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चौंरा से अंतरराष्ट्रीय मंच तक इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय में तीजन बाई को किया याद

सत्यमेव न्यूज खैरागढ़। विख्यात पंडवानी गायिका पद्मविभूषण तीजन बाई के अमूल्य योगदान को याद करते हुए इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ के लोक संगीत विभाग द्वारा सोमवार 8 सितम्बर को चौंरा से अंतरराष्ट्रीय मंच तक तीजन बाई शीर्षक से विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की मुख्य कुलपति प्रो.लवली शर्मा थीं। अध्यक्षता अधिष्ठाता लोक संगीत एवं कला संकाय प्रो.राजन यादव ने की। कुलपति डॉ.लवली शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि लोक कला और संस्कृति की झलक विश्वविद्यालय के लोक संगीत विभाग में देखने को मिलती है। ऐसे कार्यक्रम विद्यार्थियों के लिए अत्यंत ज्ञानवर्धक और प्रेरणादायी हैं।

अधिष्ठाता प्रो.यादव ने विद्यार्थियों को तीजन बाई के संघर्षपूर्ण जीवन से प्रेरणा लेने की बात कही और कहा कि बड़ा कलाकार बनने के लिए कठिन परिश्रम और जद्दोजहद करना ही पड़ता है। अतिथि व्याख्याता डॉ.विधा सिंह ने पीपीटी के माध्यम से तीजन बाई के जीवन और उपलब्धियों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि भिलाई के गनियारी गांव से शुरू हुई उनकी पंडवानी यात्रा अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुँची। लोक संगीत विभाग के विद्यार्थियों ने तीजन बाई के जीवन संघर्ष उनके सादगीपूर्ण व्यक्तित्व और पंडवानी गायन की विशेष कापालिक शैली पर आधारित प्रस्तुतियाँ दीं। छात्रा ईशा बघेल ने तीजन बाई के तमूरा गीत की प्रस्तुति दी और द्रौपदी चीरहरण प्रसंग का प्रभावशाली गायन किया। कार्यक्रम का संचालन सहायक प्राध्यापक डॉ.दीपशिखा पटेल ने किया जबकि आभार प्रदर्शन डॉ. परमानंद पाण्डेय ने किया। इस अवसर पर उत्कृष्ट प्रस्तुति देने वाले विद्यार्थियों को कुलपति महोदया द्वारा प्रशस्ति पत्र भी प्रदान किए गए।

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