हरी सब्जियाँ के दाम में गिरावट पर किचन में प्याज अभी भी रुला रहा

लोकल आवक से हरी सब्जीयों के दाम गिर रहें
सत्यमेव न्यूज़/खैरागढ़. ठंड लगते ही सब्जियों के दाम में गिरावट तो आई है पर अभी भी प्याज के महंगे दाम गरीबों को रूलाने लगे हैं. बाजार में लोकल बाड़ीयों से सब्जियों की आवक शुरू होने से हरी साग भजो की कीमतें कम हुई है पर बीते एक डेढ़ महीने से प्याज और आलू के दाम स्थिर है जिसमें प्याज अभी भी ₹60 किलो बिक रहा है.शहर के ईतवारी बाजार में रविवार को गोभी 80 रूपयें किलों, सेमी 80 रूपयें किलों, गाजर 80 रूपयें किलों, प्याज 80 रूपयें किलों भाटा 40 रूपयें किलो, शिमला मिर्च 40 किलों, भिंड़ी 40 रूपयें किलों, गांवर फल्ली 40 रूपयें किलों, खीरा 40 रूपयें किलों, मटर 40 रूपयें किलों, आंवला 60 रूपयें किलों, पत्तागोभी 30 रूपयें किलों, गांठ गोभी 50 रूपयें किलों, मिर्च 50 रूपयें किलो, टमाटर 30 रूपयें से 40 रूपयें किलों में बिक रहा हैं. जिससे आम लोगो का मनपसंद सब्जी खान भी दुभर हो रहा हैं.
गृहणियों का मानना है किचन में उपयोग होने वाली प्रत्येक सब्जियों में प्याज का तड़का जरुरी है इसके बिना सब्जी अधूरी रहती है और न ही उसमें स्वाद रहता है इसलिए प्याज हर सब्जी में जरूरी है. इसी तरह होटल व ढाबों में सलाद की प्लेटों से प्याज गायब हो गया है उसकी जगह मूली टमाटर व अन्य खाद्य चीजें सलाद में दी जा रही है. प्याज के थोक विक्रेता ने बताया कि स्थानीय मंडी में प्याज नासिक, खंडवा व इंदौर से आती है किंतु इस बार फसल अच्छी नहीं होने के कारण प्याज की पैदावार कम हुई व मौसम खराब होने के कारण प्याज की फसल खराब भी हुई है इसकी वजह से प्याज की सप्लाई मांग की तुलना में कम होने के कारण प्याज की कमी है इसलिए प्याज के भाव बढ़ गए हैं. वर्तमान में सब्जी मंडियों में पुराना स्टाक है अभी वो बाजार में आ रहा है.वर्तमान में प्याज की कमी के कारण उसकी आवक बहुत कम हो गई है. इससे संभागीय मंडियों में प्याज की कमी के चलते भाव लगातार बढ़ रहे हैं और जब तक नई फसल नहीं आ जाती है तब तक प्याज के भाव कम होना मुश्किल दिख रहा है.
