प्रमोशन में आरक्षण का रास्ता साफ, SC/ST कर्मचारियों को मिलता रहेगा लाभ

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एससी/एसटी कर्मचारियों के पक्ष में फैसला सुनाते हुए कहा कि इन सभी कर्मचारियों को प्रमोशन में आरक्षण मिलता रहेगा.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में आखिरी फैसला लेने का अधिकार संविधान पीठ को ही है.
सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए केंद्र सरकार से कहा है कि जब तक संविधान पीठ इस पर अंतिम फैसला नहीं ले लेती, तब तक सरकार प्रमोशन में आरक्षण को लागू रख सकती है.
सत्यमेव न्यूज़/डेस्क. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एससी/एसटी कर्मचारियों के पक्ष में फैसला सुनाते हुए कहा कि इन सभी कर्मचारियों को प्रमोशन में आरक्षण मिलता रहेगा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में आखिरी फैसला लेने का अधिकार संविधान पीठ को ही है, क्योंकि यह पूरा मामला संविधान पीठ में है. सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए केंद्र सरकार से कहा है कि जब तक संविधान पीठ इस पर अंतिम फैसला नहीं ले लेती, तब तक सरकार प्रमोशन में आरक्षण को लागू रख सकती है. जानकारी के अनुसार कई राज्यों में हाई कोर्ट ने भी प्रमोशन में आरक्षण पर रोक लगा रखी है. इन सभी हाई कोर्ट के फैसलों पर भी सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाते हुए केंद्र सरकार को आदेश दिया है कि वे प्रमोशन में आरक्षण दे सकती हैं. बता दें कि कार्मिक विभाग ने 30 सितंबर 2016 को एक आदेश जारी किया था, जिसमें प्रमोशन में आरक्षण पर रोक लगा दी गई थी. इसके बाद से दलित समाज से आने वाले सरकारी कर्मचारी प्रमोशन के लिए सरकार के नुमाइंदों पर दबाव बना रहे थे.

मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से पैरवी करने पहुंचे अतिरिक्त सॉलिस्टिर जनरल (ASG) मनिंदर सिंह ने अपना पक्ष रखा. मनिंदर सिंह ने कहा कि देश के अलग-अलग हाईकोर्ट के फैसलों के चलते केंद्र सरकार एससी/एसटी समाज के कर्मचारियों को प्रमोशन में आरक्षण नहीं दे पा रही है. जबकि कमर्चारियों को प्रमोशन देना सरकार का दायित्व है. इस पर कोर्ट ने कहा कि सरकार आखिरी फैसला आने से पहले तक कानून के मुताबिक एससी/ एसटी कर्मचारियों को प्रमोशन में आरक्षण दे सकती है. बता दें कि यूपीए सरकार के समय से ही प्रमोशन में आरक्षण को लेकर काफी खींचातानी चल रही है. विभिन्न हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के कारण कई विभागों में सरकारी कर्मचारियों को प्रमोशन नहीं मिल रहा था. तब से प्रमोशन को लेकर परेशान कर्मचारी इधर से उधर भटक रहे हैं. मगर अब सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद उन्होंने राहत की सांस ली है. बता दें कि इन सभी कर्मचारियों के साथ मंच साझा करते हुए कई बड़े और वरिष्ठ नेता प्रमोशन में आरक्षण लागू किए जाने की वकालत कर चुके हैं.
हाल ही में लोकजन शक्ति पार्टी (लोजपा) के प्रमुख रामविलास पासवान ने इसी मामले को लेकर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात भी की थी। पासवान ने अमित शाह से मुलाकात करते हुए दलितों की इस डिमांड को पूरा करवाने की मांग की थी। इसके बाद ही केंद्र की मोदी सरकार ने इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और याचिका दायर की थी।