धरमपुरा आमनेर नदी घाट की सफाई के साथ अभियान का हुआ समापन

सत्यमेव न्यूज खैरागढ़. विश्व पर्यावरण दिवस पर 5 जून से प्रारंभ हुए सफाई अभियान का समापन धरमपुरा स्थित आमनेर नदी घाट में सफाई एवं श्रमदान के साथ किया गया। आत्मनिर्भर खैरागढ़ अभियान के अंतर्गत नगर पालिका, स्वच्छता दीदी टीम, समाजसेवी संस्थाओं और आम नागरिकों के सहयोग से इस अभियान ने न केवल नदी को स्वच्छ किया बल्कि स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र को भी पुनर्जीवित किया।

17 दिनों तक चले इस अभियान के दौरान नदी से लगभग 40 टन जलकुंभी और अन्य कचरा निकाला गया। वर्षों से उपेक्षित रहे इस घाट को समर्पित श्रमदान, जनभागीदारी और पर्यावरणीय चेतना ने फिर से जीवंत बना दिया है। स्वच्छता अभियान का सकारात्मक परिणाम अब स्पष्ट रूप से दिखने को मिल रहा है। अब घाट पर फिर से सफेद व काले बगुले, बाज, चील, गिद्ध जैसे पक्षी लौट आए हैं। लंबे समय से जल प्रदूषण के कारण पलायन कर चुके ये पक्षी अब निर्भीक होकर मछलियों, सरीसृपों और कीटों का शिकार करते देखे जा रहे हैं। यह परिवर्तन स्वयं में एक महत्वपूर्ण संकेत है कि कैसे पर्यावरण संरक्षण के प्रयास धरातल पर नतीजे देते हैं।

अभियान के समापन अवसर पर कलेक्टर इंद्रजीत सिंह चंद्रावल, जिला पंचायत सीईओ प्रेम कुमार पटेल, वनमंडल अधिकारी पंकज राजपूत समेत कई जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने भाग लिया। सभी ने पर्यावरण की रक्षा के लिए संकल्प लिया और आमजन से अपील की कि नदियों को प्लास्टिक और अन्य अपशिष्ट से मुक्त रखें। कलेक्टर श्री चंद्रावल ने अभियान से जुड़े सभी सेवाभावियों को बधाई देते हुए कहा नदी केवल जल का स्रोत नहीं जीवन की धारा है। इसकी रक्षा हम सबका कर्तव्य है।

नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती गिरिजा नंद चंद्राकर ने अभियान को प्रेरणास्पद बताया वहीं मुख्य कार्यपालन अधिकारी नरेश वर्मा ने सभी प्रतिभागियों के प्रति आभार प्रकट किया। आत्मनिर्भर खैरागढ़ अभियान के संयोजक सदस्य अनुराग शांति तुरे ने इसे जनचेतना और समर्पण की जीत बताते हुए भविष्य में भी ऐसे प्रयास जारी रखने की बात कही। यह अभियान एक शुरुआत है। आमनेर घाट की तर्ज पर खैरागढ़ की अन्य जलस्रोतों की सफाई और संरक्षण की दिशा में कार्य जारी रहेगा। यह पहल सिद्ध करती है कि जब समाज एकजुट होकर प्रयास करता है तो हर परिवर्तन संभव है।

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