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संगीत नगरी में रैली निकालकर अंबेडकर चौक में मनाई गई संविधान दिवस की 75वीं वर्षगांठ

सत्यमेव न्यूज खैरागढ़. जिला मुख्यालय खैरागढ़ में संविधान दिवस की 75वीं वर्षगांठ गरिमामय आयोजन के साथ मनाई गई। भारतीय बौद्ध महासभा केसीजी के तत्वाधान एवं महासभा के अध्यक्ष संतोष कामड़े की अगुवाई में सर्वप्रथम संविधान रैली निकाली गई जो अंबेडकर चौक से स्टेट हाईवे होते हुये नगर भ्रमण कर वापस आयोजन स्थल पहुंची। रैली के समापन उपरांत समस्त उपस्थितजनों एवं अतिथियों ने अंबेडकर चौक में बाबा साहेब की प्रतिमा में माल्यार्पण एवं पुष्प अर्पित कर कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से उन्हें नमन किया। महासभा के द्वारा इस अवसर पर त्रिशरण एवं पंचशील का पाठ किया गया। तदोपरांत मंचीय कार्यक्रम प्रारंभ हुआ जहां मुख्य वक्ता के रूप में राजनांदगांव से पधारे व्याख्याता अरूण मेश्राम, सांसद प्रतिनिधि भागवतशरण सिंह, भाजपा अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष नवनीत जैन सहित सामाजिक संस्थाओं के जिलाध्यक्ष एवं प्रतिनिधि उपस्थित थे। सर्वप्रथम वक्ता अतिथियों द्वारा बाबा साहेब के तैलचित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। संविधान कल, आज और कल विषय पर वक्ताओं ने अपने सारगर्भित विचार रखे। व्याख्याता अरूण मेश्राम ने कहा कि अखण्ड भारत सम्राट अशोक की देन है जिससे लोग आज भी अनभिज्ञ हैं। संविधान निर्माण की परिस्थितियों का जिक्र करते हुये श्री मेश्राम ने कहा कि संविधान की प्रस्तावना में ही संविधान की संपूर्णता दिखती है। संविधान की शक्ति के कारण हम सब सुरक्षित हैं और एकता के सूत्र में बंधे हुये हैं। भागवतशरण सिंह ने कहा कि संविधान दिवस को राष्ट्रीय पर्व घोषित किया जाना चाहिये। कविता पाठ के माध्यम से श्री सिंह ने संविधान में समाहित भगवान बुद्ध के आष्टांगिक मार्ग और दर्शन का बखूबी वर्णन किया और कहा कि आज भी संघर्ष बाकी है और हम सबको मिलकर बाबा साहेब के अधूरे मिशन को पूरा करना है। गोरे अंग्रेज तो चले गये लेकिन राजनीति के सफेद विलास में छिपे हुये काले अंग्रेज अभी भी देश के लिए चुनौती बने हुये हैं। सभी स्वाभिमान से देश में जीवन यापन करें यही संविधान की मूल भावना है। नवनीत जैन ने कहा कि संविधान के आधार पर भारतीयता और भारत सर्वोपरि है। संविधान हम 140 करोड़ भारतियों को एकजुट रखता है। साम्प्रदायिक सद्भावना के लिये उन्होंने कहा कि हम सबको यह याद रखना चाहिये कि हम सबसे पहले मनुष्य हैं। इससे पहले सामाजिक वक्ताओं के रूप में गुलाब चोपड़ा ने कहा कि संविधान दिवस हम सबके लिये महत्वपूर्ण है, हमें इसे हर्ष व उल्लास के साथ प्रतिवर्ष मनाना चाहिये। सतनाम समाज के वरिष्ठ बहादुर कुर्रे ने कहा कि धीरे-धीरे संविधान को लेकर लोगों में जागरूकता आ रही है। जिला मुस्लिम समाज के अध्यक्ष सज्जाक खान ने कहा कि भारत सदैव बाबा साहेब अंबेडकर का ऋणि रहेगा। बाबा साहेब ने खुद व परिवार की परवाह किये बगैर स्वयं को राष्ट्र के लिये समर्पित किया और आज हम सभी भारतीय उनके कृतत्व के कारण उपकृत हैं। जिला सतनामी समाज के अध्यक्ष खुमान देशलहरे ने कहा कि संविधान खतरे में नहीं है संविधान तो आज भी हमे बचाये हुये हैं। संविधान से छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिये। बाबा साहेब का संविधान आज भी सर्वोपरि है और संविधान में गुरू घासीदास बाबा के मनखे-मनखे एक समान का मूल मंत्र छिपा हुआ है। समारोह को रविदास समाज के जिलाध्यक्ष सतीश टांडेकर, सारथी समाज के जिलाध्यक्ष सुजीत सारथी और कंवर समाज के जिलाध्यक्ष रामजी सिदार ने भी संबोधित करते हुये संविधान की विशेषताओं का उल्लेख किया। इससे पहले महासभा के जिला अध्यक्ष संतोष कामड़े ने आयोजन को लेकर उद्देश्य पर प्रकाश डाला। बौद्ध समाज के संरक्षक मधुकर चोखान्द्रे ने स्वागत भाषण दिया। कार्यक्रम का सफल संचालन करते हुये बौद्ध समाज के प्रमुख सलाहकार अनुराग शांति तुरे ने अपनी कविताओं के माध्यम से संविधान की विशेषताओं और वर्तमान परिवेश में संविधान की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला। आभार अभिव्यक्ति बौद्ध समाज के वरिष्ठ मंशाराम सिमकर द्वारा की गई।

सामाजिक संगठनों व संस्थाओं का हुआ सम्मान

संविधान दिवस के अवसर पर सामाजिक संगठनों के प्रमुख सेवाभावी संस्थाओं के प्रतिनिधियों का समारोहपूर्वक सम्मान किया गया और स्मृति चिन्ह एवं प्रशस्ति पत्र देकर अभिनंदन किया गया। इस दौरान समाजसेवी भागवत शरण सिंह, अरूण मेश्राम, नवनीत जैन, समशुल होदा खान, योग समिति छुईखदान, जय जगन्नाथ सेवा समिति छुईखदान, निर्मल त्रिवेणी महाभियान खैरागढ़, ड्रीम्स एकेडमी, रक्तवीर शरद वैष्णव, तोपसिंह भालेकर, पीताम्बर सिंह ठाकुर, खुमान देशलहरे सहित सामाजिक संगठनों व संस्थाओं का सम्मान किया गया। इस अवसर पर विशेषरूप से अरूण मेश्राम, भागवतशरण सिंह, नवीनत जैन, गुलाब चोपड़ा, सज्जाक खान, खुमान देशलहरे, सतीश टांडेकर, सुजीत सारथी, रामजी सिरदार, मकसूद अहमद, कपिनाथ महोबिया, शेख निजामुद्दीन, इदरिस खान, कांता यादव सहित सामाजिक पदाधिकारियों में बौद्ध समाज जिलाध्यक्ष संतोष कामड़े, खैरागढ़ अध्यक्ष उत्तम बागड़े, संरक्षक मधुकर चोखान्द्रे, प्रमुख सलाहकार अनुराग शांति तुरे, रविशंकर बंसोड़, सचिव विमल बोरकर, महिला अध्यक्ष कविता नागदेवे, कोषाध्यक्ष कमलेश बोमले, सहसचिव शशि रामटेके, झरना बंसोड़ व राधे उइके सहित बड़ी संख्या में नगरवासी उपस्थित थे।

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