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युवाओं को प्रोत्साहन देने का नाम पर ग्राम पंचायतों में फर्जीवाड़ा

सत्यमेव न्यूज/खैरागढ़. जनपद पंचायत क्षेत्र अंतर्गत आने वाले कुछ ग्राम पंचायतों में शासन की स्वामी विवेकानंद युवा प्रोत्साहन योजना के तहत मिली राशि को पंचायतों द्वारा बिना किसी कार्यक्रम कराये राशि का बंदरबांट कर लिया गया हैं जिससे जनपद के अधिकारी भी अनजान हैं साथ ही ग्रामीणों को भी इस योजना के बारे में कोई जानकारी नहीं हैं. बता दे कि युवाओं के लिए शासन की महत्वाकांक्षी स्वामी विवेकानंद युवा प्रोत्साहन योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को खेलखुद, रोजगार प्रशिक्षण, बौद्धिक, कौशल वृद्धि, ब्लड डोनेशन शिविर, नुक्कड़ नाटक, भाषण आदि कार्यक्रम से जोड़कर प्रतिभा निखारने के लिये प्रोत्साहित करने यह योजना संचालित की गई थी लेकिन जनपद क्षेत्र के कुछ ग्राम पंचायतों द्वारा रुपयों के लालच में कार्यक्रम ही नहीं कराया गया और बिना कार्यक्रम कराये रूपयें निकाल सरकारी राशि का बंदरबाट किया गया हैं.

योजना के क्रियान्वयन को लेकर जनपद के जिम्मेदार उच्च अधिकारियों द्वारा सही तरीके से मॉनिटरिंग भी नहीं की गई हैं. बताया जा रहा है कि जिला निर्माण के बाद जनपद पंचायत में आपसी मतभेद और महत्वाकांक्षा के कारण कोई अधिकारी अधिक दिनों तक टिक ही नहीं पाया. जनपद पंचायत में कभी करारोपण अधिकारी को तो कभी कनिष्ठ अधिकारियों को जनपद पंचायत सीईओ का चार्ज सौंपा गया. नतीजतन इस योजना के क्रियान्वयन व मूल उद्देश्यों की प्राप्ति भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई जबकि जनपद पंचायत क्षेत्र के ग्रामीण युवाओं को इस योजना से सीधा लाभ मिलना था लेकिन अधिकारियों द्वारा इसका निरीक्षण भी नहीं किया गया हैं.

योजना का मुख्य उद्देश्य क्षेत्र के ग्रामीण युवाओं में सकारात्मक एवं सृजनात्मक सोच का विकास करने के साथ ही जिलें व क्षेत्र के ग्रामीण युवाओं में नैतिक, सामाजिक व सांस्कृतिक मूल्यों को बढ़ावा देना. क्षेत्र के ग्रामीण युवाओं में समाजिक सरोकार की भावना व सामाजिक विकास में उनकी सहभागिता को प्रोत्साहन करना व जिले के आपसी मेल-जोल को बढ़ावा देना व समाज में रचनात्मक भूमिका का निर्वाह करने उसकी नेतृत्व संगठनात्मक क्षमताओं का विकास करना एवं पर्यावरण संरक्षण, मानव विकास, सामुदायिक संपदाओं के संरक्षण, आपदा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में प्रदेश के ग्रामीण युवाओं की स्वयंसेवी सहभागिता को प्रोत्साहन करने की मंशा से शासन ने इस योजना की शुरुआत की गई थी. परंपरागत सांस्कृतिक विधाओं, ग्रामीण खेलकुद, ऐतिहासिक धरोहरों एवं देशज ज्ञान का संरक्षण आदि में ग्रामीण युवाओं की भूमिका को अभिप्रेरित करना के उद्देश्यों से सरकार ने योजना प्रारंभ की गई थी लेकिन पंचायतों में सरपंच-सचिव के परंपरागत आपसी गठजोड़ ने योजना का बंटाधार कर दिया.

अभी इस संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुआ है, शिकायत आयेगी तो जांच करेंगें.

शिशिर शर्मा, जनपद सीईओ खैरागढ़

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