
बौद्ध अनुयायियों ने किया त्रिशरण और पंचशील का पाठ
गूंजे बुद्धं शरणं गच्छामि और जय भीम के स्वर
सत्यमेव न्यूज खैरागढ़। नगर के दाऊचौरा स्थित बुद्ध विहार परिसर में कार्तिक पूर्णिमा का पावन पर्व श्रद्धा, भक्ति और हर्षोल्लास के वातावरण में मनाया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में बौद्ध अनुयायी एकत्र हुए और भगवान बुद्ध के उपदेशों का स्मरण करते हुए शांतिपूर्ण, समतामूलक जीवन जीने का संकल्प लिया। कार्यक्रम की शुरुआत सामूहिक रूप से त्रिशरण और पंचशील पाठ से हुई। वातावरण बुद्धं शरणं गच्छामि के मंगलगान से गूंज उठा। इसके पश्चात समाज के वरिष्ठ सदस्य यादवराव पाटिल ने कार्तिक पूर्णिमा के आध्यात्मिक और ऐतिहासिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह दिवस आत्मचिंतन और करुणा के संदेश को आत्मसात करने का अवसर है। उन्होंने उपस्थित जनों से आह्वान किया कि वे शाक्यमुनी भगवान तथागत गौतम बुद्ध और बोधिसत्व डॉ.भीमराव आंबेडकर के बताए मार्ग पर चलकर समाज में समानता शिक्षा और एकता की भावना को सशक्त करें। समाज के पूर्व अध्यक्ष भोजराज ऊके ने अपने उद्बोधन में कहा कि कार्तिक पूर्णिमा समाज को आध्यात्मिक शुद्धता और नैतिक दृढ़ता की ओर प्रेरित करती है। उन्होंने पूर्णिमा पर्व के आध्यात्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक पहलुओं पर भी विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में समाज के अध्यक्ष उत्तम बागड़े, सचिव विमल बोरकर, वरिष्ठ सदस्य दीवालचंद भालेकर, सुरेश चौरे, पवन सहरे, हर्षवर्धन रामटेके, प्रियांशु नागदेवे सहित बड़ी संख्या में उपासक एवं उपासिकाएँ उपस्थित रहीं। महिला मंडल की ओर से अध्यक्ष कविता नागदेवे, सचिव छाया चौरे, किरण रामटेके, अनामिका मेश्राम, उर्वशी मेश्राम, मुस्कान चौरे, प्रिया नागदेवे, यामनी नागदेवे, परिधि चौरे, निधि चौरे और आयुष चौरे की सहभागिता उल्लेखनीय रही। शांतिपूर्ण वातावरण में संपन्न इस आयोजन के दौरान बुद्ध विहार परिसर जय भीम और बुद्धं शरणं गच्छामि के जयघोषों से गूंज उठा।