोनेसरार में अतिक्रमण की शिकायत पर नगर पालिका के विभिन्न अधिनियमों का हवाला देते हुए नोटिस जारी किया गया। दो दिन मे समुचित जवाब नही मिलने पर भरी दोपहर में अतिक्रमणकारी परिवार को चूल्हे में रखा पका खाना नहीं खाने दिया और अतिक्रमण जमींदोज कर वापिस लौट गई लेकिन यहाँ मामला इसके ठीक उलटे चल रहा हैं प्रशासन नोटिस ऊपर नोटिस जारी कर केवल खानापूर्ति कर रही है।
जिला मुख्यालय में आधा दर्जन से ऊपर ने किया निर्माण
126.951 वर्ग मीटर सरकारी जमीन घेरी
प्रदेश की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने नगरी क्षेत्र में 2017 से पहले सरकारी जमीन पर मकान दुकान बनाकर निवासरत लोगो को राहत देने योजना शरू की थी। योजना तहत शासन द्वारा निर्धारित प्रक्रिया का पालन कर हुए उन्हें अतिक्रमित जमीन का स्वामित्व दिया गया। सर्वे और रजिस्ट्री के दौरान कच्चा अतिक्रमण करने वाले कुछ लोगो ने रजिस्ट्री बाद कच्चे को पक्के मे तब्दील करते हुए पंजीकृत जमीन से ज्यादा जमीन पर निर्माण शुरू कराया जिसे लेकर तहसीलदार की अध्यक्षता मे आरआई, पटवारी और चैनमैन ने मौका निरीक्षण कर नाप जोख किया और जॉच प्रतिवेदन अधिकारी को सौंप दिया है जिसमे सिविल अस्पताल चौक मे आधा दर्जन से ऊपर लोगो द्वारा पंजीकृत जमीन से ज्यादा मे निर्माण की शिकायत प्रमाणित हो गई। जानकारी अनुसार आठ लोगो के कब्जे वाली 166.659 वर्ग मीटर जमीन का शासन ने पंजीयन कर कब्जाधारियो को स्वामित्व दिया है लेकिन मौके पर आरआई प्रतिवेदन अनुसार 293.61 वर्ग मीटर जमीन पर निर्माण कराया गया है जिससे पता चलता है कि लगभग 126.951 वर्ग मीटर सरकारी जमीन को कब्जाधारियो ने अतिक्रमित कर रखा है। मामले को जानबूझकर लटकाने की नीयत के चलते नगर पालिका नगरीय क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने स्वतंत्र होने और अपने द्वारा जारी भवन निर्माण अनुज्ञा की शर्तो का उल्लंघन करने पर तत्काल कारवाई करने अधिकृत है लेकिन ऐसा नही हो रहा है और लगातार नोटिस ऊपर नोटिस जारी कर रही है।
नगर पालिका नहीं कर पा रही हैं कार्यवाही
नगर पालिका से भवन निर्माण अनुज्ञा लेने से पहले हितग्राही को जमीन के पंजीयन संबंधी कागजात और अधिकृत अभियंता से निर्माण संबंधी ब्लू प्रिंट जमा करना होता है जिसके परीक्षण बाद ही निर्माण कार्य शुरू करने एनओसी दिया जाता है। इस प्रक्रिया का पालन करने के कारण पालिका के पास सारी दस्तावेजी जानकारी उपलब्ध रहती है लेकिन यहॉ इस पूरे प्रकरण मे पंजीकृत जमीन से ज्यादा मे निर्माण करने वालो की सारी जानकारी होने के बाद नपा समय व्यतीत कर रही है। गौरतलब है कि योजना का लाभ लेने मिले आवेदनो पर पटवारी प्रतिवेदन, राजस्व निरीक्षक द्वारा मौका निरीक्षण सहित तहसीलदार, एसडीएम द्वारा भी बारीकी से जांचकर प्रकरण बनाया गया जिसके बाद विभिन्न विभागों और नगर निवेश से अनापत्ति प्रमाण पत्र बाद कलेक्टर के आदेश पर अतिक्रमित सरकारी जमीन का रजिस्ट्री कराकर स्वामित्व दिया गया लेकिन निरीक्षण और रजिस्ट्री के दौरान कम जमीन दिखाने वाले सिविल अस्पताल चौक में आधा दर्जन से उपर द्वारा निर्धारित पंजीकृत जमीन से ज्यादा जमीन पर मकान दुकान का निर्माण कराया जा रहा है। प्रशासन ने नए सिरे से सर्वे कराया लेकिन पालिका के टालमटोल और समय काटने वाली प्रक्रिया के चलते वर्तमान में कारवाई बेहद सिफर है।
पालिका को अधिनियम के प्रावधान तहत नियमानुसार कारवाई का निर्देश दिया गया है।
टीपी साहू, नजूल अधिकारी व एसडीएम खैरागढ़