महिला बाल विकास अधिकारी नीरू सिंह को दी गई विदाई
विवादों से घिरा रहा परियोजना अधिकारी का कार्यकाल
सत्यमेव न्यूज़/खैरागढ़. एकीकृत महिला एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी श्रीमती नीरू सिंह को सेवानिवृत्ति उपरांत विगत दिनों विदाई दी गई. विदाई समारोह होटल रामजानकी में आयोजित किया गया जहां विभाग के पर्यवेक्षकों सहित रेडी-टू-ईट का संचालन करने वाले समूह के कर्ताधर्ता मौजूद थे जिनमें पर्यवेक्षक श्रीमती मधु ठाकुर, ममता पटेल, बीरा उसारे, श्याम डोंगरे, तपश्वीनी प्रधान, गौस मोहम्मद बेग, नासिर अहमद, कमलेश भदौरिया, कुलदीप बाबू व पोषण सहित विभागीय कर्मचारी मौजूद थे. खैरागढ़ में सीडीपीओ के पद पर श्रीमती नीरू लगभग डेढ़ वर्ष तक परियोजना कार्यालय खैरागढ़ क्षेत्र अंतर्गत पदस्थ रही और इस दौरान उनका कार्यकाल विवादों से घिरा रहा.
खैरागढ़ में पदभार ग्रहण करते ही उन्होंने परियोजना कार्यालय में साफ-सफाई के दौरान वहां रखी कुछ महापुरूषों की तस्वीरों को भी कचरे के साथ जलवा दिया था और इसी दौरान वो विरोध के कारण सुर्खियों में आयी थी वहीं खैरागढ़ परियोजना कार्यालय में आम नागरिकों सहित पत्रकारों के कार्यालय में प्रवेश को लेकर तुगलकी पाबंदी के कारण भी वे चर्चा में रही वहीं आंगनबाड़ी कार्यकत्र्ताओं-सहायिकाओं व कतिपय पर्यवेक्षकों से विवाद के कारण भी महिला बाल विकास अधिकारी खबरों में बनी रही, विवादों के चलते मुख्यमंत्री से लेकर विधायक व अन्य आला अधिकारियों से आंगनबाड़ी कार्यकत्र्ताओं के द्वारा श्रीमती नीरू के खराब व्यवहार व कामकाज को लेकर लिखित में शिकायत भी हुई थी वहीं जनपद पंचायत से चुनकर आये विभाग के सभापति व जनपद सदस्यों से भी उनकी नहीं बनी यहां तक की विभागीय बैठक भी उन्होंने आयोजित नहीं की और आंगनबाड़ी में भर्ती प्रक्रिया को लेकर भी विभाग में विरोध-प्रतिरोध चलता रहा.
इसके साथ ही बीते साल 3 अक्टूबर को परियोजना अधिकारी के दामाद श्रेयांश यादव पिता एमके यादव निवासी नेहरू नगर वार्ड क्र.37/ए भिलाई जिला दुर्ग सहित आरोपी के अन्य मित्रों ने गातापार जंगल थाना क्षेत्र अंतर्गत 7 ग्रामीणों को रेल्वे सहित अन्य विभागों में नौकरी लगाने के नाम पर ठगी की थी और मामले में एफआईआर के बाद परियोजना अधिकारी के दामाद सहित आरोपियों को जेल जाना पड़ा था. वर्तमान में उक्त मामले में परियोजना अधिकारी के दामाद जमानत पर रिहा है.