वनांचल में तेंदुए की आमद के बाद वन अमला ले रहे ग्रामीणों की बैठक

वन्य प्राणियों द्वारा जन, पशु व फसल हानि की क्षतिपूर्ति की दी जा रही जानकारी
वनांचल के अलग-अलग गांवों में बैठक लेकर ग्रामीणों को किया जा रहा जागरूक
सत्यमेव न्यूज़/खैरागढ़. वनांचल क्षेत्र साल्हेवारा में तेंदुए की आमद के बाद जनहानि व पशु हानि न हो इसके लिये वन अमला लगातार ग्रामीणों की बैठक लेकर उन्हें जागरूक कर रहे हैं. इस दौरान ग्रामीणों को वन्य प्राणियों की संभावित विचरण क्षेत्र एवं संवेदनशील क्षेत्रों का सतत रूप से गस्त करना एवं ग्रामीणों को वन्य प्राणियों की सुरक्षा तथा वन्य प्राणियों द्वारा जनहानि, पशु हानि व फसल हानि के संबंध में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा क्षतिपूर्ति के प्रावधान अनुसार प्रदान की जाने वाली राशि के संबंध में जानकारी दी जा रही है वहीं वन्य प्राणियों को नुकसान से संबंधित जानकारी देकर उन्हें जागरूक किया जा रहा है. वन अमला वन्य प्राणियों के साथ-साथ वनों की सुरक्षा एवं संवर्धन तथा आम ग्रामीणों को वनों से प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष लाभ को लेकर भी जागरूक कर रहे हैं. वनों में पाये जाने वाले औषधि प्रजाति के वनस्पतियों को उसका विनाश विहिन विदोहन कर अमूल्य प्रजाति के वनस्पति को जो मानव जीवन में उपयोगी एवं जीवनदायिनी साबित होता है उनका संरक्षण एवं संवर्धन को लेकर भी जानकारी दी गई.

गंडई वनमंडलाधिकारी एमएल सिदार के निर्देशन में वन अमला क्षेत्र के गांवों तक पहुंचकर ग्राम प्रमुखों की उपस्थिति में ग्रामीणों को तेंदुए को किसी भी प्रकार से हानि नहीं पहुंचाने तथा स्वयं को भी तेंदुए से बचाये रखने के निर्देश दिये जा रहे हैं. गुरूवार को पैलीमेटा सहित आसपास के ग्राम मगरकुंड, जंगलपुर, खैरा नवापारा, लमरा, परसाटोला, बेंगरी सहित अन्य गांवों में पहुंचकर वन कर्मचारी एवं संयुक्त वन प्रबंधन समिति मगरकुंड द्वारा वन्य प्राणी के संभावित विचरण क्षेत्रों के समीप खेत-खलिहान में विद्युत कनेक्शन किये गये किसान व वन्यप्राणी सुरक्षा की दृष्टि से संवेदनशील लोगों को सूचीबद्ध किया गया. ग्राम कोटवार को साथ रखकर रेडियो माईक से मुनादी कराई गई और ग्रामवासियों को एकत्र कर वन एवं वन्य प्राणी की सुरक्षा तथा रख-रखाव को लेकर जागरूक किया गया. इसके साथ ही पालतु पशुओं को सुरक्षित रखने व अपने परिवार को सुरक्षित रखने संदेश दिया गया.
रेडियो माईक के माध्यम से गांवों में लगातार मुनादी कराई जा रही है, ग्रामीणों को अपने पालतु जानवर सुरक्षित रखने हिदायत दी जा रही है वहीं वन्य प्राणियों की सुरक्षा को लेकर भी अधिनियम के तहत कार्यक्रम चलाया जा रहा है.