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अपराध

मुढ़ीपार सेवा सहकारी समिति के प्रबंधक ने किसानों से धोखाधड़ी कर किया 1 करोड़ 9 लाख का गबन

सत्यमेव न्यूज़ खैरागढ़. जिले के मुढ़ीपार सहकारी समिति में एक करोड़ से अधिक के फर्जीवाड़े का चौकाने वाला खुलासा हुआ हैं। जानकारी अनुसार मुढ़ीपार सेवा सहकारी समिति के प्रबंधक और अन्य संबंधित कर्मचारियों ने किसानों से धोखाधड़ी कर 1 करोड़ 9 लाख रूपये की बड़ी राशि का गबन किया हैं। किसानों के साथ हुई इस धोखाधड़ी में समिति के ऑपरेटर, लिपिक और विक्रेता भी शामिल बताये जा रहे हैं। आरोपियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने मुढ़ीपार सहकारी बैंक के शाखा प्रबंधक प्रकाश महोबिया ने
गातापार जंगल थाने पहुंचकर अपराध पंजीबद्ध कराने शिकायत दर्ज कराई है। बताया जा रहा हैं कि मुढ़ीपार में बीते कुछ महीनो से लगातार किसानों की राशि गबन की जा रही थी। मामले का खुलासा तब हुआ जब समिति से जुड़े किसान नई फसल के लिए कर्ज लेने समिति पहुंचे।

ग्राम मुढ़ीपार में समिति प्रबंधक द्वारा 2 महीने के अंदर लगभग 1 करोड़ 9 लाख रुपए का गबन करने का बड़ा आरोप सामने आया है। बताया जा रहा हैं कि समिति प्रबंधक धनेश्वर साहू का एक्सीडेंट होने पर उपचार में बहुत अधिक दिन लगने के कारण किसानों का मिलना जुलना कई दिनों से नहीं हो रहा था जिसके बाद किसान नई फसल के लिये जब कर्ज लेने बैंक पहुंचे तो उन्हे जानकारी मिली कि कर्ज नहीं मिल सकता क्योंकि किसानों के पहले का कर्ज अभी तक जमा नहीं हुआ है।

समिति में 214 से अधिक किसानों की राशि के गबन मामला सामने आया हैं, जिसके बाद किसने और उनके परिजनों के बीच मुढ़ीपार और समिति से जुड़े गांवों में सनसनी सी फैल गई हैं। अब तक कि जानकारी में 214 से अधिक किसानों के कर्ज के रूपये समिति प्रबंधक धनेश्वर साहू ने बैंक के खाते में जमा ही नहीं किया हैं लेकिन उनसे रुपए लेकर समिति का बाकायदे उन्हे रुपयों की जमा रसीद दी गई हैं।

किसान जब अपनी खरीफ फसल के लिये पुनः कर्ज लेने मुढ़ीपार सहकारी बैंक पहुंचने लगे तब गबन के मामले का खुलासा हुआ। एक-एक कर किसान जब कर्ज लेने के लिये बैंक गये तो वहां जानकारी दी गई कि संबंधित किसानों के कर्ज की पुरानी अभी तक जमा नहीं हुई हैं। यह बात जैसे ही किसानों को पता लगी एक-एक कर किसान सदमे में आ गये और धीरे-धीरे ये बात पूरे गांव अंचल में फैलने लगी। इसके बाद समिति से जुड़े एक के बाद एक किसान बैंक पहुंच कर अपने कर्ज दी की जानकारी लेने लगे और सबके साथ गबन की बात सामने आई गई।

पूरे मामले को लेकर बताया जा रहा है कि सीईओ (सहकारिता विस्तार अधिकारी) लोकनाथ महेश्वरी ने समिति में गबन की जानकारी मिलने के बाद यहां पर 10 ऑपरेटर दीनदयाल सिन्हा, ऑपरेटर के पुत्र लिपिकीय कर्मी अजय सिन्हा, धान खरीदी केंद्र में पदस्थ विक्रेता कृष्णा वर्मा और संतोष कुंजाम को पद से हटा दिया है वहीं मामले में मुख्य आरोपी समिति प्रबंधक धनेश्वर साहू को सड़क दुर्घटना में बुरी तरह घायल बताए जा रहा है लेकिन उसका इलाज कहां चल रहा है इसकी जानकारी कोई नहीं दे रहा है, जिसे लेकर भी किसान आक्रोशित है और मामले में शिकायत और न्याय को लेकर किसान कलेक्टर से मिलने कल खैरागढ़ आने वाले हैं। अब मामले में दोषी कर्मचारियों पर अपराध पंजीबद्ध करने की तैयारी की जा रही है इसके बाद ही वास्तविकता सामने आ पाएगी।

किसान लखन लाल ठाकुर ने बताया मेरे द्वारा 3 लाख रुपये केसीसी निकाला गया था जो मेरे द्वारा समिति प्रबंधक को पटा दिया था जिसका रसीद भी मेरे पास है। दोबारा किसानी कार्य के लिये केसीसी लोन लेने के लिये बैंक गया तो वहां पता चला पूर्व में लिये हुए लोन की राशि अभी तक पटा नहीं है आपको केसीसी लोन नहीं दे सकते जबकि मेरे द्वारा केसीसी लोन को पटा दिया गया है।

किसान अनूप लाल सिन्हा ने बताया कि उनका समिति 68 सौ 70 रूपये कर्ज था जिसे मेरे द्वारा पटा दिया गया था मुझे समिति प्रबंधक द्वारा रसीद भी दिया गया है। अब मैं लोन नहीं ले सकता किसानी का काम कैसे होगा।

किसान उत्तम कुमार ने बताया कि उसने बीते वर्ष 60 हजार 500 सौ 40 रूपये केसीसी लोन निकाला था जिसे पाटा दिया था। दोबारा किसानी कार्य शुरू करने के लिये केसीसी लोन निकालने बैंक पहुंच तो गबन की जानकारी हुई।
मैं इस साल किसानी कैसे करूंगा, मेरे परिवार का क्या होगा और मैं कहां से रूपये लाऊंगा, कैसे अपना और अपने परिवार का पालन पोषण करूंगा।

समिति प्रबंधक द्वारा 1 करोड़ 9 लाख रुपए के गबन की जानकारी मिलने के बाद उनके विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध करने गातापार पुलिस थाने में आवेदन दिया गया है। अपराध पंजीबद्ध करने पुलिस मामले में दस्तावेज एकत्र कर रही है।

प्रकाश महोबिया, शाखा प्रबंधक मुढ़ीपार

Satyamev News

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