विषम परिस्थितियों में आगे बढऩे वाला ही कहलाता है योद्धा- आईपीएस अंकिता शर्मा

देश सेवा के लिये सेना में जाने की तैयारी कर रहे ड्रीम्स एकेडमी के युवाओं को एसपी ने समारोहपूर्वक किया प्रोत्साहित
आईपीएस अंकिता ने सुनाया प्रदेश की पहली महिला आईपीएस अफसर बनने का प्रेरक प्रसंग
सत्यमेव न्यूज़/खैरागढ़. देश की सेवा के लिये सेना में जाने तैयारी में जुटे ड्रीम्स एकेडमी के युवाओं को प्रोत्साहित करते हुये आईपीएस अंकिता शर्मा ने प्रदेश की पहली महिला आईपीएस बनने का प्रेरक प्रसंग सुनाया. सरस्वती शिशु मंदिर विद्यालय प्रांगण में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुये उन्होंने बताया कि सम परिस्थितियों में तो कोई भी आगे बढ़ सकता है, विषम परिस्थितियों में जो सफल होता है वही योद्धा कहलाता है. जो महान है वो परिस्थितियों से लडक़र ही महान बनता है. ड्रीम्स एकेडमी और पुलिस विभाग के संयुक्त तत्वावधान में पुलिस एवं सेना भर्ती के लिए तैयारी कर रहे युवाओं के लिए आयोजित नि:शुल्क प्रशिक्षण शिविर में छत्तीसगढ़ की पहली महिला आईपीएस व जिला केसीजी की एसपी अंकिता शर्मा ने अपने आईएएस बनने तक के सफर का अनुभव साझा किया. उन्होंने युवाओं को प्रोत्साहित करते हुए बड़ा लक्ष्य तय कर उसे पाने में पूरी ताकत लगा देने की बात कही.

माँ की प्रेरणा व सेल्फ स्टडी ने बनाया आईपीएस अधिकारी
अंकिता शर्मा ने बताया कि माँ की प्रेरणा व सेल्फ स्टडी ने उन्हें प्रदेश की पहली महिला आईपीएस अफसर बनाया. उनका कहना है कि कॉलेज तथा एमबीए करने के बाद वे यूपीएससी की तैयारी करने दिल्ली गई जहां 6-7 माह रहने के बाद उन्हें लगा कि टाईम वेस्ट हो रहा है इसलिये वें वापस दुर्ग आ गई. उन्होंने सेल्फ स्टडी शुरू की और तीन प्रयासों के बाद उन्हें यह सफलता मिली. सक्सेस को लेकर उनका सीधा फलसफा है कि पुस्तक और सेल्फ स्टडी का कॉम्बीनेशन आपको सफल बनाता है. इस दौरान उन्होंने मौजूद छात्रों के सवालों का जवाब देते हुये बताया कि मां ने कहा था- किरण बेदी बनना है जो प्रेरणा के रूप में उनके जीवन का लक्ष्य बन गया. अपनी सफलताओ की प्रेरणाओं को मंच से अंकित करते हुये अंकिता ने कहा कि आम तौर पर हम अपनी असफलता के लिए परिस्थितियों को दोष देते हुए खुद को सांत्वना देना शुरू कर देते हैं, पर यह गलत है. परिस्थितियां चाहे जैसी भी हो खुद को सांत्वना न दे.

अपनी कमियों या अपनी हार के लिए दूसरों को कभी दोषी न ठहराएं. जब सपने आपके हैं तो जिम्मेदारी भी तो आपकी होनी चाहिये इसलिये जिम्मेदारी ले, खुद को मजबूत बनाएं और अपने सपने को हासिल करने के लिये जिम्मेदार बन जाये. आगे कहा कि उन्होंने भी आम बच्चों की तरह अपनी जिंदगी में बहुत सी गलतियां की होंगी उन्हीं गलतियों को दूर करने के लिए अपने आप से एक संकल्प लेकर निरंतर आगे बढ़ती गई और यह भी था कि मुझे अपने पिता के नाम के साथ एक सेंटीमीटर जगह बढ़ानी थी, यानी वे अपने नाम से अपने पिता का नाम रोशन करना चाहती थी ताकि मेरे पिता जी का नाम मेरे नाम की वजह से सम्मान से लिया जाये. समारोह में इस दौरान एसडीओपी दिनेश सिन्हा, टीआई नीलेश पांडेय, शिशु मंदिर के व्यवस्थापक मनोज गिडिय़ा, नागरिक एकता मंच से जुड़े मो.याकूब खान (जहीन) सहित अन्य वक्ताओं ने भी आईपीएस अंकिता शर्मा के जीवन से प्रेरणा लेने छात्रों को प्रोत्साहित किया. कार्यक्रम में प्राचार्य संदीप जैन, प्रधानाचार्य राजलक्ष्मी सिंह, ड्रीम्स एकेडमी के संचालक लकेश्वर जंघेल, बैदनाथ वर्मा, हेमलाल वर्मा, चंद्रकुमार कश्यप, घेरू कश्यप, श्रीमती लिलेश वर्मा, समाजसेवी समशुल होदा खान, शिक्षिका गायत्री चौहान, आर्या सिंह सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं व सेना एवं पुलिस की तैयारी कर रहे युवा मौजूद रहे. कार्यक्रम का संचालन आरक्षक गंगा सिंह ने किया.