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तीन दिवसीय खैरागढ़ महोत्सव का सांसद ने किया शुभारंभ

सत्यमेव न्यूज खैरागढ़। तीन दिवसीय खैरागढ़ महोत्सव का उद्घाटन सांसद संतोष पांडे ने मुख्य अतिथि के रूप में किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो.(डॉ.) लवली शर्मा ने की। मंच पर विधायक भावना बोहरा, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती प्रियंका खम्हन ताम्रकार, जिला पंचायत उपाध्यक्ष विक्रांत सिंह, पूर्व विधायक कोमल जंघेल तथा नगर पालिका अध्यक्ष गिरिजा चंद्राकर विशिष्ट रूप से उपस्थित रहे। कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती की प्रतिमा एवं राजकुमारी स्व.इंदिरा के तैलचित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन के साथ हुई। इसके बाद राज्य गीत और विश्वविद्यालय के कुलगीत की प्रस्तुति दी गई। इससे पूर्व सांसद ने विश्वविद्यालय की आर्ट गैलरी का फीता काटकर शुभारंभ किया और विभिन्न कलाओं की प्रदर्शनी एवं विद्यार्थियों के स्टॉलों का अवलोकन किया।

मुख्य अतिथि के रूप में खैरागढ़ महोत्सव में बोलते हुए सांसद संतोष पांडे ने कहा कि संगीत और कला मनुष्य को आनंद ही नहीं बल्कि शांति और स्वास्थ्य भी प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि संगीत के विभिन्न रागों पर किए गए वैश्विक शोध बताते हैं कि संगीत केवल मनोरंजन नहीं बल्कि स्वस्थ और सुखी जीवन का आधार भी है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो.(डॉ.) लवली शर्मा ने कहा कि खैरागढ़ महोत्सव का भव्य आयोजन सभी के सहयोग का परिणाम है। नगर सहित आसपास के क्षेत्रों में भी इस महोत्सव के प्रति उत्साह देखा गया। उन्होंने कहा कि महोत्सव के आरंभ से पूर्व अंबेडकर चौक में 51 फीट ऊंचा तिरंगा फहराया गया जिसमें सेवाभावी संस्थाओं और नागरिकों का विशेष योगदान रहा जो न केवल स्मरणीय बल्कि सामुदायिक एकजुटता के लिए अनुकरणीय होगा।

विधायक भावना बोहरा ने कहा कि संगीत विश्वविद्यालय ने छत्तीसगढ़ की पहचान को वैश्विक स्तर पर स्थापित किया है। चित्र प्रदर्शनी का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि कला का मूल्यांकन करने के लिए संवेदनशीलता और समझ आवश्यक है। यहां के विद्यार्थी अपनी साधना और कला के कारण अलग पहचान बनाते हैं और नगर की गलियों में संगीत और वाद्य की धुनें इस पहचान को और गहराई देती हैं।

जिला पंचायत उपाध्यक्ष विक्रांत सिंह ने कहा कि संगीत विश्वविद्यालय को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने में खैरागढ़ महोत्सव की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि डॉक्टर, इंजीनियर या वकील बनने के लिए अच्छे अंक जरूरी होते हैं पर एक कलाकार निरंतर साधना और परिश्रम से ही प्रतिष्ठित पहचान बनाता है। उन्होंने सुझाव दिया कि विश्वविद्यालय का नाम राजकुमारी इंदिरा के नाम पर होना चाहिए ताकि उनकी स्मृति को सच्ची श्रद्धांजलि मिल सके। अंत में कुलसचिव डॉ.सौमित्र तिवारी ने सभी अतिथियों और उपस्थित नागरिकों का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर खैरागढ़ महोत्सव के संयोजक प्रो.वेंकट रमन गुडे, सहसंयोजक प्रो. मेदनी होम्बल शेख, प्रो.राजन यादव, प्रो.दिवाकर कश्यप, प्रो.देवमाईत मिंज, प्रो.लिकेश्वर वर्मा, प्रो.कौस्तुभ रंजन, प्रो.सुशांत दास, प्रो.कपिल वर्मा, प्रो.विकास चंद्रा, प्रो.छगन उसेंडी व कुलपति सचिवालय प्रमुख सीपी गायकवाड सहित विश्वविद्यालय के अधिकारी कर्मचारी एवं जिले के गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

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