ग्राम लिमउटोला में डायरिया का प्रकोप मृत्यु भोज के बाद फैला संक्रमण, 50 से अधिक लोग बीमार, एक की मौत से मचा हड़कंप

सत्यमेव न्यूज के लिए मनोहर सेन खैरागढ़। वनांचल ग्राम पंचायत गातापार जंगल के आश्रित ग्राम लिमउटोला, सांकरी और गाड़ाघाट में इन दिनों डायरिया का प्रकोप फैल गया है। अब तक करीब 50 लोग डायरिया की चपेट में आ चुके हैं जिसके बाद पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया है। स्वास्थ्य विभाग की टीम लगातार गांव में कैंप लगाकर मरीजों का उपचार कर रही है, साथ ही लोगों को डायरिया से बचाव के लिए जागरूक भी किया जा रहा है। टीम द्वारा एहतियात के तौर पर दवाइयों का वितरण किया जा रहा है और ग्रामीणों को पानी उबालकर पीने, सब्जियों को गर्म पानी से धोने, संतुलित भोजन करने जैसी सावधानियां बरतने की सलाह दी जा रही है। वहीं ग्राम लिमउटोला के युवक समारु गोंड, पिता सुखरू गोंड, उम्र 37 वर्ष को उल्टी-दस्त और पेट दर्द की शिकायत होने पर कल रात सिविल अस्पताल खैरागढ़ में भर्ती किया गया था जहां आज सुबह इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। समारु गोंड की मौत से पूरे गांव में दहशत और चिंता का माहौल है।मिली जानकारी अनुसार कुछ दिन पूर्व ग्राम लिमउटोला निवासी गायत्री देवी उम्र 55 वर्ष की मृत्यु के बाद उनके नहावन कार्यक्रम में लिमउटोला व आस पास के ग्रामीण मृत्यु भोज में शामिल हुए थे। इसी भोज के बाद 31 अक्टूबर शुक्रवार से कई ग्रामीणों को उल्टी-दस्त और पेट दर्द की शिकायत होने लगी। बीमार ग्रामीण इलाज के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पांडादाह पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने गंभीर स्थिति देखते हुए उन्हें भर्ती किया। धीरे-धीरे मरीजों की संख्या बढ़ती गई और पांडादाह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के सभी बेड भर जाने के बाद मरीजों को खैरागढ़ सिविल अस्पताल भेजा गया। स्थिति लगातार बिगड़ती देख दो गंभीर मरीजों को राजनांदगांव मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है। बताया जा रहा है कि जिन ग्रामीणों ने गायत्री देवी के मृत्यु भोज में भोजन किया था उन्हीं लोगों में डायरिया का प्रकोप देखने को मिल रहा है। स्वास्थ्य विभाग और पीएचई विभाग की संयुक्त टीम ने मौके पर पहुंचकर गांव का निरीक्षण किया। जांच के दौरान पाया गया कि जिस स्थान पर मृत्यु भोज आयोजित किया गया था वहां शौचालय और बोर का स्थान काफी करीब है जिससे पानी के दूषित होने की संभावना जताई जा रही है। पीएचई विभाग के अधिकारियों ने मौके से पानी के सैंपल लेकर जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा है।

रिपोर्ट आने के बाद ही डायरिया फैलने के वास्तविक कारण का पता चल पाएगा। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.आशीष शर्मा ने बताया कि हमारी टीम लिमउटोला में लगातार कैंप लगाकर ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण कर रही है। जिनकी हालत ज्यादा खराब है उन्हें सिविल अस्पताल खैरागढ़ भेजा जा रहा है। मैंने स्वयं गांव का दौरा कर लोगों से मुलाकात की है और सभी को सतर्क रहने की सलाह दी है। फिलहाल मरीजों की संख्या में थोड़ी कमी आई है और हालात नियंत्रण में हैं।ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि गांव में पेयजल की नियमित जांच की जाए और सभी हैंडपंपों व बोरवेल की सफाई की व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि बरसात के बाद दूषित पानी के कारण ऐसी बीमारियां बार-बार फैलती हैं इसलिए इस दिशा में स्थायी उपाय किए जाने जरूरी हैं।

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