मौन तीर्थ पीठ उज्जैन के वार्षिक अधिवेशन में देश के 21 उत्कृष्ट शिक्षकों को मिला शिक्षाशिल्पी सम्मान
जिले की शिक्षिका इंदिरा चंद्रवंशी को किया गया सम्मानित
खैरागढ़. मौन तीर्थ मंगलनाथ मार्ग उज्जैन में ब्रह्मलीन मौनीबाबा के 115 वें श्रद्धापर्व के अवसर पर वार्षिक अधिवेशन में मौनतीर्थ हिंदी विद्यापीठ उज्जैन मध्यप्रदेश, एम.डी.एजुकेशन सोसायटी सरायपाली छत्तीसगढ़ (पंजीकृत न्यास) व कलिंगा यूनिवर्सिटी रायपुर के संयुक्त तत्वाधान में दो दिवसीय शैक्षिक संगोष्ठी सह सम्मान कार्यक्रम। शिक्षा शिल्पी रिफ्लेक्ट द पर्सेनालिटी ऑफ टीचर्स नेशनल कॉन्फ्रेंस कम अवार्ड सेरेमनी का आयोजन 13-14 दिसम्बर को मौनतीर्थ पीठ चित्रकूट गंगाघाट मंगलनाथ मार्ग उज्जैन में डॉ.पी.आर.वासुदेवन शेष सेवानिवृत्त वरिष्ठ हिंदी अधिकारी (भारत सरकार) चेन्नई, (तमिलनाडु) के मुख्य आतिथ्य डॉ.नन्दलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर, ज्योतिष व धर्मशास्त्र के समसामयिक लेखक गोरखपुर (उत्तरप्रदेश) की अध्यक्षता, डॉ.संदीप गाँधी कुलसचिव कलिंगा विश्वविद्यालय नया रायपुर छत्तीसगढ़, डॉ.प्रमोद कुमार शुक्ला राष्ट्रपति अवार्डी शिक्षाविद व लेखक बस्तर (छत्तीसगढ़),अमित पुरोहित मौनतीर्थ पीठ के विशिष्ट आतिथ्य में संपन्न हुआ। कार्यक्रम के दौरान देश के विभिन्न राज्यों के शिक्षकों के द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षकों की भूमिका विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला के दौरान अपने शोध आलेख प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम के प्रथम दिवस में शिक्षण कार्य, कुशल प्रबंधन, योजना निर्माण, शिक्षा सुविधा, नेतृत्व , नियंत्रण, के साथ एक सुविधादाता के रूप में एक अच्छे शिक्षक के कर्तव्य व उत्तरदायित्व का निर्वहन किस प्रकार किया जाये विषय पर चर्चा किया गया। कार्यक्रम के द्वितीय दिवस में अवार्ड समारोह का आयोजन किया गया। देश के विभिन्न राज्यों से चयनित 21 शिक्षकों को शिक्षाशिल्पी सम्मान से सम्मानित किया गया। जिसमें केसीजी जिले से इंदिरा चंद्रवंशी शिक्षिका शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला खपरी सिरदार को शिक्षाशिल्पी सम्मान से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ.अनिल कुमार प्रधान द्वारा किया गया। कार्यक्रम के सफल आयोजन में एम डी एजुकेशन सोसायटी के अध्यक्ष महेंद्र पसायत, कोषाध्यक्ष मनोज प्रधान सदस्यगण धर्मेश जोशी, कुंदन पाटिल का उल्लेखनीय योगदान रहा।