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हेल्थ

डीएमएफ मद से कार्यरत दस कर्मियों को बिना अल्टीमेटम के हटाया, बीते चार माह का वेतन भी नहीं

सत्यमेव न्यूज/खैरागढ़. बीते 18 महीने से पदस्थ 10 कर्मचारियों को नियम विरुद्ध हटा दिया गया है. हटाए गए कर्मचारियों को बीते 4 मा का वेतन भी नहीं दिया गया है. जानकारी अनुसार स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता और सुचारू संपादन के लिये 2018 से अविभिाजित राजनांदगांव जिले में कलेक्टर द्वारा डीएमएफ मद से 13 लोगों को एएनएम और लैब टेक्नीशियन के पद पर नियुक्त किया था. जिला विभाजन के बाद जून 23 को खैरागढ़ के तत्कालीन कलेक्टर गोपाल वर्मा ने जिले के दस अलग अलग स्थानों पर कार्यरत एएनएम व लैब टेक्नीशियन का मार्च 24 तक सेवा वृद्धि आदेश दिया था जिसममें स्पष्ट उल्लेख था कि उन्हें साल मे 18 दिनों की छुट्टी मिलेगी. सेवा समाप्ति के बाद पेंशन उपादान या अन्य लाभ की पात्रता नही होगी वहीं संविदा अवधि मे दोनों में से किसी एक पक्ष द्वारा एक माह की पूर्व सूचना अथवा उसके एवज में एक महीने का वेतन देकर नियुक्ति समाप्त करने की जानकारी कर्मचारियों को दी गई थी लेकिन सिविल अस्पताल मे कार्यरत दस एएनएम व लैब टेक्निशियनो को 28 मार्च 24 को पत्र जारी करके कहा जाता है कि उनकी सेवा 1 अप्रैल से समाप्त की जा रही है. सीएमएचओ के इस आदेश के बाद कर्मचारियों में रोष व्याप्त है और उन्होंने बताया है कि उन्हें चार माह से वेतन भी नहीं मिला है. चार माह से वेतन नहीं मिलने के कारण कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति ऐसे ही खराब है वहीं अचानक नौकरी से बाहर करने फरमान जारी होने के बाद कर्मचारियों की स्थिति और भी ज्यादा दयनीय हो गई है.

सेवा वृद्धि नही होने से परेशान एएनएम संतोषी जंघेल राहुद, वर्षा साहू चिचोला, उर्वशी साहू लछना, गउलिका जनबंधु समुदंपानी, एकम साहू पैलीमेटा, सरोज जंघेल बोरई, रीगेश्वरी साहू टिकरीपारा और लैब टेक्रिशियन रामेश्वर मानिकपुरी पैलीमेटा, आशीष साहू मुढ़ीपार और थामेश्वर साहू पांडादाह ने बताया कि बीते चार महीनो से उन्हे वेतन नही मिला है और अब उन्हे काम से नियम विरुद्ध हटा दिया गया है.

हटाए गए कर्मचारी जिले के अलग-अलग उप स्वास्थ्य केंद्रो में पदस्थ है और ग्रामीण स्तर पर गर्भवती महिलाओ की देखरेख, सुपोषण का ध्यान, टीकाकरण, प्रसव सहित राष्ट्रीय कार्यक्रम मलेरिया, हैजा, हेपेटाईटिस, कुष्ठ सहित आनलाईन एंट्री जैसे अति महत्वपूर्ण कार्य नियमित कर्मचारी के साथ करते है और मरीज भी इनसे सीधे संपर्क मे रहते है, हालांकि सभी ने कलेक्टर को सेवावृद्धि का आवेदन दिया है लेकिन अब तक उन्हें कोई राहत नहीं मिल पाई है.

पूरे मामले में हैरतअंगेज तथ्य सामने आया है कि 3 सितंबर 2022 को जिला निर्माण के डेढ़ साल बाद भी केसीजी जिले में स्वास्थ्य विभाग का बुनियादी कामकाज आज भी अविभाजित राजनांदगांव जिले के भरोसे चल रहा है. खैरागढ़ जिले को अब तक डीडीओ कोड नहीं मिल पाया है जिसके चलते आर्थिक रूप से जिले का स्वास्थ्य विभाग आज भी राजनांदगांव जिले के आश्रित है. डीडीओ कोड नहीं होने के कारण स्वास्थ्य विभाग के पास खुद का अपना कोई फंड नहीं है. बताया जा रहा है कि हटाए गए कर्मचारियों को भी राजनांदगांव सीएमएचओ कार्यालय से ही वेतन प्राप्त होता था.

पूरे मामले में जिले के स्वास्थ्य विभाग के मुखिया सीएमएचओ डॉ.गणेश दास वैष्णव ने बताया कि डीएमएफ मद से कार्यरत कर्मचारियों को पुनः सेवा में रखने जिलाधीश को पत्र व्यवहार किया गया है वहीं मंत्रालय स्तर पर भी जिले के स्वास्थ्य विभाग को डीडीओ कोड प्रदान करने तथा पृथक से फंड एवं कर्मचारी उपलब्ध कराने निवेदन किया गया है. डीडीओ कोड बहाल होने व फंड मिलने के बाद कर्मचारियों को पुनः काम पर रखा जाएगा. सीएमएचओ डॉ.वैष्णव ने कहा कि जिला निर्माण के बाद उनके अलावा कोई भी जिला स्तरीय कर्मचारी यहाँ कार्यरत नहीं है, लेकिन शीघ्र ही 30 से 40 कर्मचारी जिले के सेटअप के हिसाब से शासन स्तर से खैरागढ़ को मिलेंगे.

Satyamev News

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