अवैध प्लॉटिंग पर छुट्टी के दिन कार्रवाई, प्रशासन के दोहरे रवैये पर उठे सवाल

सत्यमेव न्यूज राजनांदगांव। शहर का विकास मास्टर प्लान के अनुरूप हो इसकी जिम्मेदारी नगर निगम और नगर एवं निवेश विभाग की है लेकिन हकीकत इससे उलट नजर आ रही है। वर्षों से अवैध प्लॉटिंग फल फूलती रही और जिम्मेदार अधिकारी आंख मूंदे बैठे रहे। अब लंबे समय बाद रविवार को छुट्टी के दिन अचानक की गई कार्रवाई ने प्रशासन के दोहरे रवैये को उजागर कर दिया है। रविवार को जिला प्रशासन और नगर निगम की संयुक्त टीम ने लखोली क्षेत्र एवं प्रेस क्लब के पीछे लगभग 30 एकड़ भूमि पर चल रही अवैध प्लॉटिंग और शासकीय भूमि पर किए गए अतिक्रमण को चिन्हित कर जेसीबी मशीन से तोड़फोड़ की। यह कार्रवाई लखोली, रायपुर नाका क्षेत्र में खसरा नंबर 71/9, 71/28, 71/8 और 71/27 सहित अन्य भूमि पर की गई। कार्रवाई के दौरान प्रशासन ने अवैध प्लॉटिंग करने वालों को भविष्य में शासकीय भूमि पर किसी भी प्रकार का अतिक्रमण या अवैध निर्माण नहीं करने की सख्त हिदायत दी। हालांकि इस सख्ती के बावजूद अब तक एक भी मामले में एफआईआर दर्ज नहीं की गई है जिससे कार्रवाई की मंशा पर सवाल उठ रहे हैं।

सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब जमीन के टुकड़ों की रजिस्ट्री हो रही थी और नगर निगम द्वारा भवन अनुज्ञा जारी की जा रही थी तब जिम्मेदार अधिकारी क्या कर रहे थे? आरोप है कि मकान बन जाने और बसाहट शुरू होते ही नगर निगम द्वारा ही वहां सड़कें भी बनवा दी गईं जिससे अवैध कॉलोनियों को वैध रूप देने का काम किया गया।

सूत्रों के मुताबिक अवैध प्लॉटिंग की शुरुआती अवस्था में ही कार्रवाई नहीं की गई। क्षेत्र के पटवारी और वार्ड प्रभारी समय पर रिपोर्ट नहीं भेजते रहे। कई मामलों में केवल औपचारिक नोटिस देकर खानापूर्ति की गई और प्रतिबंध के बोर्ड बाद में हटा दिए गए।

नगर निगम के तत्कालीन आयुक्त द्वारा अवैध प्लॉटिंग रोकने के लिए रजिस्ट्री विभाग को पत्राचार कर खसरा नंबरों की सूची भेजी गई थी लेकिन अधिकार न होने का हवाला देकर रजिस्ट्रार ने रजिस्ट्री रोकने से इंकार कर दिया। इसे भी अवैध बसाहट बढ़ने की बड़ी वजह माना जा रहा है।

अवैध प्लॉटिंग का अभिनंदन गैलेक्सी मामला विधानसभा तक पहुंचा था। नगर निगम आयुक्त द्वारा नोटिस जारी किया गया लेकिन आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। पूर्व पार्षद हेमंत ओस्तवाल ने हाल ही में जांच और कार्रवाई की मांग करते हुए पत्राचार भी किया है।

इस पूरे मामले में एसडीएम गौतम पाटिल ने कहा कि अवैध प्लॉटिंग और शासकीय भूमि पर कब्जे का मामला सामने आया था जिस पर कार्रवाई करते हुए कब्जा हटा दिया गया है।

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