विपरीत परिस्थितियों में कार्य करने वाली सेवाभावी संस्थाओं के कार्यों को सराहा गया
शांतिदूत के स्थापना दिवस पर हुआ जिले की सेवाभावी संस्थाओं का सम्मान
कुल 13 संस्थाओं को किया गया समारोहपूर्वक सम्मानित
पहली बार एक मंच पर आये जिले की सभी सेवाभावी संस्थाएं
सत्यमेव न्यूज़/खैरागढ़. जीव सेवा के लिये 2012 से सतत कार्यरत सेवाभावी संस्था शांतिदूर के द्वारा नगर में कार्यरत विभिन्न सेवाभावी संस्थाओं का सम्मान किया. रविवार 25 दिसंबर को जनपद सभागार में आयोजित सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में विधायक श्रीमती यशोदा नीलाम्बर वर्मा उपस्थित रही वहीं अध्यक्षता जिला पंचायत उपाध्यक्ष विक्रांत सिंह ने की तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में नगर पालिका अध्यक्ष शैलेन्द्र वर्मा, उपाध्यक्ष अब्दुल रज्जाक खान, जिला पंचायत सभापति घम्मन साहू, नीलाम्बर वर्मा, पं.मिहिर झा, लिमेश्वरी साहू व मनोज गुप्ता मौजूद रहे.
इस दौरान नगर में बेहतर कार्य करने वाली संस्था निर्मल त्रिवेणी महाअभियान, नागरिक एकता मंच, ड्रीम्स एकेडमी, श्रीराम गौ सेवा समिति, इकरा फाउंडेशन, सकल जैन श्रीसंघ, गोकुल नगर स्वयं सेवा समिति, धर्मयात्रा, संकल्प युवा क्रांति संगठन, सिविल अस्पताल खैरागढ़, पुलिस विभाग जिला केसीजी, मनोहर गौशाला, जय जगन्नाथ सेवा समिति छुईखदान व स्व.प्राकृत शरण सिंह को लाईफ टाईम अचीवमेंट अवार्ड से प्रशस्ति पत्र, मोमेंटो व श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया गया.
कोरोना की त्रासदी में भी संस्थाओं ने सराहनीय कार्य किया
कार्यक्रम में मौजूद विधायक श्रीमती वर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि कोरोना जैसी महामारी के दौरान जिस तरह नगर की सेवाभावी संस्थाओं ने जरूरतमंदों की मदद की वह अत्यंत सराहनीय कार्य है. अपनी जान की परवाह किये बगैर लोगों तक पहुंचकर उनकी मदद करना यह बड़ी बात है. वास्तव में आज हमारा नहीं बल्कि स्वयंसेवी संस्थाओं के उन सदस्यों का सम्मान होना चाहिये उन्होंने कोरोना काल की विपरीत परिस्थिति में यह सराहनीय कार्य किया है. जिपं उपाध्यक्ष विक्रांत सिंह ने कहा कि कोरोना काल में हमने अपने बीच के बहुत से लोगों को खो दिया और जीवन में एक बड़ा बदलाव आया.
उस दौरान विभिन्न नकारात्मक बातों के बीच एक सकारात्मक बात यह रही कि कोरोना ने दो चीजें हमें सिखाई है, एक यह कि जीवन का मूल्य बहुत कम है, कौन कब मृत्यु को प्राप्त कर जाये कहा नहीं जा सकता, दूसरी यह कि मानव जीवन को हमें दूसरों की सेवा करके बीताना है. राजनीति में मैंने उतनी सक्रियता नहीं देखी जितनी कोरोना काल के समय स्वयंसेवियों को देखा है. खुद के जीवन को खतरे में डालकर दूसरों की सेवा करना यह हमें कोरोना ने सिखाया है. श्री सिंह ने कहा कि हमारा आधा जीवन लड़ाई-झगड़े में बीत चुका है अब आगे का जीवन हमें प्रेमपूर्वक जीना चाहिये और एक-दूसरे की मदद करना चाहिये. वरिष्ठ समाजसेवी पं.मिहिर झा ने समस्त संस्थाओं के कार्यों की प्रशंसा करते हुये भविष्य में भी संस्थाओं को बेहतर कार्य करने प्रेरित किया व शांतिदूत संस्था के प्रति आभार व्यक्त करते हुये अपनी काव्य कुशलता से समारोह को जीवंतता प्रदान की.
कार्यक्रम को निर्मल त्रिवेणी के संयोजक सूरज देवांगन, लगभग सभी समितियों में सक्रिय शमशुल होदा खान, शांतिदूत व नागरिक एकता मंच के मो.याकूब खान, इकरा फाउंडेशन के अध्यक्ष खलील कुरैशी, श्रीराम गौसेवा समिति के वरिष्ठ रामकृष्ण शास्त्री मारूति, जय जगन्नाथ सेवा समिति के आदित्य देव वैष्णव, बीएमओ डॉ.विवेक बिसेन ने भी संबोधित किया. कार्यक्रम का संचालन शांतिदूत संस्था के संयोजक अनुराग शांति तुरे व आभार व्यक्त सहसंयोजक याहिया नियाजी ने किया. इस दौरान समाजसेवी संजीव दुबे, पार्षद विनय देवांगन, बीएमओ डॉ.विवेक बिसेन, थाना प्रभारी कृष्णकुमार बघेल, खाद्य निरीक्षक कृपेन्द्र तिवारी, समाजसेवी हेमू साहू, खलील कुरैशी, सूरज देवांगन, शरद श्रीवास्तव, आदित्य वैष्णव, मंगल सारथी, मो.याकूब खान, संजय कौशिक, प्रदीप अग्रवाल, उत्तम बागड़े, राजकुमार बोरकर, वीरेन्द्र डाकलिया, नितिन भांडेकर, दिलीप श्रीवास्तव, श्रेयांश सिंह बाबूल, विजयप्रताप सिंह, नीलेश यादव, शिवम ताम्रकार, अवि जैन, लखेश्वर वर्मा, विनोद वर्मा, हर्षवर्धन रामटेके, मिनेश बख्शी, उमेश कोठले, महेश बंजारे, चंचल यादव, गुलशन भगत, सूर्या दुबे, आकाश भगत, करण यादव, वंश निर्मलकर सहित स्वयंसेवी मौजूद रहे.