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धर्मयात्रा के 67वें पड़ाव में 1100 हनुमान भक्तों ने एक साथ किया सुंदरकांड का पाठ


सत्यमेव न्यूज़/खैरागढ़. छुईखदान राजमहल परिसर में धर्मयात्रा के 67वें पड़ाव में 11सौ से अधिक हनुमान भक्तों ने एक साथ सुंदरकांड का पाठ किया. छुईखदान राजपरिवार के कुंवर देवराज किशोर दास वैष्णव की भागीदारी के साथ श्री जगन्नाथ सेवा समिति के संयोजन में आयोजित उक्त पड़ाव में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हुई. लयबद्ध तरीके से वाद्य यंत्रों की थाप के साथ सभी ने एक साथ सुंदरकांड व हनुमान चालीसा का पाठ किया. उक्त अवसर पर पूर्व विधायक गिरवर जंघेल, शिव श्रीवास्तव, शिवेन्द्र किशोर दास, रमेश दाउजी, अरविंद शर्मा, कामदेव जंघेल, श्रीमती पार्तिका संजय महोबिया, योगेन्द्र सोनी, डॉ.मनीष बघेल, विनय रामटेके, गुलशन तिवारी, विकास आर्या, सज् जाक खान, इसराइल सोलंकी, पार्षदगण व पत्रकार साथी सहित अन्य शामिल हुये. कार्यक्रम में खैरागढ़ के समाजसेवी राजेश चंदवानी, धर्मयात्री उत्तम दशरिया को सम्मानित किया गया. राजेश चंदवानी धर्म व सेवा के कार्यों में निरंतर सक्रिय हैं. जगन्नाथ सेवा समिति के अध्यक्ष आदित्य देव वैष्णव ने राजेश चंदवानी के प्रयासों को जन समूहों के सामने रखा. उक्त पड़ाव के बाद धर्मयात्रा एक बार फिर ग्रामीण क्षेत्रों का रूख करेगी और 68वें पड़ाव से विभिन्न ग्रामों में सुंदरकांड व हनुमान चालीसा का पाठ आयोजित किया जायेगा.

नौनिहालों और युवाओं को मंदिरों की ओर लाना लक्ष्य

धर्मयात्रा के 67वें पड़ाव में विचार रखते हुये धर्मयात्रा प्रमुख भागवत शरण सिंह ने कहा कि धर्मयात्रा का सबसे महत्वपूर्ण उद्देश्य मंदिरों को शक्ति केंद्र के रूप में स्थापित करना है. परीक्षाओं के बाद हमें नौनिहालों और युवाओं को मंदिरों की ओर लेकर आने का लक्ष्य रखना है. उन्हें मंदिरों के पुनरुद्धार के प्रयासों में जोडऩा .आगामी हिंदू नववर्ष से युवाओं को अधिक से अधिक संख्या में टोलियों में बांटकर मंदिरों के पुनरुद्धार की दिशा में हम सभी को आगे बढऩे का प्रयास करना है. सैकड़ों की संख्या में परिसर में मौजूद हनुमान भक्तों को गायिका विधा सिंह के भजनों ने झूमने पर मजबूर कर दिया जिसमें उनका साथ राम भावसार, चंचल तिवारी, कुसुम चंद्राकर सहित अन्य ने दिया. देवराज किशोर दास के माध्यम से हनुमान जी को अर्पित 56 भोग एवं महाप्रसादी का वितरण श्री राम गौ सेवा समिति छुईखदान के युवा सदस्यों ने किया. देवराज किशोर दास ने श्री रुक्खड़ स्वामी मंदिर निर्माण के लिये 5100 व खुशबु चंद्राकर ने 430 रुपये प्रदान किये.

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